बैंक (तस्वीर क्रेडिट@InvGurInd)

यूनियन बैंक और सेंट्रल बैंक को मिले नए प्रमुख,आरबीआई में शिरीष चंद्र मुर्मू होंगे डिप्टी गवर्नर

नई दिल्ली,30 सितंबर (युआईटीवी)- केंद्र सरकार ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में अहम फेरबदल करते हुए दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए नए प्रमुखों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में भी नए डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लिए नए प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के नामों पर मुहर लगाई है। इसके अलावा, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में शिरीष चंद्र मुर्मू की नियुक्ति भी मंजूर कर दी गई है। इन सभी नियुक्तियों की अवधि तीन साल की होगी।

सरकार ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ के रूप में आशीष पांडे को चुना है। पांडे वर्तमान में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने नए पदभार ग्रहण करने के साथ ही तीन साल के कार्यकाल के लिए यूनियन बैंक का नेतृत्व संभालेंगे। बैंकिंग जगत में पांडे को एक अनुभवी और व्यवहारिक प्रबंधक माना जाता है। उन्होंने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में रहते हुए डिजिटल बैंकिंग सेवाओं और खुदरा ऋण क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए थे,जिनसे बैंक के प्रदर्शन पर सकारात्मक असर पड़ा। अब उनसे उम्मीद की जा रही है कि यूनियन बैंक,जो देश के प्रमुख सरकारी बैंकों में से एक है,उनके नेतृत्व में और अधिक मजबूती हासिल करेगा।

इसी प्रकार,सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नए एमडी और सीईओ के रूप में कल्याण कुमार को नियुक्त किया गया है। कुमार फिलहाल पंजाब नेशनल बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। जुलाई में एम.वी. राव के सेवानिवृत्त होने के बाद वे सेंट्रल बैंक की जिम्मेदारी सँभालेंगे। कुमार का बैंकिंग क्षेत्र में लंबा अनुभव रहा है और उन्हें परिचालन दक्षता और वित्तीय अनुशासन के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति से सेंट्रल बैंक में नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है,क्योंकि यह बैंक पिछले कुछ समय से पुनर्गठन और सुधार की प्रक्रिया से गुजर रहा है।

इन दोनों नामों की सिफारिश वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने की थी। एफएसआईबी ने 30 मई को अपनी सिफारिशें सरकार को भेजी थीं। ब्यूरो का नेतृत्व कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव भानु प्रताप शर्मा कर रहे हैं। इस चयन प्रक्रिया में उम्मीदवारों के बैंकिंग अनुभव,नेतृत्व क्षमता और संस्थागत विकास की दृष्टि से उनके योगदान को ध्यान में रखा गया।

इसके अलावा,सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक में भी एक महत्वपूर्ण नियुक्ति की है। शिरीष चंद्र मुर्मू को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर बनाया गया है। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए होगी और यह 9 अक्टूबर से प्रभावी होगी। मुर्मू वर्तमान में आरबीआई में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और पर्यवेक्षण विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं। अब वे एम. राजेश्वर राव का स्थान लेंगे,जिनका विस्तारित कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है।

आरबीआई में नियमों के अनुसार चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए। इनमें से एक वाणिज्यिक बैंकिंग प्रणाली से,दो बैंक के अंदर से और एक अर्थशास्त्री के रूप में नियुक्त किया जाता है। मौजूदा डिप्टी गवर्नरों में स्वामीनाथन जे,पूनम गुप्ता और टी. रबी शंकर शामिल हैं। मुर्मू के आने से आरबीआई की टीम अब पूरी तरह से संतुलित हो जाएगी।

राजेश्वर राव 2020 से डिप्टी गवर्नर के पद पर कार्यरत थे। उन्हें शुरुआती तीन साल के कार्यकाल के बाद 2023 और 2024 में दो बार एक-एक साल का सेवा विस्तार दिया गया। पिछले पाँच वर्षों में उन्होंने बैंकिंग नियमन,ऋण प्रबंधन और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में अहम योगदान दिया। अब उनकी जगह शिरीष चंद्र मुर्मू जिम्मेदारी सँभालेंगे।

सरकार के इन हालिया फैसलों को भारतीय बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में नई गति और स्थिरता लाने के रूप में देखा जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नेतृत्व परिवर्तन से नई रणनीतियों और नीतियों को लागू करने का रास्ता खुलता है। वहीं,आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के रूप में मुर्मू की नियुक्ति से केंद्रीय बैंक की नीतिगत और पर्यवेक्षण क्षमताओं को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र इस समय कई चुनौतियों और अवसरों के दौर से गुजर रहा है। डिजिटल बैंकिंग,साइबर सुरक्षा,एनपीए प्रबंधन और वित्तीय समावेशन जैसे मुद्दे बैंकों के सामने हैं। ऐसे में यूनियन बैंक और सेंट्रल बैंक जैसे बड़े सार्वजनिक बैंकों में नए नेतृत्व से सुधार और नवाचार को गति मिल सकती है। इसी प्रकार,आरबीआई में डिप्टी गवर्नर के रूप में मुर्मू की नियुक्ति से निगरानी और नियामक ढांचे को और सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

आशीष पांडे और कल्याण कुमार की नियुक्ति न केवल इन दोनों बैंकों के लिए बल्कि पूरे बैंकिंग तंत्र के लिए सकारात्मक संकेत है। वहीं,शिरीष चंद्र मुर्मू की नियुक्ति से आरबीआई की कार्यप्रणाली में नई ऊर्जा आएगी और यह वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएगी। सरकार के इन कदमों से यह साफ हो गया है कि बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत और भविष्य के लिए तैयार करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।