नेपाल में हिंसक प्रदर्शन (तस्वीर क्रेडिट@bobby_shabnam)

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन: काठमांडू में फँसे भारतीय और विदेशी पर्यटक,दूतावास से मदद की अपील

काठमांडू,10 सितंबर (युआईटीवी)- नेपाल इस समय गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है। काठमांडू और कई अन्य इलाकों में भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने न सिर्फ स्थानीय नागरिकों को डरा दिया है,बल्कि वहाँ मौजूद सैकड़ों विदेशी पर्यटक भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि राजधानी काठमांडू की सड़कें हिंसा,पथराव और आगजनी की घटनाओं से दहलीज बन चुकी हैं। इन हालातों के बीच भारतीय दूतावास में मदद की गुहार लगाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं,विदेशी नागरिक भी डर और अनिश्चितता से घिरे हुए हैं।

भारत से नेपाल घूमने आए पर्यटक फिलहाल सबसे ज्यादा दिक्कत झेल रहे हैं। कई भारतीय नागरिकों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों के साथ नेपाल का दौरा प्लान किया था,लेकिन यहाँ पहुँचने के तुरंत बाद ही हालात बिगड़ गए। एक भारतीय पर्यटक ने बताया कि वे दोस्तों के साथ छुट्टियाँ बिताने नेपाल आए थे,लेकिन उनके पहुँचते ही कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके बाद से वे होटल में ही कैद होकर रह गए हैं। खाने-पीने की समस्या तक खड़ी हो गई है और बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही। उनका कहना था कि जितनी जल्दी भारतीय सरकार सुरक्षित निकासी का इंतजाम कर सके,उतना बेहतर होगा।

एक अन्य भारतीय नागरिक ने साझा किया कि उन्होंने दूतावास से संपर्क किया और उन्हें सलाह दी गई कि फिलहाल होटल या किसी सुरक्षित जगह पर ही रुकें। दूतावास ने सभी भारतीयों को भरोसा दिलाया है कि हालात सामान्य होने तक उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। फिर भी पर्यटकों में भय का माहौल गहराता जा रहा है। एक अन्य पर्यटक ने कहा कि “स्थिति बेहद तनावपूर्ण है,हम डरे हुए हैं और सिर्फ यही उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही हमें सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता मिल सके।”

सिर्फ भारतीय ही नहीं,बल्कि अन्य विदेशी पर्यटक भी नेपाल की बिगड़ती परिस्थितियों से परेशान हैं। जर्मनी से आए एक यात्री ने कहा कि उन्होंने काठमांडू में होटलों से उठता हुआ धुआँ अपनी आँखों से देखा। वे होटल आग की लपटों में जल रहे थे और कई निर्दोष लोग हिंसा की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद भयावह और पीड़ादायक दृश्य था। उन्होंने उम्मीद जताई कि नेपाल जल्द ही सामान्य स्थिति में लौटेगा और निर्दोष नागरिकों की जिंदगी बच सकेगी।

नेपाल की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक,पशुपतिनाथ मंदिर तक को श्रद्धालुओं के लिए बंद करना पड़ा है। प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर सेना की तैनाती की है,ताकि मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मंदिर को बंद करने का फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है, जिससे यह साफ है कि हालात अत्यधिक गंभीर हो चुके हैं।

भारत सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जो लोग नेपाल की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं,वे फिलहाल अपनी यात्रा स्थगित कर दें। वहीं,जो भारतीय पहले से नेपाल में मौजूद हैं,उन्हें सलाह दी गई है कि वे अपने घरों या होटलों में ही सुरक्षित रहें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। भारतीय दूतावास लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर मदद उपलब्ध कराने की तैयारी में है।

नेपाल में प्रदर्शन लगातार उग्र होते जा रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार,बीते सोमवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में कम-से-कम 22 लोगों की मौत हो गई,जबकि 500 से अधिक लोग घायल हुए। इस भारी हिंसा के बाद सरकार ने राजधानी समेत कई हिस्सों में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़कों पर लगातार पथराव और आगजनी की घटनाएँ हो रही हैं। दुकानों,होटलों और वाहनों को निशाना बनाया जा रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों को बुनियादी जरूरतों की पूर्ति तक में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। काठमांडू में मौजूद कई लोग घरों से बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं और जो बाहर निकले,वे अपनी जान जोखिम में डालकर जरूरी सामान जुटा रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही हालात पर काबू नहीं पाया गया,तो नेपाल की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर गहरा असर पड़ सकता है। नेपाल का पर्यटन उद्योग उसकी अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है। काठमांडू और पोखरा जैसे शहर हर साल हजारों भारतीय और विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करते हैं,लेकिन मौजूदा हिंसा ने पर्यटन उद्योग को ठप कर दिया है। होटल,ट्रैवल एजेंसियाँ और स्थानीय व्यापारी भारी संकट में हैं।

भारत और नेपाल के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। ऐसे में नेपाल की इस स्थिति ने भारत को भी चिंता में डाल दिया है। भारत सरकार ने न सिर्फ अपने नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है,बल्कि नेपाल प्रशासन से भी आग्रह किया है कि वे विदेशी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

नेपाल की राजधानी काठमांडू इस समय हिंसा और भय के माहौल में डूबा हुआ है। भारतीय और विदेशी पर्यटक होटल और सुरक्षित स्थानों पर फँसे हुए हैं। भारतीय दूतावास और सरकार लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं,लेकिन स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। लोग दुआ कर रहे हैं कि जल्द ही शांति स्थापित हो और वे सुरक्षित अपने घर लौट सकें। नेपाल की सड़कों पर फैली यह हिंसा न सिर्फ वहाँ की राजनीतिक अस्थिरता को उजागर करती है,बल्कि इस बात की भी याद दिलाती है कि असुरक्षा और अशांति का खामियाजा हमेशा आम जनता और निर्दोष पर्यटकों को ही भुगतना पड़ता है।