साउथ अफ्रीकी स्पिनर नॉनकुलुलेको म्लाबा (तस्वीर क्रेडिट@SithaleKgaogelo)

महिला विश्व कप 2025: नॉनकुलुलेको म्लाबा को भारत के खिलाफ मैच में आचार संहिता उल्लंघन के लिए आईसीसी की फटकार

विशाखापत्तनम,11 अक्टूबर (युआईटीवी)- महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच गुरुवार को विशाखापत्तनम में खेले गए मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने 3 विकेट से जीत दर्ज की। इस मैच के दौरान साउथ अफ्रीकी स्पिनर नॉनकुलुलेको म्लाबा की आचार संहिता उल्लंघन की घटना ने भी चर्चा बटोरी। 24 वर्षीय बाएँ हाथ की स्पिनर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी ) ने आधिकारिक फटकार लगाई है और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में डिमेरिट अंक जोड़े गए हैं।

आईसीसी ने म्लाबा को आचार संहिता के अनुच्छेद 2.5 का उल्लंघन करने का दोषी पाया,जो अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान बल्लेबाज के आउट होने पर अपमानजनक भाषा,व्यवहार,हावभाव या आक्रामक प्रतिक्रिया से संबंधित है। आईसीसी के अनुसार,यह लेवल 1 का उल्लंघन है,जिसके लिए न्यूनतम सजा आधिकारिक फटकार,अधिकतम मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना और एक या दो डिमेरिट अंक हो सकते हैं। म्लाबा के मामले में उन्हें पहली बार 24 महीनों में ऐसा अपराध करने पर डिमेरिट अंक दिए गए हैं।

घटना भारतीय पारी के 17वें ओवर में हुई,जब म्लाबा ने हरलीन देओल को आउट किया। विकेट लेने के तुरंत बाद,जब भारतीय बल्लेबाज मैदान से बाहर जा रही थीं,म्लाबा ने उन्हें ‘गुडबाय’ का इशारा किया। इस प्रतिक्रिया को आईसीसी ने मैच के आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए आधिकारिक फटकार दी। आईसीसी ने अपने बयान में कहा कि म्लाबा ने अपराध स्वीकार कर लिया है और मैच रेफरी द्वारा प्रस्तावित दंड को स्वीकार कर लिया। इस वजह से औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी।

इस मैच में भारतीय टीम के लिए यह पहली हार रही। भारतीय टीम ने निर्धारित 50 ओवर में कुल 48.5 ओवरों में 3 विकेट खोकर लक्ष्य पूरा नहीं कर सकी। कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने साउथ अफ्रीकी टीम के लिए 70 रन बनाए,जबकि नादिन डी क्लार्क ने नाबाद 84 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। म्लाबा के विकेट लेने के बाद उनके छोटे से हावभाव ने आईसीसी के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई का कारण बना।

आईसीसी ने स्पष्ट किया कि लेवल 1 के उल्लंघन के मामलों में पहले अपराध पर केवल आधिकारिक फटकार और डिमेरिट अंक दिए जाते हैं। म्लाबा ने मैच रेफरी से मिलने वाली सजा को स्वीकार किया,जिससे उन्हें भविष्य में किसी बड़े दंड से बचने का मौका मिला। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना युवा खिलाड़ियों के लिए सीख का विषय हो सकती है कि मैदान पर आचरण और खेल भावना हमेशा सर्वोपरि होनी चाहिए।

साउथ अफ्रीका की टीम ने अपनी जीत के बाद कहा कि वे गर्वित हैं कि उन्होंने टीम भावना और संयम का प्रदर्शन करते हुए मैच जीतकर अंक तालिका में महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखा। कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने कहा कि टीम ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में संयम और धैर्य दिखाया,जो बड़े टूर्नामेंट में सफलता के लिए जरूरी है।

भारत के लिए यह हार पहले मैचों की अच्छी शुरुआत के बाद निराशाजनक रही। भारतीय टीम की बल्लेबाजी में कुछ खिलाड़ियों ने संघर्ष किया और विकेट जल्दी गिरने से लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। हरलीन देओल का आउट होना और म्लाबा की प्रतिक्रिया इस मैच की सबसे चर्चा में आई घटना रही। विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा और किसी भी तरह की उत्तेजना को अपने खेल पर असर नहीं डालने देना चाहिए।

आईसीसी के फटकार के बाद यह स्पष्ट हो गया कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के लिए खेल भावना और अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। किसी भी अपमानजनक व्यवहार या मैदान पर अनुचित हावभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। म्लाबा के मामले ने यह भी दिखाया कि छोटे हावभाव भी मैच के बाद गंभीर कार्रवाई का कारण बन सकते हैं।

विश्व कप 2025 का यह मुकाबला दर्शकों के लिए रोमांचक और सीखने योग्य रहा। साउथ अफ्रीका ने जीत के साथ अंक तालिका में मजबूती बनाई,जबकि भारत को अपनी रणनीति और मानसिक तैयारियों पर फिर से ध्यान देने की आवश्यकता है। म्लाबा को मिली फटकार युवा क्रिकेटरों के लिए चेतावनी भी है कि मैदान पर आचरण और शिष्टाचार हमेशा बनाए रखना चाहिए।

इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में अनुशासन और खेल भावना की अहमियत को फिर से रेखांकित किया है। म्लाबा के अपराध स्वीकारने और दंड स्वीकार करने से यह भी उदाहरण पेश किया गया कि खेल में गलती होने पर जिम्मेदारी स्वीकारना और सुधार की दिशा में कदम उठाना महत्वपूर्ण होता है।

अंततः यह मैच न केवल साउथ अफ्रीका की जीत के कारण यादगार बना,बल्कि म्लाबा की आईसीसी द्वारा फटकार की घटना ने भी महिला क्रिकेट में आचरण और अनुशासन पर नई बहस शुरू कर दी है।