ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन की दो दिवसीय भारत यात्रा (तस्वीर क्रेडिट@MEAIndia)

ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन की दो दिवसीय भारत यात्रा: व्यापार और रक्षा सहयोग को बढ़ावा

नई दिल्ली,15 अक्टूबर (युआईटीवी)- ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन बुधवार से भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं,जिसमें दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार,निवेश और बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। विदेश मंत्रालय ने इस दौरे की जानकारी साझा करते हुए कहा कि अल्कमिन के आगमन से भारत-ब्राजील संबंधों में नई ऊर्जा आएगी और दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

ब्राजील के उपराष्ट्रपति इस दौरे के दौरान गुरुवार,16 अक्टूबर को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक उच्चस्तरीय व्यापार समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में व्यापार और निवेश के मौजूदा ढाँचे की समीक्षा के साथ-साथ नए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। इस अवसर पर ब्राजील के उपराष्ट्रपति के साथ कैबिनेट मंत्री,वरिष्ठ अधिकारी और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहेंगे,जिससे दोनों देशों के व्यापारिक और औद्योगिक संबंधों को मजबूती मिलेगी।

अल्कमिन बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे। इस बैठक में ब्राजील के रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो भी उपस्थित रहेंगे। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच चर्चा का मुख्य केंद्र भारत-ब्राजील के रक्षा क्षेत्र में बहुआयामी संबंध,सैन्य-से-सैन्य सहयोग,रक्षा औद्योगिक साझेदारी और अन्य आपसी हित के क्षेत्र होंगे। यह बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास और सहयोग को और गहरा करने का अवसर प्रदान करेगी।

अल्कमिन के दौरे का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वे उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन,विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के दौरान दोनों पक्ष कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने,ऊर्जा,प्राकृतिक गैस,नई तकनीक और औद्योगिक निवेश जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।

इस दौरे के दौरान गेराल्डो अल्कमिन भारत-ब्राजील व्यापार मंच में भाग लेंगे और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का दौरा भी करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि ब्राजील दक्षिण अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ब्राजील यात्रा के दौरान,दोनों देशों के नेताओं ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मंत्रिस्तरीय समीक्षा तंत्र स्थापित करने और अगले पाँच वर्षों के लिए 20 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति जताई थी।

विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा के महत्व को बताते हुए कहा कि अल्कमिन का दौरा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की समीक्षा करने,नए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने और व्यापार लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रोडमैप तैयार करने का अवसर प्रदान करेगा। यह यात्रा भारत-ब्राजील के बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्राजील और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंध दोनों देशों के आर्थिक विकास में सहायक होंगे। ऊर्जा,कृषि,सूचना प्रौद्योगिकी,स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने से न केवल द्विपक्षीय व्यापार को नई दिशा मिलेगी,बल्कि वैश्विक आर्थिक मंच पर दोनों देशों की भूमिका भी मजबूत होगी।

अल्कमिन की यात्रा भारत-ब्राजील व्यापार निगरानी तंत्र (टीएमएम) की सातवीं बैठक के कुछ ही दिनों बाद हो रही है,जिसमें द्विपक्षीय व्यापार को पाँच वर्षों में 20 अरब डॉलर तक ले जाने की रूपरेखा पर चर्चा की गई थी। इस बैठक और उपराष्ट्रपति की यात्रा के परिणामस्वरूप व्यापारिक सहयोग,निवेश प्रवाह और औद्योगिक साझेदारी के नए अवसर खुलने की उम्मीद है।

इसके अलावा,यह दौरा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने का अवसर भी प्रदान करता है। रक्षा,ऊर्जा,उद्योग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में साझेदारी से भारत और ब्राजील न केवल अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देंगे,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी साझा दृष्टिकोण और सहयोग का संदेश देंगे।

अल्कमिन की इस यात्रा से भारत और ब्राजील के बीच कूटनीतिक,आर्थिक और रक्षा संबंधों में नई गति आने की उम्मीद है। यह दौरा दोनों देशों की साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने और वैश्विक आर्थिक और सुरक्षा परिदृश्य में उनकी भूमिका को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

इस प्रकार,गेराल्डो अल्कमिन की भारत यात्रा व्यापार,निवेश और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी,जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और विकास के नए आयाम जुड़ेंगे।