प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,शशि थरूर (तस्वीर क्रेडिट@NituTiw81600052)

अमेरिकी टैरिफ पर गरमाई सियासत: शशि थरूर ने सरकार से की जवाबी कार्रवाई की माँग,कहा- अमेरिका को 50% टैरिफ से दिया जाए जवाब

नई दिल्ली,8 अगस्त (युआईटीवी)- भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव उस समय और गहरा गया,जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल आयात जारी रखने को लेकर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। इस फैसले के बाद देश की सियासत में हलचल मच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्र सरकार से स्पष्ट जवाब देने की माँग की है।

शशि थरूर ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका का यह फैसला पूरी तरह अनुचित है और भारत को इसका सख्ती से जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका भारत से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा सकता है,तो भारत को भी अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर उतना ही टैरिफ लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक हो गया है कि भारत अपने हितों की रक्षा करते हुए समान रूप से कठोर आर्थिक नीति अपनाए।

थरूर ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार लगभग 90 अरब डॉलर का है और अगर उस पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है,तो भारतीय निर्यातक भारी नुकसान झेलेंगे। उन्होंने चिंता जताई कि टैरिफ के कारण भारतीय उत्पाद अमेरिका में 50 प्रतिशत महँगे हो जाएँगे और वहाँ के ग्राहक ऐसी महँगी वस्तुएँ नहीं खरीदना चाहेंगे। इससे भारत के व्यापारिक हितों को बड़ा झटका लगेगा और लाखों रोजगार भी प्रभावित हो सकते हैं।

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीति को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि चीन भी रूस से कहीं अधिक मात्रा में तेल खरीदता है,इसके बावजूद अमेरिका ने चीन को 90 दिनों का समय दिया है,जबकि भारत को महज 3 सप्ताह की मोहलत मिली। यह भेदभाव भारत के प्रति अमेरिकी नीति की वास्तविकता को उजागर करता है और सरकार को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वह कहते रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप उनके अच्छे मित्र हैं। उन्होंने अमेरिका में जाकर उनके लिए प्रचार भी किया था,लेकिन अब जब अमेरिका ने भारत पर अन्यायपूर्ण टैरिफ लागू किया है,तो प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार की चुप्पी भारत की संप्रभुता और व्यापारिक प्रतिष्ठा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

थरूर ने सरकार से आग्रह किया कि वह अमेरिका को दो टूक जवाब दे और भारत में अमेरिकी उत्पादों पर भी 50 प्रतिशत का टैरिफ लागू करे। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर औसतन 17 प्रतिशत का शुल्क लगाता है,लेकिन इस उदारता का अमेरिका गलत लाभ उठा रहा है। यदि अमेरिका एकतरफा कार्रवाई करता है,तो भारत को भी माकूल जवाब देना चाहिए और टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा देना चाहिए।

सिर्फ शशि थरूर ही नहीं,कांग्रेस के एक अन्य सांसद अमर सिंह ने भी अमेरिकी टैरिफ पर नाराजगी जताई है। उन्होंने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि अमेरिका भारत के साथ अन्याय कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में जाकर डोनाल्ड ट्रंप के लिए चुनावी प्रचार किया था और उन्हें ‘दोस्त’ कहा था। अब जब वही ट्रंप भारत पर अनुचित टैरिफ लगा रहे हैं,तो प्रधानमंत्री का चुप रहना समझ से परे है।

अमर सिंह ने कहा कि अमेरिका अब पाकिस्तान तक को हथियार देने की बात कर रहा है,जबकि भारत को दंडित कर रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह अमेरिकी रवैये के खिलाफ ठोस और स्पष्ट रणनीति बनाए और देश के सम्मान और हितों की रक्षा करे।

कांग्रेस नेताओं के इन बयानों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर अब राजनीतिक मोर्चा भी गरमा चुका है। अमेरिका के टैरिफ फैसले ने न केवल आर्थिक मोर्चे पर बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी बहस को तेज कर दिया है।

भारत सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है,लेकिन विपक्ष के बढ़ते दबाव और देश के व्यापारिक हितों को देखते हुए जल्द ही सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ सकती है। साथ ही,यह भी देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के इस निर्णय पर भारत क्या जवाबी रणनीति अपनाता है और क्या वह भी अमेरिका की तर्ज पर टैरिफ बढ़ाने का साहसिक फैसला करता है या नहीं।