नई दिल्ली,3 अक्टूबर (युआईटीवी)- महिला वर्ल्ड कप 2025 के दौरान पाकिस्तान की पूर्व कप्तान और वर्तमान में कमेंट्री पैनल का हिस्सा रहीं सना मीर एक बड़े विवाद में घिर गई हैं। दरअसल,बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले में उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ी नतालिया परवेज के संदर्भ में ‘आजाद कश्मीर’ शब्द का इस्तेमाल किया,जिसके बाद से सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई। भारतीय प्रशंसक समेत कई क्रिकेट प्रेमियों ने इसे राजनीतिक बयान बताते हुए सख्त आपत्ति दर्ज की और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से तुरंत कार्रवाई की माँग कर डाली।
मामला उस समय सामने आया,जब मैच के 29वें ओवर में पाकिस्तान की बल्लेबाज नतालिया परवेज क्रीज़ पर आईं। कमेंट्री पैनल में मौजूद सना मीर ने उनकी पृष्ठभूमि बताते हुए पहले कहा कि यह खिलाड़ी “कश्मीर” से आती हैं। इसके तुरंत बाद उन्होंने शब्द बदलकर इसे “आजाद कश्मीर” कह दिया। हालाँकि,यह टिप्पणी लाइव वर्ल्ड फीड पर प्रसारित हो चुकी थी। प्रशंसकों ने इस बयान का क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल कर दिया,जिसके बाद यह मुद्दा और भी तूल पकड़ गया।
इस विवाद के बाद सना मीर को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और खेल से जुड़े लोगों पर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है। यह दुखद है कि इसके लिए सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है।” उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य केवल खिलाड़ी की पृष्ठभूमि और चुनौतियों को उजागर करना था। “एक पाकिस्तानी खिलाड़ी के गृहनगर के बारे में मेरी टिप्पणी का मकसद यह दिखाना था कि उन्होंने किन परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए यहाँ तक का सफर तय किया। यह उस कहानी का हिस्सा है,जिसे बताना हमारे लिए कमेंटेटर होने के नाते जरूरी होता है कि खिलाड़ी कहाँ से आते हैं और उनका सफर कैसा रहा।”
सना मीर ने यह भी कहा कि उन्होंने उसी मैच में पाकिस्तान के अन्य खिलाड़ियों के लिए भी उनके क्षेत्रीय पृष्ठभूमि का उल्लेख किया था। उन्होंने आग्रह किया कि इसे राजनीतिक रंग न दिया जाए। उनके मुताबिक, “वर्ल्ड फीड पर एक कमेंटेटर के तौर पर हमारा काम खिलाड़ियों और टीमों की कहानियों को साझा करना है। यह बताना है कि वे किन परिस्थितियों से गुजरकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचे हैं। मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं थी और न ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का इरादा था।”
हालाँकि,सना मीर की इस सफाई के बावजूद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सोशल मीडिया पर भारतीय प्रशंसकों ने उनकी टिप्पणी को पाकिस्तान की राजनीतिक भाषा का प्रचार बताते हुए आईसीसी से हस्तक्षेप की माँग की है। कई यूजर्स ने लिखा कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए और किसी भी कमेंटेटर को इस तरह की विवादास्पद टिप्पणी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कुछ ने तो यहाँ तक कहा कि सना मीर को तुरंत कमेंट्री पैनल से हटाया जाना चाहिए।
यह पहला मौका नहीं है,जब किसी पाकिस्तानी खिलाड़ी या कमेंटेटर का बयान विवाद में आया हो। हाल ही में पुरुषों के एशिया कप के दौरान भी पाकिस्तान के कुछ खिलाड़ियों के व्यवहार और बयान चर्चा का विषय बने थे। अब महिला वर्ल्ड कप में इस नए विवाद ने आईसीसी के सामने एक मुश्किल खड़ी कर दी है। आईसीसी की नीति साफ कहती है कि किसी भी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के दौरान राजनीतिक बयानबाजी को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आईसीसी इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों की संवेदनशीलता को देखते हुए ‘आजाद कश्मीर’ जैसे शब्द का इस्तेमाल बेहद गंभीर माना जाता है। भारत हमेशा से स्पष्ट करता आया है कि पूरा जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भी उसका वैधानिक अधिकार है। ऐसे में सना मीर की टिप्पणी को भारतीय प्रशंसकों ने पाकिस्तान के राजनीतिक एजेंडे से जोड़कर देखा है। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर गुस्सा लगातार बढ़ रहा है और ‘सना मीर को हटाओ (Remove Sana Mir)’ जैसे हैशटैग भी ट्रेंड कर रहे हैं।
उधर,पाकिस्तान में इस मामले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। वहाँ कुछ लोग सना मीर का बचाव कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने सिर्फ एक सामान्य तथ्य बताया है। वहीं,कुछ लोग यह मानते हैं कि एक अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट और लाइव वर्ल्ड फीड पर ऐसी संवेदनशील टिप्पणी करने से बचा जाना चाहिए था।
सना मीर पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की सबसे सफल कप्तानों में से एक रही हैं। उनके नेतृत्व में पाकिस्तान ने कई अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ हासिल कीं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह कमेंट्री और विश्लेषण में सक्रिय हैं और महिला क्रिकेट की एक सम्मानित आवाज मानी जाती हैं,लेकिन मौजूदा विवाद ने उनके करियर को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है।
अब सवाल यह है कि क्या आईसीसी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेगी या इसे केवल सना मीर की सफाई के बाद हल्का कर दिया जाएगा। हालाँकि,सोशल मीडिया पर उठ रही माँगों और विवाद के तेजी से फैलने को देखते हुए यह मामला आसानी से शांत होता नहीं दिख रहा है। खेल के मंच पर राजनीति की झलक न दिखे,इसके लिए आईसीसी पर अब सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है।
अंततः यह विवाद एक बार फिर इस बात को सामने लाता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी खेल आयोजन में केवल खेल ही केंद्र में नहीं होता,बल्कि दोनों देशों के संवेदनशील रिश्ते और राजनीतिक मुद्दे भी अनचाहे तरीके से चर्चा का हिस्सा बन जाते हैं। सना मीर की एक टिप्पणी ने इसी बात की याद दिला दी है कि खेल के मंच पर शब्दों की अहमियत कितनी बड़ी हो सकती है और कैसे एक छोटी सी गलती भी बड़े विवाद का कारण बन सकती है।