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व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- यूजर्स के नंबर के बिना न्यायिक अधिकारी के वीडियो के प्रसार को नहीं रोका जा सकता

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा एक न्यायिक अधिकारी के अश्लील वीडियो को हटाने के आदेश के मद्देनजर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि उन्होंने वीडियो को हटा दिया है और कई यूआरएल को ब्लॉक भी कर दिया है। व्हाट्सएप ने हाईकोर्ट में कहा कि यूजर्स के फोन नंबर दिए बिना मैसेजिंग ऐप पर से अधिकारी को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाने वाले वीडियो के प्रसार को नहीं रोक जा सकता है। व्हाट्सएप की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि उन्हें फोन नंबर दिए गए तो वे अदालत के आदेश पर वीडियो को हटा देंगे। इस पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की सिगल जज बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील आशीष दीक्षित से फोन नंबर उपलब्ध करने को कहा, ताकि व्हाट्सएप के द्वारा जरूरी कदम उठाए जा सके। न्यायमूर्ति वर्मा ने मामले की अगली सुनवाई आठ फरवरी को तय की है।

रिपोर्ट के अनुसार, अदालत में व्हाट्सएप पर बहस तब हुई जब वीडियो में मौजूद महिला की याचिका पर सुनवाई की जा रही थी, जोकि कथित तौर पर न्यायिक अधिकारी की स्टेनो है। उसने यह तर्क देते हुए कोर्ट का रुख किया कि वीडियो मनगढ़ंत है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 नवंबर के अंत में केंद्र और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि 29 नवंबर को इंटरनेट पर वायरल हुए एक न्यायिक अधिकारी के अश्लील वीडियो को शेयर, वितरित या आगे पोस्ट नहीं किया जाए। जस्टिस वर्मा ने वीडियो को हटाने और सभी आईएसपी, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ब्लॉक करने के लिए भी कहा था।

रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को वीडियो को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने के लिए एक स्थायी निर्देश की मांग की गई थी। अदालत का कहना है कि अगर वीडियो को आगे शेयर या साझा करने से नहीं रोका जाता है तो ये आईपीसी की धारा 354सी के साथ-साथ सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67ए के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।

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