गोवा के शिरगांव मंदिर की लैराई जात्रा में मची भगदड़ (तस्वीर क्रेडिट@bhardwaj2509)

गोवा के शिरगांव मंदिर की लैराई जात्रा में मची भगदड़ से 6 लोगों की मौत, 50 से अधिक घायल,पीएम मोदी ने हादसे पर जताया दुख

पणजी,3 मई (युआईटीवी)- गोवा के शिरगांव में शुक्रवार देर रात आयोजित प्रसिद्ध श्री लैराई जात्रा के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ,जब अत्यधिक भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में कम-से-कम 6 लोगों की जान चली गई, जबकि 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए हैं। यह घटना उस समय हुई,जब हजारों लोग इस वार्षिक धार्मिक उत्सव में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए थे।

चश्मदीदों के अनुसार,भीड़ उस वक्त नियंत्रण से बाहर हो गई,जब मंदिर परिसर में अचानक अफरा-तफरी मच गई। लोगों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई और कुछ ही पलों में हालात भयावह हो गए। श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े और कुछ लोग भीड़ के नीचे दब गए।

चश्मदीदों ने बताया कि “हम लोग दर्शन के लिए लाइन में खड़े थे। अचानक लोगों ने धक्का देना शुरू किया और सभी भागने लगे। कई बच्चे और महिलाएँ जमीन पर गिर गए,जो भाग सकते थे,वो भागे,बाकियों को भीड़ ने रौंद दिया।”

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस,दमकल विभाग और आपातकालीन चिकित्सा टीमें मौके पर पहुँच गईं। राहत कार्य तेजी से शुरू किया गया और घायलों को प्राथमिक इलाज के लिए पास के अस्पतालों में पहुँचाया गया। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और नॉर्थ गोवा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुद अस्पताल पहुँचे और घायलों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी घायलों का इलाज मुफ्त में किया जाए और हर संभव सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। मामले की जाँच के आदेश दे दिए गए हैं,ताकि आगे ऐसी घटनाएँ न हो।”

अभी तक भगदड़ के कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है,लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार,यह हादसा अत्यधिक भीड़ और समुचित व्यवस्था के अभाव के चलते हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई मौतों से दुखी हूँ। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।”

इसके अलावा, गोवा कांग्रेस ने भी इस हादसे पर संवेदना व्यक्त की और लिखा, “श्री लैराई देवी,शिरगाव के जातरोत्सव में हुई भगदड़ से बहुत दुखी हैं। हम इस दुखद घटना की शोक व्यक्त करते हैं और अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”

श्री लैराई देवी जात्रा गोवा के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक मानी जाती है। हर साल हजारों श्रद्धालु,विशेष रूप से शिरगांव और आसपास के क्षेत्रों से,इस जात्रा में भाग लेते हैं। यह जात्रा पारंपरिक अग्निपरीक्षा और धार्मिक जुलूस के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें श्रद्धालु देवी लैराई की पूजा करते हैं और आस्था के प्रतीक रूप में आग में चलने की रस्म निभाते हैं।

इस बार यह उत्सव भीषण त्रासदी में बदल गया, जहाँ श्रद्धा से भरे माहौल में शोक और मातम छा गया। धार्मिक उत्सवों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण की भूमिका पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।

यह हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है,बल्कि इस बात पर भी जोर देता है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है। हजारों लोगों की उपस्थिति के बावजूद पर्याप्त निकासी मार्ग, चिकित्सा सहायता और पुलिस बल की उपस्थिति सुनिश्चित न करना इस तरह की घटनाओं को आमंत्रण देता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों से पहले जोखिम मूल्यांकन,भीड़ नियंत्रण रणनीति और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य होनी चाहिए।

गोवा के शिरगांव में श्री लैराई जात्रा के दौरान हुई भगदड़ एक गंभीर मानवीय त्रासदी है। यह घटना न केवल श्रद्धालुओं की जान की कीमत पर हुई,बल्कि प्रशासन की तैयारियों और जवाबदेही पर भी प्रश्नचिह्न लगा गई। प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की संवेदनाएँ इस दुःख को थोड़ा कम कर सकती हैं,लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यवस्थित बदलाव आवश्यक हैं।