वाशिंगटन,12 दिसंबर (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक अहम एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए,जिसका उद्देश्य पूरे देश में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़े नियमों को एकीकृत और केंद्रीकृत करना है। इस आदेश के बाद अब यह प्रयास किया जाएगा कि एआई से संबंधित नीतियाँ राज्यों के स्तर पर अलग–अलग न बनें,बल्कि राष्ट्रीय ढाँचे के तहत एक समान रूप से लागू हों। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि विभिन्न राज्यों में अलग–अलग कानून बनने से न केवल तकनीकी विकास बाधित होता है,बल्कि तेजी से उभरती वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका की बढ़त भी कमजोर पड़ सकती है।
ऑर्डर पर हस्ताक्षर करते समय राष्ट्रपति ट्रंप ने दृढ़ता के साथ कहा कि अमेरिका इस समय एआई अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में दुनिया से बहुत आगे है। उन्होंने कहा, “हमारे पास बेहद मजबूत और तेजी से बढ़ती एआई इंडस्ट्री है। आज हम चीन और बाकी देशों से काफी आगे हैं। यह प्रतिस्पर्धा बेहद बड़ी है और इसमें जीत केवल एक की होगी—या अमेरिका की या चीन की। अभी अमेरिका बहुत आगे चल रहा है और हम इसे और मजबूत बनाना चाहते हैं।” ट्रंप की यह टिप्पणी स्पष्ट करती है कि उनके लिए एआई केवल तकनीकी मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा,आर्थिक नेतृत्व और वैश्विक प्रभाव की लड़ाई भी है।
नए आदेश के तहत प्रशासन एक ऐसा राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करेगा,जिसमें एआई से जुड़ी सभी नीतियाँ,अनुमतियाँ,मानक और विनियम एक ही केंद्रीय व्यवस्था के तहत नियंत्रित होंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर 50 राज्यों के अपने–अपने नियम होंगे,तो किसी भी कंपनी के लिए बड़े डेटा सेंटर,हाई–इंड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा–गहन एआई परियोजनाओं में निवेश करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर किसी कंपनी को हर राज्य से अलग–अलग मंजूरी लेनी पड़े,तो यह विकास असंभव बना देगा। हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एआई नेतृत्व का मुद्दा केवल तकनीक तक सीमित नहीं है,बल्कि यह अमेरिका की आर्थिक वृद्धि,रोजगार सृजन,राष्ट्रीय सुरक्षा और दीर्घकालिक वैज्ञानिक क्षमता से सीधे जुड़ा है। अधिकारी ने कहा कि यही कारण है कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि एआई का विकास एकीकृत और सुचारू रूप से आगे बढ़ सके और किसी राज्य की नीतियाँ राष्ट्रीय लक्ष्यों को बाधित न करें।
कार्यक्रम में निवेशक और टेक इंडस्ट्री के प्रमुख चेहरों में से एक डेविड सैक्स ने बताया कि राज्यों में एआई पर बहुत तेजी से कानून बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक एक हजार से भी ज्यादा विधेयक राज्यों ने पेश किए हैं और सौ से अधिक पर कानून भी बन चुके हैं। इन कानूनों में सबसे अधिक कैलिफ़ोर्निया,न्यूयॉर्क और इलिनॉय जैसे राज्य आगे हैं। सैक्स ने कहा कि यह स्थिति कंपनियों के लिए भ्रम पैदा करती है और निवेश की दिशा को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार संसद के साथ मिलकर ऐसा राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करेगी,जिसमें अत्यधिक सख्त और अव्यवहारिक राज्य-स्तरीय नियमों पर रोक लगाई जा सकेगी,जबकि कुछ आवश्यक प्रावधान—जैसे बच्चों की सुरक्षा,डेटा गोपनीयता और उपभोक्ता हित बने रहेंगे।
समारोह में कई वक्ताओं ने एआई को न सिर्फ तकनीकी विकास का मुद्दा बताया,बल्कि इसे राजनीतिक मूल्यों और वैश्विक शक्ति संतुलन की लड़ाई भी करार दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिका एआई के विकास को धीमा करता है या उसकी प्रगति पर अत्यधिक नियमों के नाम पर रोक लगाता है,तो इसका सीधा लाभ चीन को मिलेगा,जो एआई को भविष्य की वैश्विक शक्ति का सबसे बड़ा साधन मान रहा है। जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वे चीन को लेकर अधिक चिंतित हैं या एआई की संभावित जोखिमों को लेकर,तो उन्होंने कहा, “दोनों को लेकर। एआई अद्भुत अवसर भी है और बड़ी चुनौती भी। हमें इसकी शक्ति को समझकर आगे बढ़ना होगा।”
ट्रंप ने यह भी बताया कि एआई के कारण दवा अनुसंधान,चिकित्सा विज्ञान,जीनोमिक्स,कृषि तकनीक और ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व गति से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि महज कुछ वर्षों में एआई उस स्तर तक पहुँच चुका है,जिसके बारे में शुरुआत में अनुमान लगाया भी नहीं गया था। उन्होंने कहा कि यह तकनीक वैश्विक अर्थव्यवस्था को नया आकार दे रही है और अमेरिका इस दौड़ में अपनी बढ़त को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह कार्यकारी आदेश संघीय एजेंसियों को निर्देश देता है कि वे एआई के विकास, उपयोग,निगरानी,सुरक्षा और जिम्मेदार उपयोग से जुड़े सभी मानकों को एकीकृत ढाँचे में तैयार करें। आदेश यह भी सुनिश्चित करता है कि एआई परियोजनाएँ राज्य–स्तरीय विरोधाभासी कानूनों के कारण बाधित न हों। प्रशासन का मानना है कि एआई का भविष्य राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा से गहराई से जुड़ा है,इसलिए इसकी नीति भी केंद्रीकृत और मजबूत होनी चाहिए।
ट्रंप का यह कदम एआई क्षेत्र में अमेरिका के प्रभुत्व को बनाए रखने और चीन से बढ़ती तकनीकी प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने की दिशा में एक बड़ा और रणनीतिक कदम माना जा रहा है। इस राष्ट्रीय ढाँचे के आने से अमेरिका में एआई से जुड़े निवेश,शोध और नवाचार में और गति आने की उम्मीद है,जबकि कंपनियों को राज्यों में अलग–अलग कानूनों के कारण पैदा होने वाली उलझनों से बड़ी राहत मिलेगी।

