अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर (तस्वीर क्रेडिट@vivekcool007)

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में हुआ निधन,जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप ने जताया शोक

वाशिंगटन,30 दिसंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 29 दिसंबर को 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह अब तक के सबसे अधिक उम्र तक जीवित रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति थे। उनका निधन जॉर्जिया स्थित उनके घर में हुआ। कार्टर पिछले कुछ वर्षों से त्वचा के कैंसर (मेलानोमा) से जूझ रहे थे,जो बाद में उनके लीवर और दिमाग तक फैल गया था। उन्होंने इलाज बंद कर दिया था और घर पर ही देखभाल की जा रही थी। उनके निधन की जानकारी अटलांटा स्थित कार्टर सेंटर ने दी।

1977 से 1981 तक राष्ट्रपति रहने वाले कार्टर को अपनी ईमानदारी और मानवीय प्रयासों के लिए व्यापक प्रशंसा मिली। उन्होंने इजरायल और मिस्र के बीच शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,जिसके लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी मृत्यु की खबर अमेरिकी मीडिया में सोमवार को आई। जिमी कार्टर का योगदान न केवल अमेरिका,बल्कि वैश्विक शांति और मानवाधिकारों के क्षेत्र में भी अत्यधिक सराहा गया।

उनके बेटे चिप कार्टर ने अपने पिता के बारे में भावुक शब्दों में कहा, “मेरे पिता मेरे लिए और उन सभी के लिए नायक थे,जो शांति,मानवाधिकार और निस्वार्थ प्रेम में विश्वास रखते हैं। उन्होंने लोगों को एक साथ जोड़कर पूरी दुनिया को हमारा परिवार बना दिया। उनकी स्मृति का सम्मान करने के लिए हमें इन मूल्यों को अपनाते रहना चाहिए।”

कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक दुखद दिन है,लेकिन इसके साथ ही उनके साथ जुड़ी हुई ढेर सारी अविश्वसनीय यादें भी हैं। मेरे विचार से आज अमेरिका और विश्व ने एक उल्लेखनीय लीडर खो दिया। वह एक राजनेता और मानवतावादी थे और मैंने एक प्रिय मित्र को भी खो दिया। मैं 50 वर्षों से अधिक समय से जिमी कार्टर को जानता हूँ।” उन्होंने यह भी कहा कि, “उन वर्षों में मेरी उनके साथ अनगिनत बातचीत हुई,लेकिन जो बात मुझे असाधारण लगती है,वह यह है कि दुनिया भर में लाखों लोग महसूस करते हैं कि उन्होंने एक दोस्त भी खो दिया है,भले ही वे उनसे कभी नहीं मिले हों। ऐसा इसलिए है क्योंकि जिमी कार्टर ने कथनी में नहीं बल्कि करनी में यकीन रखा। उन्होंने न केवल घर में,बल्कि दुनिया भर में बीमारी को खत्म करने के लिए काम किया। उन्होंने शांति कायम की,नागरिक अधिकारों,मानवाधिकारों को आगे बढ़ाया और दुनिया भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा दिया।”

कार्टर के योगदान को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सराहा और कहा कि, जिस समय जिमी कार्टर अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे,उस समय हमारा देश नाजुक दौर से गुजर रहा था। अमेरिका के लोगों के जीवन में उन्होंने सुधार के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास किए। इसके लिए,हम सब उनके आभारी हैं। इस मुश्किल समय में मैं और मेरी पत्नी कार्टर के परिवार और उनके प्रियजनों के बारे में सोच रहे हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि उनको अपने दुआओं में रखें।

जिमी कार्टर का राष्ट्रपति कार्यकाल 1977 से 1981 तक था और इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। उनके कार्यकाल के सबसे बड़े उपलब्धियों में से एक इजरायल और मिस्र के बीच 1978 में हुआ कैंप डेविड समझौता था,जिसने मध्य पूर्व में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। इसके अलावा,कार्टर प्रशासन ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर भी काम किया और विभिन्न देशों में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए कदम उठाए।

राष्ट्रपति पद के बाद भी कार्टर ने अंतर्राष्ट्रीय शांति और सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी जारी रखी। 2002 में उन्हें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण हल ढूँढ़ने, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए दिया गया। उनके योगदान को देखते हुए उनकी छवि केवल एक राष्ट्रपति के रूप में नहीं,बल्कि एक मानवतावादी और शांति के प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी उभरी।

जिमी कार्टर की भारत यात्रा 1978 में हुई थी,जब उन्होंने अपनी पत्नी रोज़लिन कार्टर के साथ भारत का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने भारतीय राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मुलाकात की थी और भारतीय संसद को संबोधित किया था। उनका यह दौरा भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा गया। उनके इस दौरे के दौरान,एक गाँव का नाम “कार्टरपुरी” रखा गया था,जो आज भी अस्तित्व में है। यह नाम उनके सम्मान में रखा गया था,जो उनकी भारत यात्रा के दौरान उनके द्वारा दिखाए गए अच्छे इरादों और सहयोग की याद दिलाता है।

कार्टर की राजनीतिक दृष्टि और उनका वैश्विक दृष्टिकोण उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था। उन्होंने हमेशा विश्वभर में शांति और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया। उनके कार्यों ने न केवल अमेरिका के भीतर,बल्कि पूरी दुनिया में एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। उनका जीवन यह साबित करता है कि एक व्यक्ति की निस्वार्थ सेवा और मानवीय दृष्टिकोण पूरी दुनिया में बदलाव ला सकता है।

जिमी कार्टर की मृत्यु एक युग का अंत है। उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनके द्वारा किए गए कार्यों को आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा याद रखेंगी। उनके संघर्ष,विचार और उनके योगदान ने उन्हें न केवल अमेरिका,बल्कि पूरी दुनिया में एक महान नेता के रूप में स्थापित किया। उनकी यादें और उनके आदर्श हमेशा जीवित रहेंगे।