अंडर-19 एशिया कप (तस्वीर क्रेडिट@Sports_Himanshu)

अंडर-19 एशिया कप फाइनल में हार के बाद हरकत में बीसीसीआई,टीम के प्रदर्शन और विवादित घटनाओं की होगी समीक्षा

नई दिल्ली,23 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम को 21 दिसंबर को दुबई में खेले गए एशिया कप 2024 के फाइनल मुकाबले में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने न सिर्फ क्रिकेट प्रशंसकों को निराश किया,बल्कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी गंभीर मंथन के लिए मजबूर कर दिया है। बोर्ड इस हार को महज एक मुकाबले की नाकामी मानकर नजरअंदाज करने के मूड में नहीं है और अब भारतीय टीम के पूरे प्रदर्शन की गहन समीक्षा की तैयारी कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,बीसीसीआई ने सोमवार को आयोजित ऑनलाइन एपेक्स काउंसिल मीटिंग के दौरान अंडर-19 एशिया कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन की समीक्षा करने का फैसला लिया है। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों का मानना है कि फाइनल में जिस तरह से टीम ने आत्मसमर्पण किया,वह चिंताजनक है और इसके पीछे की वजहों को समझना बेहद जरूरी है। खासतौर पर इसलिए भी क्योंकि आने वाले समय में अंडर-19 विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन होना है और अभी तक भारतीय टीम की घोषणा नहीं की गई है।

बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार,बोर्ड टीम मैनेजमेंट से पाकिस्तान के खिलाफ मिली इस निराशाजनक हार को लेकर जवाब माँग सकता है। इसके साथ ही हेड कोच ऋषिकेश कानिटकर और टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे से भी अलग-अलग बातचीत की जा सकती है। माना जा रहा है कि बोर्ड यह जानना चाहता है कि फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में भारतीय टीम रणनीतिक,मानसिक और तकनीकी रूप से इतनी कमजोर क्यों नजर आई। बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी और फील्डिंग तक,तीनों विभागों में टीम का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया।

फाइनल मुकाबले की बात करें तो पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 348 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था। पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखा और बड़े शॉट्स के साथ मजबूत स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम पूरी तरह बिखर गई और महज 156 रनों पर सिमट गई। इस तरह भारत को 191 रनों से करारी हार झेलनी पड़ी,जो अंडर-19 स्तर पर किसी भी फाइनल मुकाबले में बेहद निराशाजनक मानी जा रही है।

हार के साथ-साथ फाइनल मुकाबले के दौरान हुए कुछ विवादित घटनाक्रम भी बीसीसीआई के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। मैच के दौरान भारतीय टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे और सलामी बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी के आउट होने के बाद पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अली रजा के साथ उनकी तीखी बहस हो गई थी। इस घटना को लेकर पाकिस्तान टीम मैनेजमेंट ने भारतीय खिलाड़ियों पर गलत बर्ताव और खेल भावना के विपरीत आचरण का आरोप लगाया है।

फाइनल के बाद पाकिस्तान टीम के मेंटर और पूर्व कप्तान सरफराज अहमद ने भारतीय खिलाड़ियों के व्यवहार पर सवाल उठाए थे। वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा था कि मैदान पर इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। नकवी ने यहाँ तक संकेत दिया कि वह इस पूरे मामले को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सामने उठा सकते हैं। हालाँकि,बीसीसीआई की ओर से अब तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है और यह भी साफ नहीं है कि समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी या नहीं।

बीसीसीआई के लिए यह समय इसलिए भी अहम है क्योंकि अंडर-19 विश्व कप अब ज्यादा दूर नहीं है। ऐसे में एशिया कप में मिली हार और टीम के भीतर दिखी कमजोरियों को नजरअंदाज करना भविष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बोर्ड की कोशिश होगी कि टीम चयन से पहले खिलाड़ियों के प्रदर्शन,उनकी मानसिक मजबूती और अनुशासन से जुड़े पहलुओं का बारीकी से आकलन किया जाए।

भारतीय अंडर-19 टीम को हमेशा से मजबूत बेंच स्ट्रेंथ और अनुशासित खेल के लिए जाना जाता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में मिली इस हार ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या खिलाड़ी बड़े मुकाबलों का दबाव नहीं झेल पा रहे हैं या फिर टीम रणनीति में ही कहीं चूक रह गई? इन्हीं सवालों के जवाब बीसीसीआई समीक्षा बैठक के जरिए तलाशने की कोशिश करेगा।

आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि इस समीक्षा का क्या नतीजा निकलता है और क्या अंडर-19 टीम मैनेजमेंट या खिलाड़ियों में किसी तरह के बदलाव किए जाते हैं। फिलहाल इतना तय है कि एशिया कप फाइनल में मिली यह हार भारतीय क्रिकेट के लिए एक चेतावनी की तरह है,जिसे गंभीरता से लेना बीसीसीआई के लिए बेहद जरूरी हो गया है।