नई दिल्ली,9 मई (युआईटीवी)- भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है,जहाँ एक ओर पाकिस्तान की ओर से आतंकी गतिविधियाँ और घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं,वहीं भारत अपनी ओर से हर हमले का मुँहतोड़ जवाब दे रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर गलत जानकारी और भ्रामक वीडियो/तस्वीरों की बाढ़ आ गई है,जो ना सिर्फ आम लोगों को भ्रमित कर रही है,बल्कि देश के सुरक्षा हालात को लेकर डर और अफवाह फैलाने का जरिया बन रही है।
ऐसे ही कई फर्जी दावों को लेकर भारत सरकार की आधिकारिक एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक ने सच्चाई सामने रखी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई,जिसमें दावा किया गया कि जम्मू स्थित एयरफोर्स बेस पर पाकिस्तान द्वारा हमला किया गया और वहाँ कई विस्फोट हुए। इस खबर को लेकर सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा शुरू हो गई।
हालाँकि,पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे की जाँच करने के बाद स्पष्ट किया कि यह दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। फैक्ट चेक के अनुसार,जिस तस्वीर को जम्मू एयरबेस पर हमले के प्रमाण के तौर पर दिखाया जा रहा है,वह असल में अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले की है।
पीआईबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है।”
इसके साथ ही उस वक्त की मीडिया रिपोर्ट का लिंक भी साझा किया गया,ताकि लोग स्वयं इसकी पुष्टि कर सकें।
इसी तरह, सोशल मीडिया पर गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हुए हमले का दावा करते हुए एक वीडियो वायरल किया गया। दावा किया गया कि पाकिस्तान ने हजीरा पोर्ट पर हमला किया है और भारी नुकसान हुआ है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे की भी जाँच-पड़ताल की और बताया कि यह वीडियो भी भ्रामक है। यह असल में 7 जुलाई 2021 को हुए एक तेल टैंकर विस्फोट का वीडियो है,जिसका हजीरा पोर्ट से कोई संबंध नहीं है।
पीआईबी ने लिखा कि, “गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले का यह दावा भ्रामक है। यह वीडियो 2021 में तेल टैंकर विस्फोट का है। कृपया इस वीडियो को आगे न फैलाएँ।”
एक और फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ,जिसमें दावा किया गया कि पंजाब के जालंधर शहर पर ड्रोन स्ट्राइक हुई है। इस वीडियो में आग की लपटें और धुआँ नजर आ रहा था,जिसे युद्ध का हिस्सा बताया गया।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जाँच कर बताया कि यह वीडियो वास्तव में “फॉर्म फायर” (प्रशिक्षण के दौरान लगाई गई आग) का है,जिसका ड्रोन स्ट्राइक से कोई लेना-देना नहीं है।
इन तीनों मामलों में एक बात स्पष्ट होती है कि गलत सूचना का प्रसार किसी भी संकट की स्थिति में भय,असुरक्षा और सामाजिक भ्रम फैलाने का सबसे खतरनाक माध्यम बन सकता है। पीआईबी ने बार-बार लोगों से अपील की है कि किसी भी खबर या वीडियो को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि करें,सरकारी या आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें और किसी खबर या पोस्ट के संदिग्ध लगने पर उसे पीआईबी फैक्ट चेक को टैग करके उसकी सत्यता की पुष्टि करवाएँ ।
आज के डिजिटल युग में जानकारी जितनी तेज़ी से फैलती है,उतनी ही तेजी से अफवाहें भी। पाकिस्तान की ओर से सीमा पर की जा रही साजिशों और आतंकी हमलों के बीच यह साफ है कि प्रोपेगेंडा और मनोवैज्ञानिक युद्ध का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने में भागीदार बने,ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा,सामाजिक शांति और नागरिकों का मनोबल बना रहे।