यूपीआई (तस्वीर क्रेडिट@TEAM_CBN1)

आरबीआई ने यूपीआई लाइट वॉलेट की लिमिट को 5000 रुपये तक बढ़ाया,प्रति ट्रांजैक्शन की लिमिट भी बढ़ी

नई दिल्ली,5 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी है,वहीं प्रति लेनदेन की सीमा 1,000 रुपये कर दी है। यह कदम मोबाइल फोन के माध्यम से इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम को अधिक व्यापक रूप से अपनाने के लिए उठाया गया है। वर्तमान में,ऑफलाइन भुगतान लेनदेन की ऊपरी सीमा 500 रुपये है,जबकि कुल सीमा 2,000 रुपये निर्धारित की गई थी। अब, इस सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को और अधिक सुविधा मिलेगी।

जनवरी 2022 में आरबीआई ने छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतानों को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से ऑफलाइन भुगतान के लिए एक फ्रेमवर्क जारी किया था। अब यूपीआई लाइट के लिए नई सीमा के अनुसार,उपभोक्ता अपने यूपीआई लाइट वॉलेट में 5,000 रुपये तक रख सकते हैं और बिना यूपीआई पिन या प्रमाणिकता के 1,000 रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं के लिए छोटे-मोटे भुगतान करना अधिक आसान हो जाएगा।

यह सुविधा विशेष रूप से उन स्थितियों में सहायक होगी,जहाँ इंटरनेट या टेलीकॉम कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं होती,क्योंकि यूपीआई लाइट के लेनदेन ऑफलाइन होते हैं। इसका मतलब है कि यूजर्स को अपने मोबाइल फोन के जरिए लेनदेन करने के लिए यूपीआई पिन की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा,इन लेनदेन के लिए रियल टाइम अलर्ट भी नहीं भेजे जाते हैं। इसका प्रमुख लाभ यह है कि बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी उपयोगकर्ता अपने दैनिक लेनदेन कर सकते हैं,जो कि देश के दूरदराज क्षेत्रों और उन स्थानों पर बेहद उपयोगी है,जहाँ इंटरनेट सेवाएँ स्थिर नहीं होतीं।

आरबीआई द्वारा यह कदम,डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और खासकर छोटे लेनदेन के लिए डिजिटल भुगतान की आदत को प्रोत्साहित करने की दिशा में है। इससे यूपीआई प्रणाली को और भी लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जब उपयोगकर्ता अपने स्मार्टफोन के माध्यम से ऑफलाइन तरीके से भुगतान कर सकेंगे,तो इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और लोग डिजिटल भुगतान की ओर आकर्षित होंगे।

इसके अलावा,यूपीआई लाइट के जरिए छोटे लेनदेन करने का एक और फायदा यह है कि यह समय की बचत करता है, क्योंकि इसमें कोई भी पिन या प्रमाणीकरण प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है। लोग अपने छोटे-मोटे भुगतान बिना किसी परेशानी के कर सकेंगे।

कुल मिलाकर, आरबीआई द्वारा यूपीआई लाइट की सीमा बढ़ाने का निर्णय डिजिटल भुगतान को और सुलभ बनाने और लोगों को ऑफलाइन स्थितियों में भी भुगतान करने में सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम छोटे व्यापारी, ग्राहक और वित्तीय प्रणाली में सुधार के लिए सहायक सिद्ध हो सकता है।