लखनऊ,6 दिसंबर (युआईटीवी)- बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित एक विशेष समारोह में संविधान निर्माता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के विचार,सिद्धांत और संघर्ष भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ हैं और आज भी समाज के कमजोर वर्गों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। मुख्यमंत्री ने आंबेडकर को न केवल सामाजिक न्याय के मसीहा,बल्कि भारतीय संविधान की आत्मा बताया,जिनकी दूरदृष्टि ने भारत को मजबूत लोकतांत्रिक ढाँचे का आधार दिया।
समारोह में मुख्यमंत्री ने समाज में व्याप्त विषमता,भेदभाव और अन्याय के खिलाफ बाबा साहेब के आजीवन संघर्ष को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारत को समानता,स्वतंत्रता और बंधुत्व का जो मार्ग दिखाया,वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। योगी ने कहा कि समाज को एकता और समान अधिकारों के सिद्धांतों पर खड़ा रखने के लिए बाबा साहेब ने जो योगदान दिया,उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर की सोच सामाजिक न्याय की वह रोशनी है,जो हर पीड़ित,वंचित और कमजोर वर्ग के लिए आशा की किरण बनकर सदैव चमकती है।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में उन राजनीतिक दलों पर भी निशाना साधा,जो तुष्टीकरण की राजनीति का सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा कि देश में कुछ दल आज भी व्यक्तिगत लाभ और वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टीकरण की राह अपनाते हैं,जो न केवल राष्ट्रहित के विपरीत है,बल्कि बाबा साहेब के सिद्धांतों के भी खिलाफ है। योगी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सामाजिक न्याय और समानता की नीतियों पर चल रही है और किसी भी प्रकार की राजनीति को स्वीकार नहीं करती। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कभी तुष्टीकरण का समर्थन नहीं किया,बल्कि सभी को समान अवसर और अधिकार देने की बात कही थी।
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और सफाई कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले एक से दो महीनों में सभी चतुर्थ श्रेणी और सफाई कर्मियों को न्यूनतम मानदेय का लाभ सुनिश्चित करेगी,ताकि श्रमिकों के सम्मान और आर्थिक सुरक्षा को मजबूती मिल सके। उन्होंने कहा कि यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है,जिसमें हर वर्ग के कल्याण और उत्थान को प्राथमिकता दी जाती है। योगी ने कहा कि ये कर्मचारी शहरों को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके योगदान का उचित सम्मान किया जाना चाहिए।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में जहाँ-जहाँ बाबा साहेब की प्रतिमाएँ स्थापित हैं,वहाँ सुरक्षित बाउंड्री निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार शरारती तत्वों द्वारा प्रतिमाओं को नुकसान पहुँचाने की कोशिशें की जाती हैं,जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर प्रतिमा सुरक्षित रहे और समाज में किसी प्रकार की अव्यवस्था न उत्पन्न हो। योगी ने कहा कि बाबा साहेब की प्रतिमाएँ सामाजिक समभाव और न्याय की प्रतीक हैं,इसलिए उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में भी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “सामाजिक न्याय के अग्रदूत,संविधान निर्माता,भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। समाज में व्याप्त विषमता,अन्याय और भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करते हुए समानता,स्वतंत्रता और बंधुत्व पर आधारित समाज के निर्माण का जो सपना बाबा साहेब ने देखा था,वह आज भी हम सभी के लिए पथ प्रदर्शक है।”
उधर, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उन्होंने महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित कर समाज में शांति,समानता और मानवता के संदेश को पुनः दोहराया। समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, विधान परिषद सदस्य लालजी प्रसाद निर्मल, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का माहौल भावनात्मक और प्रेरणादायी रहा। उपस्थित लोगों ने बाबा साहेब के आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हुए सामाजिक न्याय और समानता के मार्ग पर दृढ़ता से चलने की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि डॉ. आंबेडकर की शिक्षाएँ आज भी भारतीय समाज की प्रगति और एकता के लिए आधारशिला हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेंगी।
