वाशिंगटन,26 अगस्त (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं,जिसका उद्देश्य राजधानी वाशिंगटन डीसी और देशभर में अपराध और हिंसा पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करना है। इस आदेश के तहत न केवल वाशिंगटन में बल्कि जरूरत पड़ने पर पूरे देश में भी नेशनल गार्ड की तैनाती की जा सकेगी। राष्ट्रपति का यह कदम अमेरिकी घरेलू सुरक्षा नीति और पुलिसिंग में सेना की बढ़ती भूमिका का संकेत माना जा रहा है।
नए आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि रक्षा मंत्री वाशिंगटन डीसी के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित एक नेशनल गार्ड यूनिट तैयार करें। यह यूनिट राजधानी की शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए समर्पित होगी। साथ ही,देश के अन्य राज्यों की नेशनल गार्ड यूनिट को भी उसी तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी,ताकि किसी भी जगह दंगे या अशांति की स्थिति उत्पन्न होने पर उन्हें तुरंत तैनात किया जा सके। आदेश में यह भी प्रावधान रखा गया है कि पूरे देश में हमेशा एक “क्विक रिएक्शन फोर्स” मौजूद रहे,जिसे आपात स्थिति में तुरंत भेजा जा सके।
इस आदेश का दायरा केवल सेना और गार्ड तक सीमित नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप ने नेशनल पार्क सर्विस को भी अतिरिक्त पार्क पुलिस अधिकारियों की भर्ती का निर्देश दिया है,ताकि राजधानी में सुरक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा,वाशिंगटन डीसी के अभियोजन कार्यालय,जिसे यूएस अटॉर्नी ऑफिस कहा जाता है,को भी अतिरिक्त वकीलों की नियुक्ति करने का आदेश दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है,ताकि हिंसक अपराधों और संपत्ति से जुड़े मामलों की तेज़ी से सुनवाई हो सके और अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की जा सके।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार,यह आदेश संकेत देता है कि ट्रंप घरेलू पुलिसिंग में सेना की भूमिका को अधिक प्रमुख बनाना चाहते हैं। हालाँकि,इस आदेश में एक बड़ा सवाल अनुत्तरित रह गया है। आमतौर पर नेशनल गार्ड राज्य के गवर्नर के आदेश पर काम करता है,लेकिन यह आदेश यह स्पष्ट नहीं करता कि अगर कोई गवर्नर अपने राज्य में नेशनल गार्ड की तैनाती से इनकार कर दे तो वाशिंगटन के बाहर भेजी जाने वाली इकाइयां किस प्राधिकारी को रिपोर्ट करेंगी। यही कारण है कि आलोचक इसे अमेरिकी संघीय व्यवस्था और राज्यों के अधिकारों के बीच एक संवैधानिक टकराव का संभावित कारण मान रहे हैं।
हाल के दिनों में वाशिंगटन और अन्य प्रमुख अमेरिकी शहरों में अपराध की घटनाओं में तेज़ वृद्धि देखी गई है। इसी कारण राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार यह संकेत दे चुके हैं कि वे अपराध से प्रभावित शहरों में सख्त कदम उठाने को तैयार हैं। कुछ ही दिन पहले रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने आदेश जारी किया था कि वाशिंगटन की सड़कों पर गश्त कर रहे नेशनल गार्ड जवान अब अपने हथियार साथ लेकर चलेंगे। यह आदेश वाशिंगटन के नागरिकों में सुरक्षा और सैन्य उपस्थिति को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर रहा है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि वाशिंगटन के बाद शिकागो अगला शहर हो सकता है,जहाँ अपराध पर अंकुश लगाने के लिए संघीय सरकार कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि न्यूयॉर्क को भी इस सूची में शामिल किया जा सकता है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि नेशनल गार्ड को इन शहरों में अपराध और हिंसा से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। शिकागो और न्यूयॉर्क के साथ-साथ लॉस एंजेलिस,बाल्टीमोर और ओकलैंड जैसे शहर भी उन इलाकों में शामिल हैं,जहाँ अपराध की समस्या लंबे समय से गंभीर बनी हुई है। खास बात यह है कि ये सभी शहर डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले हैं और यही कारण है कि ट्रंप के इस फैसले को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है।
रविवार को ट्रंप ने मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर के साथ विवाद के बीच बाल्टीमोर में सेना भेजने की भी चेतावनी दी। गवर्नर मूर ने वाशिंगटन में गार्ड की तैनाती की आलोचना की थी और ट्रंप को चुनौती देते हुए अपने राज्य आकर इस मुद्दे पर चर्चा करने का न्योता दिया था। इस घटना ने संघीय और राज्य सरकारों के बीच टकराव की स्थिति को और भी स्पष्ट कर दिया है।
11 अगस्त को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने यह घोषणा की थी कि वाशिंगटन में कानून-व्यवस्था को बहाल करने के लिए नेशनल गार्ड तैनात किया जाएगा। उस समय उन्होंने शिकागो,लॉस एंजेलिस,न्यूयॉर्क,बाल्टीमोर और ओकलैंड जैसे शहरों का नाम लेकर कहा था कि वहाँ अपराध की समस्या बेहद गंभीर है और इन शहरों में भी संघीय हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।
ट्रंप के आलोचकों का कहना है कि इस आदेश के पीछे उनका उद्देश्य केवल अपराध नियंत्रण नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीति भी है। उनका मानना है कि राष्ट्रपति चुनाव के करीब आते समय ट्रंप अपराध नियंत्रण के मुद्दे को अपनी सख्त छवि बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं,समर्थक इसे एक साहसिक कदम मानते हैं,जो अमेरिका को हिंसा और अपराध के जाल से बाहर निकालने में सहायक हो सकता है।
ट्रंप का यह आदेश अमेरिका की संघीय-राज्यीय शक्तियों के संतुलन,घरेलू पुलिसिंग में सेना की भूमिका और राजनीतिक टकराव को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वाकई नेशनल गार्ड की तैनाती वाशिंगटन और अन्य शहरों में अपराध पर लगाम लगाने में सफल हो पाती है या फिर यह निर्णय अमेरिकी राजनीति में एक और बड़े विवाद का कारण बन जाएगा।