येरूशलम,5 मई (युआईटीवी)- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यमन के हूती विद्रोहियों और उनके सहयोगी ईरान के खिलाफ सख्त जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह निर्णय तेल अवीव के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए मिसाइल हमले के बाद लिया गया,जिसमें इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था सवालों में आ गई।
तेल अवीव में हुए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद इजरायल में हड़कंप मच गया है। बेन गुरियन एयरपोर्ट जैसे संवेदनशील स्थान को निशाना बनाए जाने के बाद इजरायल ने साफ कर दिया है कि अब हूती विद्रोहियों को करारा जवाब मिलेगा और वह भी बार-बार। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले के बाद तुरंत आपात बैठक बुलाई और चेतावनी दी कि अब यह संघर्ष एकतरफा नहीं रहेगा।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा, “हमारी जवाबी कार्रवाई एक बार में खत्म नहीं होगी। जितना हमला किया जाएगा,उतना ही तीव्र और बार-बार जवाब मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) पहले भी हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है और यह अभियान अब और तेज़ किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “मैं पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकता,लेकिन यह तय है कि हम हूतियों को वह कीमत चुकवाएँगे,जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। अमेरिका के साथ मिलकर हम इस अभियान को संचालित कर रहे हैं।”
रविवार को हुई इस घटना में हूती विद्रोहियों की ओर से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल इजरायल के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थानों में से एक बेन गुरियन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बेहद करीब गिरी। रिपोर्ट्स के अनुसार,मिसाइल टर्मिनल 3 से सिर्फ 75 मीटर की दूरी पर गिरी और जमीन पर 25 मीटर गहरा गड्ढा बन गया। यह जगह हवाई अड्डे की सुरक्षा परिधि के भीतर आती है और यहाँ किसी भी प्रकार की चूक इजरायल की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
मिसाइल ने इजरायल की चार स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली को पार कर लिया,जिनमें अमेरिका द्वारा प्रदान किया गया थाड (टीएचएएडी)और इजरायल का स्वदेशी एरो डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। इस विफलता के बाद इजरायली सैन्य अधिकारी हमले की तकनीकी जाँच में जुट गए हैं।
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने भी इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कोई भी इजरायल पर हमला करेगा,उसे सात गुना ज्यादा नुकसान झेलना होगा। उनके बयान में गुस्से और दृढ़ता दोनों की झलक थी। काट्ज ने कहा, “हूती विद्रोहियों ने जो दुस्साहस किया है,उसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।”
इस हमले में कम-से-कम आठ लोग घायल हुए हैं,जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इजरायल की राष्ट्रीय आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम (एमडीए) ने राहत और बचाव कार्य में तत्काल सहायता प्रदान की। फिलहाल घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और आसपास के इलाकों को सील कर दिया गया है।
इजरायली सुरक्षा प्रतिष्ठान इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि देश की सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली इस हमले को रोकने में विफल क्यों रही। रक्षा मंत्रालय ने इसके पीछे तीन पहलुओं- तकनीकी गड़बड़ी,ह्यूमन एरर और रणनीतिक खामी की जाँच शुरू कर दी है।
हूती विद्रोही,जिन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है,लंबे समय से मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने में सक्रिय रहे हैं। यमन से संचालित यह समूह पहले भी सऊदी अरब और यूएई पर मिसाइल व ड्रोन हमले कर चुका है। अब इजरायल को भी सीधे निशाना बनाकर उन्होंने इस क्षेत्रीय तनाव को एक नए स्तर पर पहुँचा दिया है।
इजरायल की राजनीतिक और सैन्य प्रतिक्रिया यह संकेत देती है कि यह केवल जवाबी कार्रवाई नहीं,बल्कि एक दीर्घकालिक सैन्य अभियान की शुरुआत हो सकती है। नेतन्याहू की सख्त भाषा और अमेरिका के साथ समन्वय से साफ है कि इजरायल अब रक्षात्मक नहीं,आक्रामक नीति अपनाने जा रहा है।