पटना,3 जुलाई (युआईटीवी)- जन अधिकार पार्टी (लो) के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बिहार में मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) से नाम हटाने की एक सुनियोजित साजिश का आरोप लगाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि यह साजिश नहीं रुकी तो बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को गाँवों में घुसने नहीं दिया जाएगा।
पप्पू यादव ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के कई जिलों से यह शिकायतें मिल रही हैं कि वोटर लिस्ट से गरीब,दलित,पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। उन्होंने इसे एक राजनीतिक साजिश बताया और चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने की माँग की।
पप्पू यादव ने कहा,”यह सिर्फ वोटर लिस्ट से नाम हटाना नहीं,बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ एक गहरी साजिश है। जब किसी गरीब या वंचित वर्ग का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है,तो यह उनके संवैधानिक अधिकार को छीनने के समान है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार के कई इलाकों में बीएलओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे कुछ खास समुदायों के मतदाताओं की जाँच करें और उन्हें “डाउटफुल” यानी संदेहास्पद करार देकर उनके नाम काट दें।
पप्पू यादव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर यह प्रक्रिया तत्काल नहीं रोकी गई,तो जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता बीएलओ को गाँवों में घुसने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वे लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हर हद तक जाएँगे,चाहे इसके लिए धरना देना पड़े या सड़क पर उतरना पड़े।
उन्होंने कहा कि बीएलओ की जिम्मेदारी निष्पक्ष रूप से मतदाता सूची को अपडेट करने की है,लेकिन अगर वे पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करते हैं,तो जनता उन्हें जवाब देगी।
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की माँग की है। उन्होंने कहा कि आयोग को एक स्वतंत्र जांच टीम गठित करनी चाहिए और यह देखना चाहिए कि किन क्षेत्रों में अधिक नाम हटाए जा रहे हैं और क्यों।
उन्होंने कहा,”हम आयोग से अपील करते हैं कि वह सभी जिलों में बीएलओ की गतिविधियों की निगरानी करे। अगर कहीं पक्षपात हो रहा है,तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।”
पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश खासतौर पर दलित,महादलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव जीतने के लिए वोटरों को ही खत्म कर देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि आखिर क्यों हर बार गरीबों और कमजोर वर्गों को ही ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा में भी चर्चा की माँग की।
पप्पू यादव ने कहा कि अगर यह सिलसिला नहीं रुका,तो उनकी पार्टी जिला मुख्यालयों से लेकर पटना तक आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल बिहार का मामला नहीं है,बल्कि यह पूरे देश में लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा का सवाल है।
पप्पू यादव का यह बयान बिहार की राजनीति में एक बार फिर से मतदाता अधिकारों और प्रशासनिक निष्पक्षता के मुद्दे को चर्चा में ला दिया है। चुनाव आयोग और राज्य सरकार की अगली प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। यदि उनके आरोपों की जाँच नहीं होती और स्थिति नहीं सुधरती,तो राज्य में एक नया राजनीतिक आंदोलन शुरू हो सकता है,जिसकी गूँज आने वाले चुनावों में साफ सुनाई देगी।