ओटावा,28 जून (युआईटीवी)- कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक बार फिर से तनाव गहराता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे कनाडा के साथ सभी व्यापार वार्ताओं को समाप्त कर देंगे। इसका कारण कनाडा द्वारा अमेरिकी टेक कंपनियों पर लगाया गया डिजिटल सर्विस टैक्स (डीएसटी) है। इस फैसले के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिका के साथ चल रही वार्ताओं को “जटिल लेकिन आवश्यक” बताया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में साफ तौर पर कहा कि कनाडा का डिजिटल सर्विस टैक्स,अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर एक “सीधा और स्पष्ट हमला” है। ट्रंप का मानना है कि इस टैक्स का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों जैसे गूगल, अमेजन,मेटा,उबर और एयरबीएनबी से राजस्व वसूलना है,जिससे अमेरिकी हितों को नुकसान पहुँचता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अब कनाडा के साथ चल रही टैरिफ हटाने की बातचीत को तत्काल प्रभाव से बंद कर देगा।
कनाडा ने घोषणा की है कि 30 जून से एक नया टैक्स लागू होगा,जिसके तहत अमेरिकी डिजिटल कंपनियों को कनाडाई यूजर्स से होने वाले राजस्व पर 3% शुल्क देना होगा। यह टैक्स खासतौर पर उन कंपनियों पर लागू होगा,जिनका कारोबार डिजिटल सेवा आधारित है।
सरकार का तर्क है कि डिजिटल सेवाएँ कनाडा में बड़े पैमाने पर उपयोग हो रही हैं, लेकिन इससे होने वाला राजस्व स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं दे रहा। इसलिए यह टैक्स न्यायपूर्ण कर प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में कदम माना जा रहा है।
कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “हम कनाडाई लोगों के सर्वोत्तम हित में इन जटिल वार्ताओं को जारी रखेंगे। यह एक नेगोशिएशन है।” उन्होंने इस स्थिति को राजनीतिक और आर्थिक चुनौती जरूर माना,लेकिन साथ ही भरोसा जताया कि बातचीत से समाधान निकल सकता है।
कार्नी का रुख यह दर्शाता है कि कनाडा अमेरिका के साथ संबंध बिगाड़ना नहीं चाहता,लेकिन अपनी आर्थिक नीतियों में स्वायत्तता बनाए रखना भी उसकी प्राथमिकता है।
इस तनाव का असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर पहले से ही दिखाई देने लगा है। स्टैटिक्स कनाडा की एक रिपोर्ट के मुताबिक,अप्रैल महीने में कनाडा का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 0.1% घटा है। खासकर ट्रांसपोर्टेशन इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे अधिक गिरावट आई है।
इसका प्रमुख कारण अमेरिकी बाजार में मोटर वाहनों के निर्यात में आई गिरावट को माना जा रहा है,क्योंकि अमेरिकी टैरिफ की अनिश्चितता के चलते कुछ मोटर वाहन निर्माता कंपनियों ने उत्पादन में कटौती की है। इससे निर्यात,रोजगार और औद्योगिक उत्पादन तीनों पर नकारात्मक असर पड़ा है।
यह विवाद केवल एक टैक्स नीति का मसला नहीं है,बल्कि यह अमेरिका और कनाडा के बीच डिजिटल अर्थव्यवस्था,वैश्विक व्यापार संतुलन और कराधान अधिकार से जुड़ा गहरा मुद्दा बनता जा रहा है। यदि अमेरिका कनाडा पर अतिरिक्त टैरिफ लगाता है या वार्ताएँ स्थगित रहती हैं,तो इससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में लंबे समय तक तनाव बना रह सकता है।
डिजिटल टैक्स को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब व्यापारिक संघर्ष का रूप लेता जा रहा है। ट्रंप के आक्रामक रुख और कार्नी के संतुलित बयान के बीच अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या दोनों देश संवाद और कूटनीति के माध्यम से कोई हल निकाल सकते हैं या यह मसला वैश्विक डिजिटल टैक्स नीतियों में भी दरार डाल देगा।