नई दिल्ली,13 फरवरी (युआईटीवी)- गुजरातियों पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा किए गए टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रद्द कर दिया है। तेजस्वी यादव ने गुजरातियों पर टिप्पणी की थी कि ‘आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें इसके लिए माफ भी किया जाएगा’ ।
बिना किसी शर्त के तेजस्वी यादव ने अपनी टिप्पणी को वापस ले लिए था और एक “विशिष्ट” हलफनामा दायर किया गया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले हफ्ते मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक मानहानि के मुकदमे को वह संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए रद्द कर देगी।
तेजस्वी यादव ने एक हलफनामा दायर किया था,जिसमें कहा गया था कि उन्होंने गुजराती लोगों या किसी विशेष राज्य के किसी समुदाय को ठेस पहुँचाने के लिए टिप्पणी नहीं किए थे। यादव के द्वारा दायर किए गए इस हलफनामे के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अब जरुरत नहीं है।
तेजस्वी यादव ने नवंबर 2023 में माँग की थी कि उनके खिलाफ जो आपराधिक मानहानि के मामले गुजरात में है,उसे बिहार स्थानांतरित कर दिया जाए। इस माँग के बाद मुकदमे की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
पिछले साल मार्च में तेजस्वी यादव द्वारा पटना में की गई कथित टिप्पणी से जुड़ी शिकायत है। उन पर आरोप है कि यादव ने कहा कि ‘आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें इसके लिए माफ भी किया जाएगा’ ।
तेजस्वी यादव ने यह टिप्पणी भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के लिए किए थे। मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। मेहुल चोकसी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस को जब रद्द कर दिया गया था,तो इस संदर्भ में तेजस्वी यादव ने यह टिप्पणी की थी।

