नई दिल्ली,13 मई (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद,पाकिस्तान की भूमिका और भारत की सुरक्षा नीति पर बेहद सख्त और निर्णायक रुख अपनाया। अपने संबोधन में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब किसी भी तरह के “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” को सहन नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अब भारत अपनी शर्तों पर,अपने तरीके से जवाब देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी देते हुए कहा, “भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल की नीति को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। आतंकवाद की आड़ में अगर कोई देश परमाणु हथियारों की धमकी देता है,तो भारत अब चुप नहीं बैठेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत की सेनाएँ – थल सेना,वायु सेना,नौसेना और अर्धसैनिक बल पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि देश की सीमा की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा की और इसे भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई नीति का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ हमारी निर्णायक नीति का नया अध्याय है। इसने आतंक के खिलाफ हमारी रणनीति में नया मानदंड स्थापित किया है।”
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने दुश्मन की सरजमीं पर जाकर उन अड्डों को निशाना बनाया,जहाँ से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस अभियान में भारत ने बिना किसी हिचक और देरी के सटीक प्रहार किए और आतंकी नेटवर्क को गंभीर नुकसान पहुँचाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी संबोधित किया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान का असली चेहरा देखा। उन्होंने कहा कि जब भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया,तो मारे गए आतंकियों को पाकिस्तानी सेना के बड़े अधिकारियों द्वारा अंतिम विदाई दी गई।
“क्या यह किसी भी संप्रभु राष्ट्र की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह अपने नागरिकों को ऐसे आतंकियों से बचाए? लेकिन पाकिस्तान की सरकार और सेना का यह रवैया पूरी दुनिया के सामने स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म का जीता-जागता उदाहरण है।”
प्रधानमंत्री ने चेताया कि भारत अब आतंकी संगठनों और उन्हें संरक्षण देने वाली सरकारों को अलग-अलग नहीं देखेगा। जवाब हर उस जड़ तक पहुँचकर दिया जाएगा,जहाँ से आतंकवाद की उत्पत्ति होती है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की सैन्य ताकत और स्वदेशी रक्षा तकनीक की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि रेगिस्तानों से लेकर पहाड़ों तक,भारत की सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान उत्कृष्ट सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, “21वीं सदी का युद्ध सिर्फ मैदान में नहीं,तकनीक और रणनीति से भी लड़ा जाता है। आज भारत ने यह साबित कर दिया है कि न्यू-एज वॉरफेयर में हम किसी से पीछे नहीं।”
प्रधानमंत्री ने ‘मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स’ की विशेष चर्चा करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने देश में बने हथियारों की सक्षमता और प्रामाणिकता को साबित कर दिया है। यह आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश की एकजुटता सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने दो टूक कहा कि, “हम इस भ्रम में नहीं हैं कि यह युग युद्ध का नहीं है,लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। दुनिया को अब ‘टेररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनानी होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की नीति अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने की नहीं,बल्कि निर्णायक पहल करने की है। हम ना सिर्फ अपने नागरिकों की रक्षा करेंगे,बल्कि हर उस कोशिश को नाकाम करेंगे,जो भारत को अस्थिर करने के लिए की जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन भारत की बदली हुई रणनीति,आत्मनिर्भर रक्षा व्यवस्था और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट रूप से सामने लाता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं,बल्कि एक राजनैतिक-सामरिक संदेश है। अब भारत आतंक की भाषा में नहीं,अपने आत्मविश्वास और तकनीक के दम पर जवाब देता है।
प्रधानमंत्री ने दुनिया को यह संदेश भी दिया कि भारत अब सिर्फ अपने बचाव तक सीमित नहीं रहेगा,बल्कि वह सभी आतंकी गतिविधियों का स्त्रोत खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।