ऋषि सुनक

आज इजरायल पहुँचेंगे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

लंदन,19 अक्टूबर (युआईटीवी)- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक आज तेल अवीव पहुँचेंगे। इजरायल-हमास के मध्य जारी संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच ऋषि सुनक युद्धग्रस्त देश का दौरा करने के लिए पहुँचेंगे। इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी युद्धग्रस्त देश का दौरा कर चुके हैं। ऋषि सुनक दूसरे विश्व नेता हैं,जो युद्धग्रस्त देश का दौरा करेंगे।

बीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार या जानकारी दी जा रही है कि तेल अवीव पहुँचने के बाद ऋषि सुनक सर्वप्रथम इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से मिलकर बातचीत करेंगे,इसके पश्चात ही वे कहीं और जाएँगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी यात्रा से पूर्व कहा था कि इजरायल-हमास के मध्य जारी इस संघर्ष में प्रत्येक नागरिक की मौत एक दुःखद घटना है। हमास द्वारा किए जा रहे भयानक और दुष्टतापूर्ण आतंकी कृत्य के पश्चात बहुत से लोगों ने अपनी जान गवां दी है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के इस यात्रा के बारे में बीबीसी ने कहा कि हमास के हमलों में मारे गए नागरिकों के प्रति प्रधानमंत्री अपनी सहानुभूति प्रकट करेंगे। साथ ही वे दबाव डालेंगे कि गाजा को जल्द से जल्द मानवीय सहायता पहुँचायी जाए।

इस बीच एक खबर सामने आई है कि मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली तुर्की,मिस्र और कतर के नेताओं से आने वाले दिनों में समर्थन माँगने के लिए मिलेंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक समझौते पर जोर देंगे जिसके अनुसार हमास ने जिन ब्रिटिश को बंधक बनाया है,उन ब्रिटिश बंधकों को रिहा किया जाए और गाजा को जल्द-से-जल्द मानवीय सहायता पहुँचायी जाए।

गाजा के एक अस्पताल में घातक विस्फोट के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने युद्धग्रस्त देश का दौरा किया। उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली भी इज़राइल की यात्रा करेंगे।

इस विस्फोट के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का मानना है कि यह विस्फोट उस विफल रॉकेट के वजह से हुआ होगा,जिसे फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा लॉन्च किया गया हो। लेकिन इस विस्फोट मामले में फिलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल को इजरायल ने निशाना बनाया।

इस मुद्दे पर किए गए एक सवाल का जबाव देते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि विस्फोट के पीछे कौन था,इसका पता लगाने का काम ब्रिटिश खुफिया सेवाएँ कर रही हैं। साथ ही उन्होंने सांसदों से कहा कि जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें।

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