दक्षिण अफ्रीका बना डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025 का चैंपियन (तस्वीर क्रेडिट@DHARMEN67741130)

डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025: दक्षिण अफ्रीका बना पहली बार टेस्ट चैंपियन,एडन मार्करम की ऐतिहासिक पारी से ऑस्ट्रेलिया को हराया

लंदन,14 जून (युआईटीवी)- लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर शनिवार,14 जून 2025 को क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को पाँच विकेट से हराकर 2025 आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी ) का खिताब जीत लिया। यह दक्षिण अफ्रीका का पहला आईसीसी वर्ल्ड खिताब है और यह जीत उस टीम के लिए बेहद खास बन गई है,जिसे दशकों तक ‘चोकर्स’ यानी बड़े मौकों पर हारने वाली टीम के तौर पर देखा जाता था।

दक्षिण अफ्रीका ने 282 रन के लक्ष्य को 83.4 ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल किया। इस ऐतिहासिक जीत में हीरो बने एडन मार्करम,जिन्होंने न सिर्फ 207 गेंदों में 136 रनों की शानदार पारी खेली,बल्कि टीम को संकट के क्षणों में संयम और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाते हुए जीत की ओर अग्रसर किया। उन्हें उनके प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया।

दक्षिण अफ्रीका के लिए यह जीत केवल एक टूर्नामेंट का ताज नहीं,बल्कि मानसिक और भावनात्मक बाधाओं को तोड़ने का प्रतीक भी है। 1998 की आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी (अब चैंपियंस ट्रॉफी) के बाद यह पहला मौका था,जब प्रोटियाज किसी सीनियर आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में विजयी रहे। कई वर्षों तक सेमीफाइनल या फाइनल जैसे अहम मुकाबलों में हार का सामना करने वाली इस टीम ने लॉर्ड्स में अपने अतीत की छाया को पीछे छोड़ते हुए नए युग की शुरुआत की है।

तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक दक्षिण अफ्रीका 213/2 के मजबूत स्कोर पर थी। मार्करम पहले ही नाबाद शतक (102 रन) बना चुके थे और उनके साथ कप्तान टेम्बा बावुमा क्रीज पर जमे हुए थे। हालाँकि,प्रशंसकों और विशेषज्ञों के मन में यह डर अभी भी बना हुआ था कि कहीं फिर से प्रोटियाज टीम दबाव में न टूट जाए,खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ जो मौजूदा डब्ल्यूटीसी चैंपियन भी थी।

चौथे दिन बावुमा जल्द ही आउट हो गए। उन्होंने 134 गेंदों पर 66 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली लेकिन पैट कमिंस की गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे। इसके बाद नाथन लियोन को पिच से थोड़ी टर्न मिलने लगी,जिससे बल्लेबाजी कठिन हो गई,लेकिन मार्करम ने धैर्य नहीं खोया। उन्होंने कमिंस को लगातार दो बाउंड्रीज मारकर ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को करारा जवाब दिया।

हालाँकि,ट्रिस्टन स्टब्स को मिशेल स्टार्क ने बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को एक और सफलता दिला दी,लेकिन यहीं से खेल का रुख बदलने लगा।

मार्करम और डेविड बेडिंघम ने मिलकर 5वें विकेट के लिए सधी हुई साझेदारी निभाई। उन्होंने ना सिर्फ स्ट्राइक रोटेट की,बल्कि हर गेंद को सावधानी से खेला। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने अपना तीसरा रिव्यू भी गंवा दिया,जो उनकी हताशा का प्रतीक बन गया। जब लक्ष्य 20 रन से भी कम रह गया,तो बेडिंघम ने कमिंस की गेंद पर शानदार ऑन-ड्राइव खेला जिससे भीड़ में उत्साह की लहर दौड़ गई।

मार्करम ने जोश हेजलवुड को मिड-विकेट पर चौका मारा और फिर उसी ओवर में तीन रन और लेकर स्कोर को लगभग बराबरी पर ला दिया। हालाँकि,वह अंत में 136 रन बनाकर हेजलवुड की गेंद पर आउट हो गए,लेकिन तब तक जीत बस एक औपचारिकता रह गई थी। काइल वेरेन ने स्टार्क की गेंद पर विजयी रन बटोरे और इसी के साथ ड्रेसिंग रूम,स्टैंड्स और पूरे दक्षिण अफ्रीका में जश्न का माहौल बन गया।

एडन मार्करम न केवल इस मैच के स्टार रहे,बल्कि वह एक प्रेरणास्रोत भी बन गए। 2014 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के कप्तान रहे मार्करम ने एक दशक बाद सीनियर टीम को भी आईसीसी ट्रॉफी दिलाकर अपने नेतृत्व की छाप छोड़ी। उनकी यह 136 रन की पारी सिर्फ आँकड़ों में नहीं,बल्कि भावनाओं में दर्ज हो गई है।

ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में कई रणनीतिक चालें चलीं,लेकिन वे अंत में नाकाफी रहीं। कमिंस,स्टार्क और लियोन ने पूरी कोशिश की,लेकिन वे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की जुझारूपन और समझदारी के आगे टिक नहीं पाए। रिव्यू की विफलता और फील्डिंग में कुछ चूक ने भी उनके लिए हालात कठिन बना दिए।

इस जीत ने दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई दी है। यह टीम अब केवल प्रतिभा पर नहीं,मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक गहराई पर भी भरोसा करती है। मार्करम की नेतृत्व क्षमता,गेंदबाजों की अनुशासित गेंदबाजी और बल्लेबाजों की एकाग्रता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह जीत किसी संयोग का परिणाम नहीं,बल्कि एक योजनाबद्ध और संकल्पित प्रयास की परिणति है।

2025 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं था,यह इतिहास, भावना और प्रेरणा का संगम था। दक्षिण अफ्रीका की यह जीत न केवल एक ट्रॉफी की प्राप्ति है,बल्कि यह उस आत्म-संदेह को भी हराने की कहानी है,जो वर्षों से इस टीम को सताता रहा। एडन मार्करम और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया कि अगर विश्वास,धैर्य और साहस हो,तो इतिहास बदला जा सकता है और वह भी लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान पर।