डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण के रसोइए ने पहलवानों के खिलाफ याचिका की वापस

डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण के रसोइए ने पहलवानों के खिलाफ याचिका की वापस

नई दिल्ली, 23 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर कई पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के कुछ घंटों बाद इसे वापस ले लिया गया। वकील श्रीकांत प्रसाद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता रहे बृजभूषण के रसोइए विक्की ने हमसे याचिका वापस लेने को कहा है।

वकील ने आगे कहा कि याचिका दायर करने का मकसद महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न और विरोध प्रदर्शन पर कानून के दुरुपयोग के बारे में था और इस संदर्भ में कुछ दिशानिर्देश स्थापित किए जाने चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि फोगाट, जो याचिका में पहली प्रतिवादी भी हैं, ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न के विरोध के बहाने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए भूषण को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

याचिका में कहा गया है कि मीडिया खुद को जनता अदालत समझता है और उसने अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है।

याचिका में कहा गया है कि पहलवानों ने अदालत में जाने के बजाय अपनी शिकायत करने के लिए मीडिया से संपर्क किया है।

याचिका में तर्क दिया गया है कि प्रतिवादियों (पहलवानों) ने इस मुद्दे पर पहुंचने के लिए अपनी सारी हदें पार कर दी हैं और उनकी प्रतिष्ठा और गरिमा को धूमिल किया जा रहा है।

याचिका में आगे दावा किया कि यौन उत्पीड़न कानूनों का दुरुपयोग कर उनसे जबरन वसूली की जा रही है।

याचिका में कहा गया है कि यह रिट याचिका पहलवान महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न कानूनों के पूर्ण दुरुपयोग के खिलाफ दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि पहलवान इस मामले से अपना फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों ने अपना विरोध आश्वासन के बाद वापस ले लिया गया था कि शिकायतों को दूर किया जाएगा और बृजभूषण शरण सिंह को चार सप्ताह के लिए फेडरेशन के कामों से अलग रहने के लिए कहा गया था।

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