ई-कॉमर्स कंपनियाँ (तस्वीर क्रेडिट@JoshiPralhad)

ई-कॉमर्स कंपनियों पर केंद्र ने बरती सख्ती,पाकिस्तानी झंडे और अन्य सामान की बिक्री को लेकर जारी किया नोटिस

नई दिल्ली,15 मई (युआईटीवी)- ई-कॉमर्स कंपनियों पर केंद्र ने सख्ती दिखाते हुए पाकिस्तानी झंडे और अन्य सामान की बिक्री को लेकर नोटिस जारी किया है। देश में उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार लगातार सक्रिय है। इसी क्रम में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने अमेजन इंडिया,फ्लिपकार्ट, यूबाय इंडिया,एटसी,द फ्लैग कंपनी और द फ्लैग कॉर्पोरेशन समेत कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उनके प्लेटफॉर्म पर पाकिस्तानी झंडों और प्रतीकों वाले उत्पादों की बिक्री को लेकर भेजा गया है।

यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि ऐसी असंवेदनशीलता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे सभी उत्पादों को तत्काल हटाएँ।

केंद्र सरकार को जानकारी मिली थी कि कुछ प्रमुख ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर पाकिस्तानी झंडों,प्रतीकों और उनसे संबंधित सामानों की बिक्री हो रही है। यह मामला सामने आने के बाद सीसीपीए ने संज्ञान लेते हुए संबंधित प्लेटफॉर्मों को नोटिस जारी किया और उन्हें तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने पोस्ट में लिखा कि, “सीसीपीए ने अमेजन,फ्लिपकार्ट, यूबाय इंडिया,एटसी, द फ्लैग कंपनी और द फ्लैग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी किया है। इस तरह की असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी प्लेटफॉर्मों को इन उत्पादों को तत्काल हटाने और भारतीय कानूनों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।”

इस मुद्दे का केवल कानूनी पहलू ही नहीं,बल्कि एक राष्ट्रभक्ति और संवेदनशीलता से जुड़ा पहलू भी है। जब देश के नागरिक और सैनिक सीमा पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सामना कर रहे हैं,तब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर पाकिस्तानी प्रतीकों वाले उत्पाद बेचना सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना माना जा रहा है।

सीसीपीए ने यह साफ किया है कि देश में व्यापार कर रही किसी भी कंपनी को भारतीय संविधान,उपभोक्ता सुरक्षा कानून और राष्ट्रहित का पालन करना ही होगा।

यह पहली बार नहीं है,जब केंद्र ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर कार्रवाई की हो। इससे पहले पिछले सप्ताह सीसीपीए ने अमेजन,फ्लिपकार्ट,मीशो और ओएलएक्स को 13 नोटिस जारी किए थे। यह नोटिस वॉकी-टॉकी जैसे वायरलेस उपकरणों की बिक्री को लेकर थे,जो बिना किसी लाइसेंसिंग जानकारी,डिस्क्लोजर या इक्विपमेंट टाइप अप्रूवल (ईटीए) के प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे थे।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार,अमेजन पर ऐसी 467 लिस्टिंग,फ्लिपकार्ट पर 314 लिस्टिंग,मीशो पर 489 लिस्टिंग,ट्रेडइंडिया पर 423 लिस्टिंग पाई गईं,जो बताती हैं कि यह कोई इक्का-दुक्का मामला नहीं,बल्कि व्यापक स्तर पर नियमों की अनदेखी है।

प्रह्लाद जोशी ने अपनी पोस्ट में इस मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जोड़ते हुए कहा कि, “गैर-अनुपालन वाले वायरलेस उपकरणों की बिक्री न केवल वैधानिक दायित्वों का उल्लंघन करती है,बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के संचालन के लिए गंभीर खतरा भी उत्पन्न करती है।”

यह बात बेहद अहम है क्योंकि बिना लाइसेंस और अनुमोदन के बेचे जा रहे उपकरण संचार प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को सिर्फ व्यापारिक लाभ के लिए नियमों की अनदेखी करने की छूट नहीं दी जा सकती। मंत्री जोशी ने सभी डिजिटल रिटेल प्लेटफॉर्मों को चेतावनी दी कि वे देश के अंदर व्यापार करते समय भारतीय कानूनों का सख्ती से पालन करें।

उनका कहना था कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और गैरकानूनी व्यापार प्रथाओं को रोकना सरकार की प्राथमिकता है,इसलिए सभी कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में भी ऐसा कोई उल्लंघन पाया गया,तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सीसीपीए की ओर से उठाए गए ये कदम स्पष्ट संकेत हैं कि अब डिजिटल बाजार भी कानून के दायरे से बाहर नहीं रह सकते। चाहे वह विदेशी प्रतीकों की बिक्री हो या बिना अनुमति के वायरलेस उपकरणों की लिस्टिंग,सरकार अब ‘नो टॉलरेंस’ नीति अपना रही है।

यह कार्रवाई न सिर्फ राष्ट्रहित की रक्षा के लिए जरूरी है,बल्कि डिजिटल ईमानदारी और उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण के लिए भी आवश्यक कदम है। अब यह देखना अहम होगा कि ई-कॉमर्स कंपनियाँ इस चेतावनी को गंभीरता से लेती हैं या नहीं।