नई दिल्ली,7 मई (युआईटीवी)- भारत द्वारा अंजाम दिए गए सर्जिकल स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में गहरी बेचैनी और खामोशी देखी जा रही है। भारतीय सशस्त्र बलों की इस केंद्रित और संतुलित कार्रवाई ने पाकिस्तान के अंदर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इस सैन्य कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने बुधवार सुबह देशभर के कई प्रमुख हवाई अड्डों पर हाई सिक्योरिटी अलर्ट जारी कर दिया और कराची समेत कई शहरों से सभी उड़ानें रद्द कर दीं।
फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म ‘फ्लाइटराडार24’ के अनुसार, बुधवार सुबह 11 बजे तक पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में सामान्य समय की तुलना में विमान गतिविधि लगभग नगण्य थी। आमतौर पर इस समय पाकिस्तानी आसमान में दर्जनों विमान उड़ान भरते हैं,लेकिन आज स्थिति बिल्कुल अलग रही। केवल कुछ गिनी-चुनी उड़ानों,जैसे बीजिंग से दुबई और लाहौर से कराची जाने वाली फ्लाइट्स ही सक्रिय दिखीं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह खामोशी पाकिस्तान की आंतरिक चिंता और किसी संभावित जवाबी कार्रवाई की तैयारी का संकेत हो सकती है। सुरक्षा एजेंसियों ने संभावित खतरे को देखते हुए हवाई संचालन पर रोक लगाने का फैसला लिया है।
पाकिस्तान के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में शामिल जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट (कराची) से सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि देश के अन्य अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू हवाई अड्डों पर भी यातायात में भारी कटौती की गई है। यह कदम संभावित सुरक्षा खतरों और किसी नई सैन्य कार्रवाई की आशंका के चलते उठाया गया है।
भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य केवल उन आतंकी ढाँचों को निशाना बनाना था,जहाँ से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाई जा रही थी। यह कार्रवाई पूर्णतः केंद्रित,सीमित और गैर-उत्तेजक थी। भारतीय बलों ने इस मिशन के दौरान किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह कार्रवाई हाल ही में पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में की गई है,जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। भारत ने कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर दृढ़ है और इस हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाकर रहेगा।
पाकिस्तान सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है,लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय में कई उच्चस्तरीय बैठकें की जा रही हैं। सैन्य कमांडरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और नागरिक सुरक्षा को लेकर भी गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान के लिए यह स्थिति अत्यधिक असहज है। एक ओर उसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है,वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय दबाव और भारत के स्पष्ट रुख का भी सामना करना पड़ रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह एयरस्ट्राइक खुफिया एजेंसियों की विस्तृत निगरानी और सूचनाओं के आधार पर की गई। इन ठिकानों की पहचान उन स्थानों के रूप में हुई थी,जहाँ आतंकी संगठन भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे। कुल नौ स्थानों पर हमले किए गए और शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, कई आतंकी मारे गए हैं।
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई सैन्य शक्ति का प्रदर्शन न होकर,राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक सटीक और संतुलित प्रयास है। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया अब आगे के घटनाक्रम को तय करेगी।