विशाखापत्तनम,30 अप्रैल (युआईटीवी)- आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में बुधवार की सुबह श्रद्धा और आस्था से भरी एक घड़ी ने भयानक त्रासदी का रूप ले लिया। सिंहाचलम स्थित प्रसिद्ध श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में वार्षिक उत्सव चंदनोत्सवम् के शुभारंभ से कुछ घंटे पहले एक पुरानी दीवार गिर गई,जिसमें आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने पूरे राज्य को शोक की स्थिति में डाल दिया है और प्रशासनिक सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
यह दुर्घटना बुधवार सुबह उस समय घटी जब चंदनोत्सवम् के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए एकत्र हो रहे थे। श्रद्धालु 300 रुपये के टिकट खरीदने के लिए कतार में खड़े थे। इसी दौरान भारी बारिश के चलते मंदिर परिसर में स्थित एक दीवार अचानक ढह गई और उसकी चपेट में आकर कई लोग दब गए।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार,मृतकों में पाँच पुरुष और तीन महिलाएँ शामिल हैं। यह हादसा तब हुआ जब मंदिर परिसर में भक्तों की आवाजाही बढ़ रही थी और सुरक्षा इंतजाम अपर्याप्त साबित हुए। भीड़भाड़ और बारिश के बीच कमजोर दीवार गिरना प्रशासनिक लापरवाही की ओर भी इशारा करता है।
घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम तुरंत मौके पर पहुँची। पुलिस,फायर ब्रिगेड और अन्य प्रशासनिक अमलों की सहायता से मलबा हटाने और दबे हुए लोगों को बाहर निकालने का काम तेजी से शुरू किया गया।
घायलों को किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहाँ उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने पुष्टि की कि राहत अभियान के दौरान आठ शव मलबे से निकाले गए। सुबह के समय तक सभी प्रभावितों को अस्पताल पहुँचाया गया।
घटना की सूचना मिलते ही राज्य की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता,विशाखापत्तनम जिला कलेक्टर एमएन हरेंधिरा प्रसाद और पुलिस आयुक्त शंका ब्रत बागची मौके पर पहुँच गए और राहत व बचाव कार्यों की निगरानी करने लगे।
राज्य सरकार ने इस त्रासदी की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि घटना के कारणों की गहराई से जाँच की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँगे।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने जिला कलेक्टर और एसपी से फोन पर बात की और स्थिति की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम उपचार मुहैया कराने,पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और जाँच में दोषियों की पहचान करके कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और प्रशासन से हर अपडेट ले रहे हैं।
धर्मस्व मंत्री अनम राम नारायण रेड्डी ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें दीवार गिरने की जानकारी मिली,उन्होंने तुरंत एनडीआरएफ और एम्बुलेंस सेवाओं को अलर्ट किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि, राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता पर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संरचनात्मक ऑडिट किया जाएगा और सरकार सभी पीड़ितों व उनके परिवारों को हरसंभव मदद देगी।
पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, “यह हृदय विदारक है कि भगवान के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को ऐसी त्रासदी झेलनी पड़ी। यह घटना दर्शाती है कि मंदिर परिसरों में संरचनात्मक सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।” उन्होंने सरकार से घायलों के लिए सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करने और मृतकों के परिजनों को आर्थिक एवं मानवीय सहायता देने की माँग की।
यह हादसा उस समय हुआ जब मंदिर का वार्षिक चंदनोत्सवम् उत्सव शुरू होने ही वाला था। इस अवसर पर भगवान नरसिंह स्वामी के विग्रह से चंदन लेप हटाया जाता है और भक्तगण उनके ‘निज रूप’ के दर्शन करते हैं। यह पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक अत्यंत पवित्र और दुर्लभ अवसर माना जाता है।
हर साल इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु देशभर से सिंहाचलम आते हैं। इस बार करीब दो लाख लोगों के आने की संभावना थी,लेकिन इस हादसे ने त्योहार को मातम में बदल दिया।
सिंहाचलम मंदिर में दीवार गिरने की यह घटना केवल एक दुर्घटना नहीं,बल्कि प्रशासनिक और संरचनात्मक लापरवाही का प्रतीक है। श्रद्धालु अपने विश्वास और श्रद्धा के साथ मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं,लेकिन ऐसे हादसे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं।
ऐसे में यह आवश्यक है कि मंदिर परिसरों की समय-समय पर संरचनात्मक जाँच की जाए। भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन योजनाएँ पहले से तैयार हों और हर धार्मिक आयोजन के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा बल और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए।
सरकार की जिम्मेदारी है कि वह न केवल इस घटना की गहराई से जाँच करे,बल्कि भविष्य के लिए एक ठोस प्रणाली भी विकसित करे जिससे श्रद्धा कभी किसी की जान न ले।