नई दिल्ली,4 सितंबर (युआईटीवी)- बुधवार दोपहर यमुना नदी के खतरे के निशान को पार कर 207 मीटर से ज़्यादा पानी भर जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी भीषण बाढ़ से जूझ रही है। इस अचानक उफान ने दिल्ली के कई निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया है,सड़कें कीचड़ भरी नालियों में बदल गई हैं और बाज़ार जलमग्न हो गए हैं। मजनू का टीला,मदनपुर खादर,बदरपुर और यमुना बाज़ार जैसे इलाके सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं,जहाँ घरों में पानी भर गया है और दुकानों को पानी से बचने के लिए संघर्ष करते हुए देखा जा सकता है।
बाढ़ की मानवीय क्षति बहुत ज़्यादा है। 10,000 से ज़्यादा निवासियों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर अधिकारियों द्वारा स्थापित राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। बाढ़ का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है,इसलिए सुरक्षा कारणों से प्रतिष्ठित पुराने रेलवे पुल (लोहा पुल) को भी बंद कर दिया गया है। बिना तैयारी के फँसे परिवारों और दुकानदारों ने सड़कों और फ्लाईओवर के किनारे अस्थायी आश्रयों में शरण ली है। रसोई और बर्तनों तक पहुँच न होने के कारण कई लोग अब बिस्कुट और बन जैसे सीमित खाद्य पदार्थों पर गुज़ारा कर रहे हैं।
ज़मीनी स्तर पर दिल दहला देने वाली कहानियाँ सामने आ रही हैं। मजनू का टीला में,दुकानदार अनूप थापा ने बताया कि कैसे उन्हें आधी रात को अपनी दुकान खाली करनी पड़ी और उनके सामान का एक छोटा सा हिस्सा ही बच पाया,जबकि मरम्मत का खर्च भी बढ़ रहा था। बदरपुर में,आसिफ नाम का एक निवासी अपने सिर पर सामान ढोते हुए बढ़ते पानी में अपने घर के नष्ट होने का विलाप करता हुआ दिखाई दिया। मदनपुर खादर में,परिवार अब फुटपाथ पर प्लास्टिक की चादरों के नीचे रह रहे हैं और महिलाएँ शौचालय और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रही हैं।
अधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया बढ़ा दी है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने शिकायतों का तुरंत समाधान करने और राहत कार्यों का प्रबंधन करने के लिए एक 24×7 नियंत्रण कक्ष सक्रिय किया है। जल निकासी प्रबंधन के लिए पुराना किला रोड के पास चार उच्च-शक्ति वाले पंपों के साथ एक नया 5 लाख लीटर का सम्प टैंक स्थापित किया गया है,जबकि ₹13.1 करोड़ की लागत वाली गाद हटाने की परियोजना जैसे दीर्घकालिक उपाय भी शुरू किए जा रहे हैं। इसके अलावा,सरकार ने 5,60,000 रेत की बोरियाँ, 58 बचाव नौकाएँ और 82 मोबाइल पंप तैनात किए हैं और शहर भर में संवेदनशील स्थानों पर आपदा दल तैनात किए गए हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली-एनसीआर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है,जिसमें लगातार बारिश की चेतावनी दी गई है,जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। यह संकट सिर्फ़ राजधानी तक ही सीमित नहीं है,बल्कि पंजाब,हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे उत्तरी राज्य भी भारी बारिश,अचानक बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहे हैं। इसका असर भारत की सीमाओं से बाहर भी फैल गया है,जहाँ अधिकारियों ने पाकिस्तान को संभावित बाढ़ के बारे में चेतावनी जारी की है।
दिल्ली के निवासियों के लिए,ये तस्वीरें कहानी को सबसे अच्छी तरह बयां करती हैं। सड़कें नालों में तब्दील,बाज़ार गंदे पानी में डूबे और परिवार अस्थायी आश्रयों में एक साथ दुबके हुए। जहाँ अधिकारी इस संकट से जूझ रहे हैं,वहीं लोगों का धैर्य कठिनाइयों के बीच भी उम्मीद से चिपके रहना शहर को बचाए रखने वाली सबसे मज़बूत ताकत बना हुआ है।
