नई दिल्ली,12 मई (युआईटीवी)- भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव और संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं के बीच सोमवार को एक अहम कूटनीतिक और सामरिक पहल देखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज सुबह एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई,जिसमें देश के शीर्ष रक्षा और सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के बीच होने वाली हॉटलाइन वार्ता से पहले बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,प्रधानमंत्री के आवास पर आयोजित इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य भारत की सीमा सुरक्षा स्थिति का आकलन करना,हाल के संघर्ष विराम उल्लंघनों पर विचार करना और पाकिस्तान के साथ संभावित बातचीत की रणनीति तय करना था।
इससे पहले, 11 मई को भी एक हाईलेवल बैठक पीएम आवास पर हुई थी, जिसमें उन्हीं अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। उस समय भी यही माना गया था कि बैठक पाकिस्तान के साथ सीमा पर बनी स्थिति को लेकर है,खासकर ऐसे समय में जब सीमा पर शांति तो बनी हुई है,लेकिन स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं कही जा सकती।
जानकारी के मुताबिक,आज दोपहर 12 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन पर बातचीत प्रस्तावित है। इस बातचीत का प्रमुख उद्देश्य संघर्ष विराम को बनाए रखना और दोनों देशों के बीच स्थायी शांति की संभावना पर विचार करना है। यह वार्ता ऐसे समय हो रही है,जब हाल ही में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के उल्लंघन की कुछ छिटपुट घटनाएँ सामने आई थीं,लेकिन इन घटनाओं के बाद देर रात तक स्थिति शांत रही।
भारत की ओर से वार्ता में यह मुद्दा उठाए जाने की संभावना है कि पाकिस्तान अपनी ओर से सीजफायर का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे और सीमा पार से किसी भी तरह की आतंकी घुसपैठ या गतिविधियों को रोके।
भारतीय थल सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार शाम एक प्रेस ब्रीफिंग में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य आतंकवाद को जड़ से खत्म करना था और इस मिशन में भारतीय सेना को उल्लेखनीय सफलता मिली है।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि, “ऑपरेशन सिंदूर के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया है। उनके कई ठिकानों को भी पूरी तरह नेस्तनाबूद किया गया है। सेना ने आतंकवादी हमलों का माकूल जवाब दिया है और हमारे पास इस कार्रवाई के पुख्ता सबूत भी हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि सेना भविष्य में भी किसी भी आतंकी गतिविधि का कड़ा जवाब देने के लिए तैयार है और सीमा पर तैनात बल पूरी तरह सतर्क हैं।
भले ही पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम को लेकर सहमति और प्रतिबद्धता जताई गई हो,लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियाँ और सैन्य विश्लेषक अभी भी सतर्क रवैया अपनाए हुए हैं। बीते शनिवार को पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन हुआ था,हालाँकि उसके बाद देर रात तक शांति बनी रही।
भारत के सुरक्षा तंत्र का मानना है कि बातचीत और संघर्ष विराम का पालन तभी सफल होगा,जब जमीनी स्तर पर इसका असर दिखाई दे और पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकी गतिविधियों को पनपने से रोके।
भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ की यह प्रस्तावित बातचीत एक बार फिर से यह संकेत दे रही है कि दोनों देशों के बीच संवाद की खिड़की अभी पूरी तरह बंद नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की प्राथमिकता है कि सीमाओं पर शांति बनी रहे,लेकिन राष्ट्र की सुरक्षा से कोई समझौता न किया जाए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता जहाँ सेना की मजबूत रणनीति को दर्शाती है,वहीं पीएम आवास पर हुई बैठकों से यह साफ है कि भारत हर कदम सोच-समझकर उठा रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि डीजीएमओ वार्ता क्या रंग लाती है और क्या इससे भारत-पाक संबंधों में कुछ स्थायित्व आ सकता है।