बीजिंग,21 अगस्त (युआईटीवी)- ल्हासा शहर इन दिनों ऐतिहासिक क्षण का गवाह बन रहा है। चीन के राष्ट्रपति,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी चिनफिंग केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए शीत्सांग की राजधानी ल्हासा पहुँचे हैं। उनका यह दौरा विशेष महत्व रखता है क्योंकि वे शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के भव्य समारोह में भाग लेने वाले हैं। यह पहली बार है,जब पार्टी और देश के सर्वोच्च नेतृत्व स्तर पर इस तरह का प्रतिनिधिमंडल शीत्सांग पहुँचा है। इससे न केवल क्षेत्रीय एकता और विकास के प्रति चीन की गंभीरता स्पष्ट होती है,बल्कि वहाँ के लोगों के प्रति राष्ट्रपति शी चिनफिंग की आत्मीयता भी झलकती है।
विशेष विमान से ल्हासा आगमन पर शी चिनफिंग का स्वागत बड़े ही भव्य और पारंपरिक अंदाज में किया गया। कोंगका हवाई अड्डे पर विभिन्न जातीय समूहों के लोग पारंपरिक पोशाकों में उपस्थित थे। उनके हाथों में लाल झंडे और रंग-बिरंगे फूलों के गुलदस्ते थे। लोकनृत्य और गीतों के माध्यम से लोगों ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। जब शी चिनफिंग विमान से बाहर निकले,तो उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। यह दृश्य चीन की विविधता और एकता का प्रतीक बना।
ल्हासा शहर की सड़कों पर भी अभूतपूर्व उत्साह देखा गया। हवाई अड्डे से राष्ट्रपति के आवास तक जाने वाली मुख्य सड़कों पर रंग-बिरंगे झंडे लहरा रहे थे। विभिन्न जातीय समुदायों के लोग लाल झंडे और शुभकामना का प्रतीक माने जाने वाले सफेद ‘हाता’ लिए खड़े थे। वे एक स्वर में जयकार करते हुए राष्ट्रपति का स्वागत कर रहे थे। शी चिनफिंग ने भी गाड़ी की खिड़की खोलकर लोगों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया और उनके उत्साह का जवाब दिया।
केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल में चीन की केंद्रीय और राज्य इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारी, सेना के उच्च पदस्थ प्रतिनिधि और शीत्सांग को सहयोग देने वाले विभिन्न प्रांतों और शहरों के जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में क्षेत्र के लोगों से सीधे संवाद कर रहा है। यह इस बात का प्रतीक है कि शीत्सांग की समृद्धि और विकास को लेकर चीन का केंद्रीय नेतृत्व कितनी गहरी दिलचस्पी रखता है।
ल्हासा में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शीत्सांग की विभिन्न जातियों और तबकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने सीपीसी केंद्रीय समिति की ओर से सबको हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि शीत्सांग का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब सभी जातीय समूह मिलकर आगे बढ़ेंगे और चीनी शैली के आधुनिकीकरण के पठारीय अध्याय को मिलकर लिखेंगे। उनके इस बयान से यह संदेश गया कि चीन के विकास मॉडल में शीत्सांग का स्थान विशेष और अहम है।
इसके अलावा,राष्ट्रपति ने शीत्सांग की सहायता करने वाले कर्मचारियों,विभिन्न शहरों के प्रमुखों,धार्मिक जगत के प्रतिनिधियों,मठ प्रबंधन समिति के सदस्यों और तैनात सेना के अधिकारियों से भी मुलाकात की। यह मुलाकातें शीत्सांग की सामाजिक, धार्मिक और प्रशासनिक संरचना के विभिन्न पहलुओं को समेटती हैं। इस दौरान शी चिनफिंग ने स्पष्ट किया कि शीत्सांग की स्थिरता और प्रगति में सभी का योगदान महत्वपूर्ण है और सभी को मिलकर एक साझा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
गौरतलब है कि शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ का मुख्य समारोह 21 अगस्त को ल्हासा शहर में आयोजित होगा। इस अवसर पर पूरे क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों की धूम रहेगी। चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) इस समारोह का सीधा प्रसारण करेगा,वहीं सिन्हुआनेट चित्रों और लेखन के माध्यम से लाइव कवरेज देगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया शीत्सांग के इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बने।
विशेषज्ञों के अनुसार,राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यह यात्रा न केवल औपचारिक है,बल्कि इसमें गहरा राजनीतिक और सांस्कृतिक संदेश भी छिपा है। चीन लंबे समय से शीत्सांग को राष्ट्रीय एकता का अभिन्न हिस्सा बताता आया है। ऐसे में इस क्षेत्र में शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति और जनता से सीधा संवाद यह संकेत देता है कि चीन आने वाले वर्षों में शीत्सांग में विकास और स्थिरता पर और अधिक ध्यान केंद्रित करेगा।
ल्हासा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत इस समारोह को और भी महत्वपूर्ण बना देती है। यहाँ हजारों वर्षों पुरानी परंपराएँ और आधुनिक विकास का अनोखा संगम दिखाई देता है। शीत्सांग की जनता भी इस बात को लेकर उत्साहित है कि उनकी पहचान और संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जा रही है।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी बातचीत में यह भी स्पष्ट किया कि चीन का लक्ष्य शीत्सांग को सामाजिक स्थिरता और आर्थिक विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है। शिक्षा,स्वास्थ्य,बुनियादी ढाँचे और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक सुधारों की रूपरेखा पहले ही तय की जा चुकी है। उनका यह कहना कि “सभी लोग एकजुट होकर समान प्रयास करें” इस बात का संकेत है कि चीन विकास की यात्रा में किसी को पीछे नहीं छोड़ना चाहता।
शी चिनफिंग की यह यात्रा शीत्सांग और पूरे चीन के लिए ऐतिहासिक महत्व रखती है। यह सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि उस साझा दृष्टिकोण का प्रतीक है,जिसमें राष्ट्रीय एकता,सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक विकास का मेल है। ल्हासा में गूँजे स्वागत के नारों और लोकनृत्यों के बीच यह संदेश साफ हो गया कि शीत्सांग न केवल चीन का अभिन्न हिस्सा है,बल्कि उसकी प्रगति और गौरव की गाथा में महत्वपूर्ण अध्याय भी है।