नई दिल्ली,4 सितंबर (युआईटीवी)- भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में होने वाले महिला वनडे विश्व कप 2025 के लिए साउथ अफ्रीका ने अपनी 15 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है। इस टीम की अगुवाई स्टार बल्लेबाज लौरा वोल्वार्ड्ट करेंगी,जिन्हें हाल के वर्षों में टीम की सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिना जाता है। लंबे समय से इंतजार कर रहे साउथ अफ्रीका के लिए यह टूर्नामेंट बेहद अहम है,क्योंकि टीम अभी तक विश्व कप खिताब जीतने में सफल नहीं हो सकी है। इस बार चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन ने संतुलन और अनुभव को प्राथमिकता दी है।
सबसे बड़ी खबर यह रही कि पूर्व कप्तान डेन वैन नीकेर्क को टीम में जगह नहीं मिल पाई है। निकेर्क,जिन्होंने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी,ने विश्व कप खेलने की उम्मीद में वापसी की थी। हालाँकि,चोट से उबरने के बाद भी चयनकर्ताओं ने उन्हें शामिल करने का जोखिम नहीं उठाया। टीम के कोच मंडला माशिम्बयी ने टीम की घोषणा से पहले ही यह संकेत दे दिया था कि निकेर्क का चयन कठिन है। उनकी गैरमौजूदगी निश्चित रूप से टीम के लिए एक भावनात्मक झटका है,क्योंकि उन्होंने साउथ अफ्रीका महिला क्रिकेट के लिए लंबे समय तक अहम भूमिका निभाई थी।
टीम में कई बड़े नाम शामिल किए गए हैं। सुने लुस,मारिजैन कैप,नॉनकुलुलेको म्लाबा,क्लो ट्रायोन और ताजमिन ब्रिट्स को टीम की रीढ़ माना जा रहा है। ये खिलाड़ी अनुभव और प्रदर्शन के लिहाज से टीम की ताकत साबित हो सकती हैं। कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट के साथ ताजमिन ब्रिट्स पारी की शुरुआत करेंगी। दोनों की ओपनिंग जोड़ी साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी को मजबूत शुरुआत देने में अहम भूमिका निभा सकती है।
मध्य और निचले क्रम में टीम के पास मजबूत ऑलराउंडर्स की फौज है। मारिजैन कैप,सुने लुस,नोंडुमिसो शंगासे,नादिन डी क्लार्क,क्लो ट्रायोन,एनेरी डर्कसेन और एनेके बॉश टीम को संतुलन प्रदान करते हैं। इन खिलाड़ियों के पास रन बनाने के साथ-साथ गेंदबाजी में भी योगदान देने की क्षमता है। यही वजह है कि टीम प्रबंधन ने उन्हें विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए चुना है। ऑलराउंडर्स का यह समूह टीम की सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकता है।
विकेटकीपिंग के मोर्चे पर अनुभवी सिनालो जाफ्ता और युवा कराबो मेसो को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जाफ्ता का अनुभव टीम के लिए महत्वपूर्ण होगा,वहीं मेसो अपने ताजगीभरे अंदाज और तेज रिफ्लेक्स के लिए जानी जाती हैं। बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों ही विभागों में यह संयोजन टीम को लचीलापन देगा।
गेंदबाजी में भी साउथ अफ्रीका ने विविधता को प्राथमिकता दी है। बाएँ हाथ की स्पिनर नॉनकुलुलेको म्लाबा स्पिन आक्रमण का नेतृत्व करेंगी। म्लाबा ने पिछले कुछ वर्षों में अपने प्रदर्शन से टीम प्रबंधन और प्रशंसकों का भरोसा जीता है। वहीं तेज गेंदबाजी विभाग में मसाबाता क्लास और तुमी सेखुखुने अहम विकल्प होंगे। इनके अलावा मारिजैन कैप,क्लो ट्रायोन और नादिन डी क्लार्क जैसे खिलाड़ी गेंदबाजी आक्रमण को और गहराई प्रदान करेंगे। इस संतुलित गेंदबाजी आक्रमण से साउथ अफ्रीका को हर परिस्थिति में मुकाबला करने की क्षमता मिलेगी।
विश्व कप की शुरुआत 30 सितंबर से होगी और इसका फाइनल मुकाबला 2 नवंबर को खेला जाएगा। साउथ अफ्रीका महिला टीम अपने अभियान की शुरुआत गुवाहाटी में इंग्लैंड के खिलाफ करेगी। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ शुरुआती मैच से ही साउथ अफ्रीका को अपनी रणनीति और तैयारी का परिचय देना होगा। इंग्लैंड के खिलाफ जीत से टीम का मनोबल ऊँचा होगा और टूर्नामेंट के बाकी मुकाबलों के लिए आत्मविश्वास भी मिलेगा।
साउथ अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम अब तक वनडे विश्व कप खिताब जीतने में असफल रही है। हालाँकि,टीम ने कई बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है,लेकिन खिताब जीतने की मंजिल अभी दूर है। इस बार वोल्वार्ड्ट की कप्तानी और कैप,ट्रायोन तथा लुस जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के अनुभव से टीम खिताब की प्रबल दावेदार बन सकती है।
खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ का मानना है कि इस बार टीम के पास संतुलन,अनुभव और युवा ऊर्जा का बेहतरीन मिश्रण है। बल्लेबाजी में आक्रामक शुरुआत,मध्यक्रम की स्थिरता और गेंदबाजी में विविधता साउथ अफ्रीका को खिताब जीतने की ओर ले जा सकती है। हालाँकि,टीम को इंग्लैंड,ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसी मजबूत टीमों से कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।
साउथ अफ्रीका ने विश्व कप 2025 के लिए एक संतुलित और प्रतिस्पर्धी टीम तैयार की है। वोल्वार्ड्ट की अगुवाई और खिलाड़ियों के सामूहिक प्रयास से टीम इस बार इतिहास रचने का सपना पूरा कर सकती है। प्रशंसकों को उम्मीद है कि यह टीम अपने पहले वनडे विश्व कप खिताब का इंतजार खत्म करेगी और महिला क्रिकेट की दुनिया में नई इबारत लिखेगी।
