शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा (तस्वीर क्रेडिट@catale7a)

बांग्लादेश में हिंसा और हमलों पर अवामी लीग का तीखा हमला,अंतरिम सरकार पर कट्टरपंथ को संरक्षण देने का आरोप

ढाका,20 दिसंबर (युआईटीवी)- बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी अवामी लीग ने देश भर में हुए हालिया हिंसक हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इन्हें सुनियोजित आतंकवादी कार्रवाई करार दिया है। पार्टी ने कहा है कि इन घटनाओं ने बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष पहचान,सांस्कृतिक विरासत और मीडिया की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अवामी लीग का आरोप है कि जिस तरह से मीडिया संस्थानों,सांस्कृतिक संगठनों और राजनयिक मिशनों को निशाना बनाया गया,उससे यह साफ हो गया है कि देश में कानून व्यवस्था और एक आधुनिक,सभ्य राज्य की न्यूनतम विशेषताएँ भी कमजोर पड़ चुकी हैं।

अवामी लीग के अनुसार,हालिया हमलों में बांग्लादेश के दो सबसे प्रतिष्ठित अखबारों प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर हमले किए गए। इसके अलावा राष्ट्रीय सांस्कृतिक संस्था छायानट,भारतीय सांस्कृतिक केंद्र,चटगांव और खुलना स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग के कार्यालयों को भी निशाना बनाया गया। पार्टी ने कहा कि ये सिर्फ इमारतों पर हमले नहीं हैं,बल्कि ये बांग्लादेश की बौद्धिक,सांस्कृतिक और कूटनीतिक नींव पर सीधा प्रहार हैं। हमलों की सूची में बंगबंधु स्मारक संग्रहालय के बचे हुए ढांचे का नाम भी शामिल है,जो देश के इतिहास और मुक्ति संग्राम की स्मृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है।

अवामी लीग ने अपने बयान में कहा कि बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को बार-बार निशाना बनाना यह दर्शाता है कि हमलावर सिर्फ वर्तमान व्यवस्था ही नहीं,बल्कि बांग्लादेश के इतिहास और उसकी आत्मा को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने बताया कि संग्रहालय को जलाया गया,उसे गिराने के लिए बुलडोजर लगाए गए और यहाँ तक कि मलबे पर भी दोबारा हमले किए गए। अवामी लीग के मुताबिक यह सोच घोर हिंसक और फासीवादी मानसिकता को दर्शाती है,जो मुक्ति युद्ध विरोधी और जनविरोधी ताकतों की पहचान है।

इसी बीच देश में साम्प्रदायिक हिंसा की एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई,जिसमें एक हिंदू युवक को कथित तौर पर नफरत के चलते बेरहमी से पीटा गया और फिर जला कर मार डाला गया। अवामी लीग ने इस घटना को मानवता और कानून के शासन पर सीधा हमला बताया है। पार्टी का कहना है कि एक अल्पसंख्यक युवक की इस तरह से हत्या यह साबित करती है कि देश में सक्रिय कट्टरपंथी ताकतें न तो धार्मिक मूल्यों का सम्मान करती हैं और न ही इंसानी जीवन की पवित्रता को मानती हैं।

अवामी लीग के अनुसार,देश में यह अशांति उस समय और बढ़ गई,जब कट्टरपंथी संगठन इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत हुई। पार्टी का आरोप है कि इस घटना को बहाना बनाकर उग्रवादी और साम्प्रदायिक तत्वों ने हिंसा का माहौल तैयार किया और उसे देश के अलग-अलग हिस्सों में फैलाया। बयान में कहा गया कि इन घटनाओं के पीछे शत्रुतापूर्ण ताकतों,कट्टर साम्प्रदायिक समूहों और उग्रवादी संगठनों की एक सुनियोजित साजिश नजर आती है,जिसका उद्देश्य देश की शांति को भंग करना,धर्म के नाम पर समाज को बांटना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की छवि को नुकसान पहुँचाना है।

अवामी लीग ने इन घटनाओं के लिए मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी का कहना है कि मौजूदा सरकारी व्यवस्था पूरी तरह कट्टरपंथी साम्प्रदायिक उन्माद में डूब चुकी है और जो खुद को सरकार कहती है,वही इन ताकतों को संरक्षण दे रही है। बयान में यह भी कहा गया कि सरकार की उदासीनता और निष्क्रियता अब छिपी नहीं रह गई है और यह साफ तौर पर दिखाई दे रही है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में वह पूरी तरह विफल रही है।

पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि दूसरे देशों के सांस्कृतिक संस्थानों और राजनयिक मिशनों को निशाना बनाना न केवल शिष्टाचार और राज्य सुरक्षा का घोर उल्लंघन है,बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय कानून और कूटनीतिक मानदंडों का भी खुला उल्लंघन है। अवामी लीग के अनुसार,एक स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में बांग्लादेश का इस तरह आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनना बेहद चिंताजनक है। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते इन गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई गई,तो इसके गंभीर अंतर्राष्ट्रीय परिणाम हो सकते हैं।

अपने बयान में अवामी लीग ने जोर देकर कहा कि ये बर्बर हमले और हत्याएँ बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष भावना,मुक्ति युद्ध के आदर्शों,बहुलवाद,सांस्कृतिक विरासत और मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा और चरम हमला हैं। पार्टी का कहना है कि बांग्लादेश की पहचान हमेशा से एक बहुलवादी और सहिष्णु समाज की रही है,जहाँ अलग-अलग धर्मों,संस्कृतियों और विचारधाराओं को साथ रहने का अधिकार मिला है,लेकिन हालिया घटनाएँ इस पहचान को कमजोर करने की कोशिश का हिस्सा हैं।

अवामी लीग ने माँग की है कि इन हमलों और हत्याओं में शामिल सभी आतंकियों,साजिशकर्ताओं और उन्हें संरक्षण देने वालों को बिना किसी भेदभाव के कड़ी सजा दी जाए। पार्टी का कहना है कि न्याय तभी संभव है,जब जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अवामी लीग ने समाज के हर स्तर पर जन जागरूकता पैदा करने की जरूरत पर भी जोर दिया है,ताकि कट्टर साम्प्रदायिक और उग्रवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई जा सके।

पार्टी के नेताओं का मानना है कि यह सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं,बल्कि बांग्लादेश के भविष्य और उसकी आत्मा को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मुक्ति युद्ध की विरासत और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के आदर्शों पर चलने वाला बांग्लादेश हिंसा,नफरत और कट्टरता के रास्ते पर नहीं चल सकता। अवामी लीग ने दोहराया कि वह देश की शांति,धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाती रहेगी।

अवामी लीग का यह बयान बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता को दर्शाता है। पार्टी ने जिस तीखे अंदाज में अंतरिम सरकार और कट्टरपंथी ताकतों पर हमला बोला है,उससे यह साफ है कि आने वाले समय में देश की राजनीति और अधिक तनावपूर्ण हो सकती है। सवाल यह है कि क्या सरकार इन आरोपों का जवाब देकर ठोस कार्रवाई करेगी या फिर यह अशांति और गहराती चली जाएगी।