हनोई,3 अक्टूबर (युआईटीवी)- वियतनाम इन दिनों एक भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। हाल ही में एशिया में आए शक्तिशाली तूफानों की श्रृंखला में तूफान बुआलोई ने वियतनाम के उत्तरी और मध्य हिस्सों को गहरी चोट पहुँचाई है। इस तूफान के साथ आई बाढ़ और भूस्खलन ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान पहुँचाया है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अब तक इस आपदा में 51 लोगों की मौत हो चुकी है,जबकि 14 लोग अभी भी लापता हैं। इसके अलावा,164 लोग घायल हुए हैं,जिनमें कई गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है।
वियतनाम आपदा एवं डाइक प्रबंधन प्राधिकरण ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में इस त्रासदी का विस्तृत विवरण साझा किया। शुरुआती अनुमान के मुताबिक,तूफान और इसके बाद आई बाढ़ से देश को लगभग 15.9 ट्रिलियन वियतनामी डोंग यानी 608 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। यह क्षति न केवल घरों और फसलों तक सीमित है,बल्कि इसका असर शिक्षा,स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर भी गहराई से पड़ा है।
तूफान की मार सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों पर पड़ी,जहाँ घरों की मजबूती पहले से ही कम थी। लगभग 2,38,000 घर क्षतिग्रस्त या जलमग्न हो गए,जिससे लाखों लोग बेघर हो गए हैं। किसानों की हालत सबसे ज्यादा खराब हुई है,क्योंकि लगभग 89,000 हेक्टेयर चावल और अन्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। यह नुकसान ऐसे समय में हुआ है,जब किसान अपनी साल भर की मेहनत की फसल काटने की तैयारी कर रहे थे। साथ ही,17,000 हेक्टेयर से अधिक जलीय कृषि और 50,300 हेक्टेयर जंगल को भी नुकसान पहुँचा है। इसका असर वियतनाम की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों पर लंबे समय तक दिखाई देगा।
बुआलोई ने न केवल गाँवों और खेतों को तबाह किया,बल्कि बुनियादी ढाँचे को भी तहस-नहस कर दिया। 8,800 से अधिक बिजली के खंभे गिर गए और अभी भी लगभग 4,68,500 घरों में बिजली आपूर्ति ठप है। बिजली कटौती के कारण राहत और बचाव कार्यों में भी कठिनाई आ रही है। वहीं, 1,500 स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं,जिससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इस आपदा ने गहरी चोट की है,क्योंकि कई अस्पताल और क्लीनिक जलमग्न हो गए हैं।
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। सड़कों पर जमा मलबा हटाने और जलमग्न क्षेत्रों से पानी निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। सेना को भी राहत अभियान में लगाया गया है,ताकि अलग-थलग पड़े इलाकों तक भोजन,दवाइयाँ और अन्य जरूरी सामान पहुँचाया जा सके। प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने प्रभावित 15 प्रांतों के लिए आपातकालीन सहायता पैकेज को मंजूरी दी है। उन्होंने पहले ही 30 सितंबर को स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया था कि प्रभावित लोगों तक तत्काल मदद पहुँचाई जाए।
प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि सरकार हर संभव प्रयास करेगी ताकि प्रभावितों को जल्द-से-जल्द सुरक्षित स्थान और जरूरी सहायता मिल सके। उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे सेना और अन्य संसाधनों का उपयोग करके अलग-थलग पड़े गाँवों तक पहुँच बनाएँ। साथ ही,उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत तुरंत शुरू की जाए और जिनके घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं,उन्हें अस्थायी आश्रय उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाओं की मरम्मत पूरी कराई जाए,ताकि बच्चों और मरीजों को राहत मिल सके।
तूफान के कारण वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गाँव पूरी तरह जलमग्न हो गए,जिससे यातायात और बिजली व्यवस्था ठप हो गई। लोग अपने घरों में फँसे रहे और कई जगहों पर नावों की मदद से उन्हें निकाला गया। राहत कर्मियों का कहना है कि लापता लोगों की तलाश जारी है,लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
गौरतलब है कि बुआलोई एक हफ्ते में एशिया को प्रभावित करने वाला दूसरा बड़ा तूफान है। इससे पहले रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में भारी तबाही मचाई थी,जिसमें कम-से-कम 28 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद यह तूफान चीन होते हुए वियतनाम में आ पहुँचा और यहाँ और भी घातक रूप ले लिया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हाल के वर्षों में एशिया पर इस तरह के भीषण तूफानों का खतरा लगातार बढ़ रहा है और जलवायु परिवर्तन इसका बड़ा कारण है।
वियतनाम में इस समय सबसे बड़ी चुनौती प्रभावित लोगों को सुरक्षित आश्रय,भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। साथ ही,सरकार को यह भी देखना होगा कि कृषि और बुनियादी ढाँचे को हुए नुकसान की भरपाई कैसे की जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आपदा वियतनाम के लिए एक बड़ा सबक है कि देश को जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करना होगा।
तूफान बुआलोई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं का खतरा अब और गहरा होता जा रहा है। जहाँ एक ओर यह मानव जीवन को निगल रहा है,वहीं दूसरी ओर यह आर्थिक और सामाजिक ढाँचे को भी तोड़ रहा है। आने वाले दिनों में राहत कार्यों की सफलता और पुनर्निर्माण की गति ही यह तय करेगी कि वियतनाम इस तबाही से कितनी जल्दी उबर पाता है।