कीव/मॉस्को,6 अक्टूबर (युआईटीवी)- यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के बीच,यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस पर नागरिक बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचाने का गंभीर आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में जेलेंस्की ने कहा कि रूस हमारे नागरिक बुनियादी ढाँचे को नष्ट करने की खुलेआम कोशिश कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से गैस और बिजली उत्पादन व ट्रांसमिशन नेटवर्क को निशाना बनाए जाने की बात कही। जेलेंस्की ने कहा कि रूस की इस ओर की कार्रवाई के बावजूद दुनिया की तरफ से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने अपने संदेश में जोर देते हुए कहा कि यूक्रेन लड़ाई जारी रखेगा ताकि वैश्विक स्तर पर यह संदेश पहुँचे कि रूस की इस तरह की कार्रवाई पर चुप नहीं रहा जा सकता और उसे उचित प्रतिक्रिया का एहसास कराया जाए।
जेलेंस्की ने अपने संदेश में यह भी कहा कि हर रूसी मिसाइल और हमलावर ड्रोन में ऐसे पुर्जे शामिल हैं,जो पश्चिमी देशों और रूस के करीबी देशों से आपूर्ति किए जाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि रूसी किंजल मिसाइल में 96 विदेशी निर्मित पुर्जे होते हैं,जिनमें से कई अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और जिनका उत्पादन रूस स्वयं नहीं करता। इसके अलावा,जेलेंस्की ने यह भी बताया कि रूस द्वारा हाल ही में रातोंरात इस्तेमाल किए गए लगभग 500 ड्रोन में 100,000 से अधिक विदेशी निर्मित पुर्जे हैं। इन पुर्जों का निर्माण अमेरिका,चीन,ताइवान,यूनाइटेड किंगडम,जर्मनी,स्विट्जरलैंड, जापान,कोरिया गणराज्य और नीदरलैंड जैसे देशों में किया जाता है।
यूक्रेन के इस आरोप के साथ ही युद्ध में रूस और पश्चिमी देशों के बीच तकनीकी और सैन्य आपूर्ति को लेकर तनाव और बढ़ गया है। यूक्रेन ने यह स्पष्ट किया है कि रूस की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे अधिकांश हथियार और उपकरण सीधे विदेशी तकनीकी सहयोग पर निर्भर हैं। जेलेंस्की का यह बयान रूस की सैन्य क्षमताओं और उनकी बाहरी मदद पर वैश्विक नजर डालने का एक प्रयास भी माना जा रहा है।
वहीं,रूस की तरफ से भी कड़ा रुख देखने को मिला है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस के खिलाफ साजिश करने वाले देशों को चेतावनी दी और साथ ही यूक्रेन पर हमले रोकने के लिए कुछ शर्तें रखी। लावरोव ने कहा कि रूस किसी भी आक्रमण का दृढ़ता से जवाब देगा और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के खिलाफ बल प्रयोग की धमकियाँ लगातार दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस का कोई इरादा कभी नहीं था और न ही है कि वह बिना वजह किसी पर हमला करे।
जेलेंस्की और लावरोव के बयान इस युद्ध की गहराई और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तनाव को और स्पष्ट करते हैं। यूक्रेन ने रूस के नागरिक बुनियादी ढाँचे पर हमलों को केवल सैन्य दृष्टि से नहीं,बल्कि मानवीय और आर्थिक दृष्टि से भी गंभीर माना है। गैस और बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं को निशाना बनाना आम नागरिकों के जीवन को सीधे प्रभावित करता है और इसके परिणाम स्वरूप ऊर्जा संकट,आवासीय क्षेत्रों में असुविधा और आर्थिक नुकसान बढ़ सकते हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच यह गतिरोध केवल सैन्य लड़ाई तक सीमित नहीं है,बल्कि यह वैश्विक राजनीति,आर्थिक हित और तकनीकी आपूर्ति श्रृंखलाओं से भी जुड़ा हुआ है। रूस की निर्भरता विदेशी तकनीक और पुर्जों पर उसके सैन्य अभियान की क्षमता को प्रभावित करती है। वहीं,यूक्रेन की यह रणनीति कि वह विदेशी सहयोग और हथियार आपूर्ति को उजागर करता है,अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने और रूस पर दबाव बनाने की कोशिश है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह भी संकेत दिए हैं कि रूस के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को कार्रवाई करनी चाहिए। उनका यह बयान विशेष रूप से पश्चिमी देशों और वैश्विक संस्थाओं की ओर से उचित प्रतिक्रिया की माँग के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि रूस की ओर से निरंतर धमकियों और हमलों के बावजूद दुनिया की चुप्पी न केवल यूक्रेन के लिए,बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी चिंता का विषय है।
इस बीच,रूस और यूक्रेन के बीच तनावपूर्ण स्थिति के चलते भविष्य में और बड़े सैन्य संघर्ष की आशंका व्यक्त की जा रही है। दोनों देशों के बीच बातचीत और वार्ता के प्रयास लगातार जारी हैं,लेकिन दोनों पक्षों के बयान और सैन्य गतिविधियाँ इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की संभावना को चुनौती दे रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि युद्ध की यह स्थिति वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा,तकनीकी आपूर्ति और आर्थिक स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है। यूक्रेन ने जो आँकड़ें साझा किए हैं,उनके अनुसार रूस द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों और उपकरणों में विदेशी पुर्जों की बड़ी संख्या दर्शाती है कि वैश्विक सहयोग और सैन्य आपूर्ति श्रृंखला किस तरह से वर्तमान संघर्ष में एक निर्णायक भूमिका निभा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध केवल दो देशों के बीच सीमित नहीं है,बल्कि इसमें वैश्विक राजनीति,सैन्य प्रौद्योगिकी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जटिलताएँ भी शामिल हैं। इस बीच यूक्रेन की कोशिश है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रूस की कार्रवाई के प्रति जवाबदेही तय हो और वैश्विक समुदाय की चुप्पी टूटे,जिससे रूस को अपने सैन्य और रणनीतिक कदमों का एहसास हो सके।
अभी हालात यह संकेत दे रहे हैं कि युद्ध की गहमागहमी और अंतर्राष्ट्रीय तनाव दोनों ही बढ़ सकते हैं और वैश्विक समुदाय के लिए भी इस स्थिति पर ध्यान देना आवश्यक हो गया है।