बीजिंग, 8 दिसंबर (युआईटीवी)- चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से गुरुवार को पेइचिंग में मुलाकात की। चार्ल्स मिशेल और उर्सुला वॉन डेर लेयेन यूरोपीय संघ और चीन के 24 में शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन आए हैं। जहाँ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उनका स्वागत किया। दोनों अध्यक्षों ने पिछले वर्ष के आखिरी में क्रमशः चीन का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान दोनों पक्षों के मध्य उच्च स्तरीय वार्ता हुई थी। जिसके कारण दोनों पक्षों को व्यापारिक,रणनीतिक,डिजिटल और हरित क्षेत्र में व्यापक परिणाम प्राप्त हुए।
चीन और यूरोप के बीच मजबूत संबंधों का विकास हुआ। यह दोनों पक्षों के हितों और लोगों के अपेक्षाओं के अनुरूप रहा। जिससे दोनों पक्ष लाभान्वित हुए। चीन और यूरोप के बीच जो संबंध है,उसके विकास को और बेहतर बनाने के लिए दोनों पक्षों को एकजुट होकर काम करना होगा।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि, “आज के इस बदलते परिवेश में एक सदी में दुनिया अनदेखे बदलते परिवर्तनों से गुजर रही है। बहुध्रुवीय बढ़ाने में चीन और यूरोप दो बड़ी महत्वपूर्ण शक्तियाँ हैं। ये दोनों पक्ष वैश्वीकरण का समर्थन करने वाले हैं। साथ ही यह दो ऐसी प्रमुख सभ्यताएँ हैं,जो विविधता को प्रोत्साहित करते हैं।
चीन और यूरोप का संबंध विश्व शांति,स्थिरता और समृद्धि से है। विश्व में अधिक-से-अधिक स्थिरता लाने,अधिक-से-अधिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा ज्यादा-से-ज्यादा वैश्विक शासन को समर्थन और निर्देश देने का उत्तरदायित्व चीन और यूरोप का ही है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन-यूरोप के रणनीतिक साझेदारी के बारे में कहा कि आज से 20 वर्ष पूर्व चीन और यूरोपीय संघ के मध्य चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी स्थापित हुई। इस वर्ष इसकी 20वीं वर्षगांठ है। हमें इस चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी को विश्व रुझान के अनुसार सकारात्मक दिशा में बढ़ाने की जरूरत है।
आगे उन्होंने आपसी सहयोग को बढ़ाने के बारे में कहा कि आपसी लाभ वाले सहयोग को बढ़ाने के लिए चीन और यूरोपीय संघ को वार्ता करने की आवश्यकता है। ताकि हमारे बीच आपसी सहयोग मजबूत किया जा सके। हमें आपस में रणनीतिक विश्वास को आगे बढ़ाने के लिए भी बातचीत करने की जरूरत है। जिससे दोनों पक्षों के लोग लाभान्वित हो सके। विश्व स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के लिए वैश्विक चुनौतियों का सामना चीन और यूरोपीय संघ को एकजुट होकर करना होगा।
