कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@Bitt2DA)

शशि थरूर ने पीएम मोदी के केरल आगमन पर जताई खुशी,विझिनजाम बंदरगाह को बताया गौरव का क्षण

तिरुवनंतपुरम,2 मई (युआईटीवी)- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केरल में गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार शाम को केरल पहुँचे। यह बंदरगाह न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है।

शशि थरूर ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “दिल्ली एयरपोर्ट पर देरी होने के बावजूद भी मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए समय पर तिरुवनंतपुरम पहुँच गया। विझिनजाम बंदरगाह के आधिकारिक रूप से शुरू होने का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूँ। यह एक ऐसी परियोजना है,जिसमें मैं शुरू से ही शामिल हूँ और उस पर मुझे गर्व है।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के इस बयान को राजनीतिक मतभेदों से इतर,विकास की दिशा में साझी जिम्मेदारी और सहयोग का प्रतीक माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केरल आगमन पर तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन,केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस मौके पर सड़क किनारे भाजपा समर्थकों और आम लोगों की भारी भीड़ ने भी पीएम का गर्मजोशी से अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कार से निकलते समय हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया और उनका धन्यवाद व्यक्त किया।

पीएम मोदी एयरपोर्ट से सीधे राजभवन के लिए रवाना हुए, जहाँ उन्होंने रात्रि विश्राम किया। शुक्रवार दो मई को वे विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे।

विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना को भारत के समुद्री व्यापार में एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम माना जा रहा है। यह बंदरगाह 8,867 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार किया गया है और अब पूरी तरह से चालू होने जा रहा है। इसकी वाणिज्यिक कमीशनिंग का प्रमाणपत्र पिछले वर्ष दिसंबर में ही जारी किया जा चुका है।

यह बंदरगाह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और गहरे पानी वाले कंटेनर पोर्ट के रूप में इसकी स्थिति भारत को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने वाली है। यह न केवल केरल के लिए बल्कि भारत के व्यापार,निर्यात और आयात क्षमताओं को एक नई दिशा देने वाला केंद्र बन सकता है।

शशि थरूर का यह कदम दर्शाता है कि भारत में विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर राजनीतिक दल एक मंच पर आ सकते हैं। एक ओर जहाँ थरूर ने यह स्पष्ट किया कि इस परियोजना में उनकी भागीदारी वर्षों पुरानी है,वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वागत में किसी प्रकार की राजनीतिक दूरी नहीं दिखाई। यह रवैया वर्तमान राजनीतिक माहौल में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी इस अवसर को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक बंदरगाह का उद्घाटन नहीं है,बल्कि भारतीय व्यापार और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। यह बंदरगाह भारत को वैश्विक व्यापार मंच पर एक नई पहचान देगा।”

विशेषज्ञों का मानना है कि विझिनजाम बंदरगाह एशिया,यूरोप और अफ्रीका के बीच जहाजरानी मार्ग पर स्थित होने के कारण एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब बन सकता है। इससे न केवल देश का विदेशी व्यापार बढ़ेगा,बल्कि केरल में रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे। यह बंदरगाह भारत की लॉजिस्टिक्स क्षमताओं को बढ़ावा देगा और घरेलू उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और कांग्रेस सांसद शशि थरूर की सकारात्मक प्रतिक्रिया इस बात की ओर इशारा करती है कि राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों पर सहमति और सहयोग की भावना भारत की लोकतांत्रिक परिपक्वता का प्रतीक है। विझिनजाम बंदरगाह का उद्घाटन न केवल एक बुनियादी ढाँचे की उपलब्धि है,बल्कि यह उन साझे प्रयासों का परिणाम है,जो राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र के विकास की दिशा में किए जाते हैं।