सना,11 जून (युआईटीवी)- गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध के बीच यमन के हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर एक बड़ा हमला करने का दावा किया है। हूती समूह के सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि उनके लड़ाकों ने इजराइल के मुख्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे बेन गुरियन को दो बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाया है,जिनमें से एक हाइपरसोनिक मिसाइल थी। इस हमले के साथ ही इजराइल और यमन के बीच लंबे समय से जारी परोक्ष टकराव अब एक खुले संघर्ष की दिशा में बढ़ता दिख रहा है।
हूती प्रवक्ता याह्या सरिया ने ‘अल-मसीरा टीवी’ पर एक टेलीविजन बयान में दावा किया कि उनके बलों ने तेल अवीव स्थित बेन गुरियन हवाई अड्डे को प्रत्यक्ष तौर पर निशाना बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि इजराइली इंटरसेप्टर डिफेंस सिस्टम इन मिसाइलों को रोकने में असफल रहा।
याह्या सरिया ने कहा कि, “हमने बेन गुरियन हवाई अड्डे पर दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। इनमें से एक मिसाइल हाइपरसोनिक थी और यह सीधे लक्ष्य पर गिरी। अब हवाई अड्डे से उड़ानों पर रोक लगाना हमारी चेतावनी का हिस्सा है।”
सरिया ने साथ ही अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन कंपनियों को चेतावनी दी कि वे इजराइल के लिए अपनी उड़ानें रोक दें,अन्यथा उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस बयान का उद्देश्य न केवल सैन्य बल्कि आर्थिक और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना भी है।
हूती समूह ने इस मिसाइल हमले को एक जवाबी कार्रवाई बताया। प्रवक्ता के अनुसार,इजराइल ने हाल ही में यमन के होदेइदाह पोर्ट पर हमला किया था,जो हूती नियंत्रण में है। हूती समूह ने इसे आक्रामक कार्रवाई करार दिया और कहा कि वे इसका करारा जवाब देंगे।
मई 2024 में भी हूती समूह ने इजराइल के खिलाफ ड्रोन हमलों का दावा किया था, जो फिलिस्तीन के समर्थन में किया गया था। नवंबर 2023 से हूती विद्रोही इजराइली टारगेट्स और जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
वहीं इजराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने दावा किया है कि यमन से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइल को इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर लिया और नुकसान नहीं हुआ। हालाँकि,आईडीएफ ने हूती प्रवक्ता द्वारा बताई गई दूसरी मिसाइल या हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में कोई पुष्टि नहीं की।
इजराइली सेना ने इसका जवाबी हमला करते हुए होदेइदाह प्रांत में स्थित तीन पोर्ट्स पर बमबारी की। ये पोर्ट हूती नियंत्रण में हैं और हूती समूह इन्हें हथियारों के आयात और नौसैनिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करता है। ‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ की रिपोर्ट के अनुसार,इन हमलों में कई फैसिलिटी और डॉक क्षतिग्रस्त हुए।
आईडीएफ ने स्पष्ट किया कि यह हमला हूती द्वारा इजराइल पर लगातार किए जा रहे हमलों के जवाब में किया गया है। पिछले कुछ महीनों में होदेइदाह पोर्ट्स को इजराइल ने कई बार निशाना बनाया है।
हूती विद्रोही यमन में ईरान समर्थित एक मजबूत गुट हैं,जो देश के उत्तरी हिस्सों पर नियंत्रण रखते हैं। वे लंबे समय से यमन सरकार और सऊदी गठबंधन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं,लेकिन गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से हूती समूह ने इजराइल के खिलाफ भी खुली सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस संघर्ष को केवल यमन और इजराइल के बीच का मामला मानना गलत होगा। यह संघर्ष मध्य पूर्व में चल रहे ईरान-विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक ध्रुवीकरण का हिस्सा बन गया है। इजराइल जहाँ अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों के साथ खड़ा है, वहीं हूती,हमास,हिजबुल्लाह और ईरान जैसे गुट फिलिस्तीन के समर्थन में आक्रामक रुख अपना रहे हैं।
हूती समूह द्वारा इजराइल के सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को निशाना बनाना यह दर्शाता है कि गाजा संघर्ष अब सीमाओं से बाहर फैल चुका है। यह घटना केवल इजराइल की सुरक्षा नहीं,बल्कि वैश्विक उड्डयन और व्यापारिक मार्गों की स्थिरता को भी चुनौती देती है।
हालाँकि,इजराइल ने मिसाइल को इंटरसेप्ट करने का दावा किया है और जवाबी कार्रवाई भी की है,लेकिन यह संघर्ष अगर आगे बढ़ता है,तो पूरा मध्य पूर्व एक बड़े युद्ध के कगार पर पहुँच सकता है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह समझना होगा कि गाजा,यमन और लेबनान के मोर्चों पर चल रही इन लड़ाइयों को अलग-अलग नहीं,बल्कि एक जुड़े हुए संघर्ष के रूप में देखा जाना चाहिए।
इस हमले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हूती अब केवल यमन के अंदर तक सीमित नहीं हैं,वे अब इजराइल जैसे दूर के राष्ट्रों पर भी प्रभाव डालने की रणनीतिक और तकनीकी क्षमता हासिल कर चुके हैं। भविष्य में यह संघर्ष कितना और विस्फोटक रूप ले सकता है,यह आने वाला समय बताएगा।