डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप ने वेनेजुएला के साथ युद्ध की संभावना से किया इनकार,बोले– मादुरो के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं

वॉशिंगटन,4 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका का वेनेजुएला के साथ युद्ध छेड़ने का कोई इरादा नहीं है। हालाँकि,उन्होंने यह भी कहा कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के “दिन अब गिने-चुने रह गए हैं।” ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है,जब अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर है और दोनों देशों के बीच नशीली दवाओं की तस्करी,आव्रजन और राजनीतिक प्रभुत्व को लेकर तीखे आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।

सीबीएस के प्रतिष्ठित कार्यक्रम 60 मिनट्स को दिए गए इंटरव्यू में ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने वाला है। इस सवाल पर उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे संदेह है,लेकिन वे हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहे हैं—सिर्फ नशीली दवाओं के मामले में नहीं,बल्कि उन्होंने लाखों ऐसे लोगों को हमारे देश में भेजा है,जिन्हें हम नहीं चाहते थे। वे अपनी जेलें खाली कर रहे हैं और अपराधियों को अमेरिका भेज रहे हैं।”

ट्रंप ने कहा कि यह सिर्फ ड्रग्स की समस्या नहीं है,बल्कि इससे भी अधिक गंभीर स्थिति है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि मादुरो की सरकार जानबूझकर वेनेजुएला के अपराधियों और गिरोहों को अमेरिका की सीमा में धकेल रही है,ताकि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों पर बोझ बढ़े और देश में अस्थिरता फैले। ट्रंप ने कहा, “वे अपनी जेलों और गिरोहों को हमारे देश में भेज रहे हैं। यह केवल एक सीमा पार करने का मामला नहीं है,यह हमारे देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा है।”

ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है,जब अमेरिका कैरिबियाई क्षेत्र में नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चला रहा है। अमेरिकी नौसेना ने पिछले कुछ महीनों में दर्जनों ऑपरेशनों के दौरान सैकड़ों टन कोकीन और अन्य मादक पदार्थ जब्त किए हैं। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ ड्रग्स की आपूर्ति रोकना नहीं है,बल्कि उन देशों के खिलाफ कार्रवाई करना भी है,जो अमेरिका में अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

दूसरी ओर,वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिका पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अमेरिका लैटिन अमेरिका में “एक नया युद्ध रचने की साजिश” कर रहा है,ताकि क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व कायम रख सके। मादुरो ने कहा कि अमेरिकी नौसेना की गतिविधियाँ और उसकी उपस्थिति क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं। वहीं,कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने भी अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि “वॉशिंगटन क्षेत्रीय स्थिरता की आड़ में अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है।”

ट्रंप ने इंटरव्यू में ‘ट्रेन डे अरागुआ’ नामक गिरोह का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “यह दुनिया का सबसे खतरनाक गिरोह है और वेनेजुएला से अमेरिका में आ रहा है। ये लोग सिर्फ दक्षिण अमेरिका से नहीं,बल्कि अफ्रीका,कांगो और दुनिया भर के हिस्सों से आ रहे हैं। हम अब दुनिया भर से आने वाले अपराधियों को अपने देश में नहीं आने देंगे।” उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार सीमाओं पर कड़े कदम उठा रही है,ताकि अपराधी और मादक पदार्थों के तस्कर अमेरिका में प्रवेश न कर सकें।

ट्रंप ने यह भी दोहराया कि उनका लक्ष्य किसी देश पर हमला करना नहीं है,बल्कि अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “यह ड्रग्स के खिलाफ एक युद्ध नहीं,बल्कि हमारी सीमाओं की रक्षा का सवाल है। वेनेजुएला ने जिस तरह का रवैया अपनाया है,वह अस्वीकार्य है। मादुरो सरकार न केवल अपने देश की जनता को भूख और गरीबी में धकेल रही है,बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैला रही है।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान एक रणनीतिक सिग्नल है। वेनेजुएला के साथ खुली सैन्य टकराव से बचते हुए भी ट्रंप यह संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका किसी भी स्थिति में अपनी सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता से समझौता नहीं करेगा। वहीं,उनके “मादुरो के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं” वाले बयान से संकेत मिलता है कि अमेरिका कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी इस बयान के गूँज सुनाई दी है। लैटिन अमेरिकी देशों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या अमेरिका आने वाले महीनों में वेनेजुएला के खिलाफ नए प्रतिबंध या गुप्त सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। हालाँकि,व्हाइट हाउस ने अब तक किसी भी सैन्य योजना की पुष्टि नहीं की है।

इस बीच,मानवाधिकार संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच टकराव बढ़ता है,तो इससे क्षेत्र में शरणार्थी संकट और मानवीय आपदा गहराने की संभावना है। वेनेजुएला पहले ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है और लाखों नागरिक पलायन कर चुके हैं।

ट्रंप का यह बयान एक बार फिर यह दिखाता है कि अमेरिका अपने पश्चिमी गोलार्ध के पड़ोसी देशों के साथ सख्त नीति अपनाने के मूड में है। हालाँकि,उन्होंने युद्ध की संभावना से इनकार किया है,लेकिन उनके शब्दों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वॉशिंगटन अब मादुरो शासन को चुनौती देने से पीछे नहीं हटेगा। ट्रंप का संदेश साफ है—अगर वेनेजुएला ने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया,तो अमेरिका हर संभव कदम उठाने से नहीं झिझकेगा।