मुंबई,12 मई (युआईटीवी)- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने के संकेतों का असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पर साफ तौर पर देखा गया। सीजफायर की खबर के बाद बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 2200 अंक से ज्यादा चढ़ गया,वहीं निफ्टी भी 700 अंकों की बढ़त के साथ मजबूत हुआ। यह तेजी बाजार में लंबे समय बाद आई राहत की तरह महसूस की गई।
मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने बताया कि यह तेजी पूरी तरह से अनुमानित थी। उन्होंने कहा कि शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की खबर आ चुकी थी,जिससे निवेशकों को पहले से उम्मीद थी कि सोमवार का कारोबारी दिन तेज़ी भरा होगा।
शाह ने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों से बॉर्डर पर बढ़ते तनाव और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की अनिश्चितता की वजह से बाजार में करेक्शन यानी गिरावट देखी गई थी,लेकिन अब भारत-पाक रिश्तों में नरमी और अमेरिका-चीन ट्रेड डील की खबरों से बाजार को मजबूती मिली है।”
सोमवार सुबह जब बाजार खुला,तब सेंसेक्स में लगभग 1600 अंकों की उछाल देखने को मिली। कारोबार के कुछ घंटों बाद यह बढ़त 2200 अंकों के पार पहुँच गई। इसी तरह निफ्टी ने भी 500 अंकों की मजबूती के साथ शुरुआत की और धीरे-धीरे यह बढ़त 700 अंकों तक पहुँच गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बाजार की एक स्वाभाविक और स्वागतयोग्य प्रतिक्रिया थी,क्योंकि हाल के सप्ताहों में निवेशकों को कई तरह की अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ा था।
सीजफायर की खबरों के अलावा एक और बड़ी सकारात्मक खबर अमेरिका और चीन के बीच हुए व्यापार समझौते को लेकर आई। सुनील शाह ने बताया कि अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों के बीच स्विट्जरलैंड के जिनेवा में दो दिनों तक बातचीत चली और अंततः एक सफल ट्रेड डील पर सहमति बन गई।
उन्होंने कहा, “इस डील की डिटेल्स भले ही अभी सामने नहीं आई हैं,लेकिन इसकी घोषणा भर से ही वैश्विक बाजारों में सकारात्मकता आ गई है और भारतीय बाजार भी इसका लाभ उठा रहा है।”
बीते डेढ़ महीने से बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ था। बॉर्डर टेंशन, अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड वॉर और आर्थिक सुस्ती ने निवेशकों को सतर्क कर दिया था,लेकिन अब हालात में बदलाव आया है और निवेशकों को थोड़ी स्पष्टता और स्थिरता नजर आ रही है।
सुनील शाह का मानना है कि यह माहौल नए निवेशकों के लिए अवसर की तरह है और जो लोग पहले बाजार से दूर थे,अब वे वापस निवेश के बारे में सोच सकते हैं।
शाह ने यह भी कहा कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और इसलिए यहाँ की स्थिति का असर अंतर्राष्ट्रीय बाजारों पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका के बीच भविष्य में कोई द्विपक्षीय व्यापार समझौता होता है,तो यह न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक मजबूत संकेत होगा।
सुनील शाह ने अपने बयान में एक अहम बात कही कि “जंग किसी के लिए भी अच्छी नहीं होती। एक शांतिपूर्ण माहौल में ही विकास होता है और नई टेक्नोलॉजी को जगह मिलती है।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत-पाक के बीच यह शांति सिर्फ अस्थायी न हो बल्कि लंबे समय तक कायम रहे,ताकि देश की अर्थव्यवस्था स्थिरता की ओर बढ़े और बाजारों में भरोसा बना रहे।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव कम होने और अमेरिका-चीन ट्रेड डील की सकारात्मक खबरों ने भारतीय शेयर बाजार को नई ऊर्जा दी है। लंबे समय के बाद निवेशकों को राहत और स्पष्टता मिली है,जिससे बाजार ने तेज़ी दिखाई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में आई उछाल यह दिखाता है कि अस्थिरता से स्थिरता की ओर बढ़ता हर कदम बाजार को उत्साहित करता है।
अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि यह शांति और आर्थिक स्पष्टता कितने समय तक बनी रहती है और बाजार को किस दिशा में ले जाती है।