बीजिंग,18 सितंबर (युआईटीवी)- 17 सितंबर को उत्तर-पूर्वी चीन के हार्बिन शहर में फिल्म 731 का विश्व प्रीमियर हुआ। यह फिल्म जापानी सेना द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किए गए अत्याचारों पर आधारित है,विशेषकर बेर नोटोरियस यूनिट 731 से जुड़े घटनाक्रमों पर। इसके साथ ही फिल्म का नवीनतम पोस्टर भी जारी किया गया,जिसमें घोषणा की गई कि 18 सितंबर को इसका औपचारिक वैश्विक रिलीज़ होगा। इस घोषणा ने चीन के ताइवान द्वीप पर बहस को और तेज कर दिया है।
ताइवान के कई स्थानीय मीडिया संस्थानों ने इस वैश्विक रिलीज़ पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। उनका मानना है कि इस फिल्म की विश्वव्यापी रिलीज़ न केवल चीन के लिए,बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। इसका कारण यह है कि यह फिल्म उस ऐतिहासिक सच्चाई को सामने लाती है,जिसे दशकों तक दबाने की कोशिश की गई थी। ताइवान में बड़ी संख्या में लोग इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और मानते हैं कि यह इतिहास की उन घटनाओं पर प्रकाश डालेगी,जिन्हें जानना आवश्यक है।
ताइवान के प्रमुख मीडिया आउटलेट्स,जैसे चाइना टाइम्स और ताइवान ग्लोबल न्यूज़ ने फिल्म 731 के नवीनतम पोस्टर और उसमें की गई वैश्विक रिलीज़ की घोषणा को तुरंत अपनी सुर्खियों में शामिल किया। इन मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि जापानी अत्याचार केवल चीनियों के लिए ही पीड़ा नहीं थे,बल्कि पूरी मानव सभ्यता पर एक कलंक की तरह हैं। इन अत्याचारों की याद केवल चीन की नहीं,बल्कि पूरी दुनिया की साझा स्मृति होनी चाहिए।
यस न्यूज़ की ताइवानी शाखा ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि यह फिल्म केवल अपराधों को उजागर नहीं करती,बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे जापानी आक्रमणकारियों ने इन सच्चाइयों को छिपाने का प्रयास किया और किस तरह चीनी लोगों ने इन ऐतिहासिक तथ्यों को पुनर्स्थापित करने के लिए संघर्ष किया। वहीं,याहू न्यूज़ की ताइवानी शाखा ने इसे इतिहास को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाने का महत्वपूर्ण प्रयास बताया। उनका कहना है कि फिल्म 731 वैश्विक दर्शकों को न केवल इतिहास की त्रासदी से अवगत कराती है,बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि इन घटनाओं को कभी भुलाया न जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फिल्म की रिलीज़ ताइवान में इसलिए भी अधिक चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी शासन ने वहाँ भी गहरे निशान छोड़े थे। इस फिल्म को देखने से ताइवान के नागरिकों को अपने अतीत को समझने का एक नया दृष्टिकोण मिलेगा। इसके साथ ही,यह वैश्विक स्तर पर जापान की युद्धकालीन नीतियों और उनके परिणामों पर नए सिरे से बहस को जन्म दे सकती है।
फिल्म 731 का मुख्य उद्देश्य इतिहास की सच्चाई को दुनिया के सामने लाना और उन घटनाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्मरणीय बनाना है। लंबे समय तक इन अपराधों को छुपाया गया,लेकिन आज जब यह फिल्म वैश्विक स्तर पर रिलीज़ हो रही है,तो यह न केवल चीन और ताइवान,बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह साबित होगी।
हार्बिन में हुए इसके विश्व प्रीमियर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चीन अपने अतीत की पीड़ा को भुलाना नहीं चाहता,बल्कि वह चाहता है कि दुनिया भी इन घटनाओं से सबक ले। ताइवान में इस फिल्म को लेकर जो उत्सुकता और चर्चा हो रही है,वह इस बात का संकेत है कि वहाँ के लोग भी इस ऐतिहासिक सच्चाई को जानना और समझना चाहते हैं।
18 सितंबर को होने वाली वैश्विक रिलीज़ से यह उम्मीद की जा रही है कि दुनिया भर के दर्शक इस फिल्म के जरिए न केवल उस दौर के अत्याचारों को समझेंगे,बल्कि यह भी महसूस करेंगे कि इतिहास को दबाने के बजाय उसे सामने लाना ही मानवता के लिए सही रास्ता है। फिल्म 731 इस मायने में केवल एक सिनेमाई प्रस्तुति नहीं है,बल्कि यह मानव सभ्यता के लिए स्मृति और चेतावनी दोनों का कार्य करेगी।
