'एमएससी इरिना' (तस्वीर क्रेडिट@AdaniKaran)

अदाणी ग्रुप के विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुँचा दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज ‘एमएससी इरिना’,भारत की समुद्री ताकत को मिली नई पहचान

तिरुवनंतपुरम,9 जून (युआईटीवी)- भारत के समुद्री इतिहास में एक नया अध्याय उस समय जुड़ गया,जब दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज एमएससी इरिना सोमवार को केरल स्थित विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुँचा। यह पल न केवल भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है,बल्कि यह देश की वैश्विक समुद्री लॉजिस्टिक्स में बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है। यह जहाज मंगलवार तक इस बंदरगाह पर रहेगा।

एमएससी इरिना को अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल (यूएलसीवी) श्रेणी में रखा गया है और यह टीईयू (20-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा जहाज माना जाता है। इसकी कुल वहन क्षमता 24,346 टीईयू है,जो इसे ग्लोबल शिपिंग में एक बड़ा खिलाड़ी बनाती है।

इस जहाज की लंबाई 399.9 मीटर और चौड़ाई 61.3 मीटर है,जो कि एक स्टैंडर्ड फीफा फुटबॉल मैदान से चार गुना बड़ा है। इस आकार के जहाज को संभालना किसी भी बंदरगाह के लिए एक बड़ी चुनौती होती है और विझिंजम बंदरगाह ने यह कर दिखाया है।

एमएससी इरिना को विशेष रूप से एशिया और यूरोप के बीच भारी मात्रा में माल परिवहन के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह जहाज न केवल माल ढुलाई की लागत को कम करता है,बल्कि लॉजिस्टिक्स की दक्षता भी बढ़ाता है। इस तरह यह जहाज वैश्विक व्यापार मार्गों को और अधिक प्रभावी और पर्यावरण-अनुकूल बनाता है।

एमएससी इरिना का विझिंजम बंदरगाह पर आना भारत के लिए एक रणनीतिक मील का पत्थर है। यह बंदरगाह अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है और 2 मई 2025 को इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था।

इस बंदरगाह ने पहले भी कई बड़े जहाजों जैसे एमएससी तुर्किये और एमएससी मिशेल कैपेलिनी का सफलतापूर्वक स्वागत किया है। यह अब धीरे-धीरे एक वैश्विक कंटेनर ट्रांजिट हब के रूप में उभर रहा है,जो भारत को कोलंबो,दुबई और सिंगापुर जैसे समुद्री हब्स की कतार में खड़ा करता है।

एमएससी इरिना केवल आकार और क्षमता के मामले में ही विशेष नहीं है,बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के आधुनिक मानकों पर भी खरा उतरता है। इस जहाज में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने वाली तकनीकों का उपयोग किया गया है,जिससे कार्बन उत्सर्जन में लगभग 4 प्रतिशत की कमी आती है।

यह जहाज लाइबेरिया के झंडे के तहत चलता है और इसे मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था। अप्रैल 2023 में इसकी पहली व्यावसायिक यात्रा शुरू हुई थी। यह जहाज 26 टियर्स ऊँचाई तक कंटेनर ले जाने में सक्षम है,जिससे यह भारी मात्रा में माल को एक साथ ले जा सकता है।

इससे पहले ओओसीएल स्पेन दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज माना जाता था, लेकिन एमएससी इरिना ने 150 टीईयू अधिक क्षमता के साथ इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जहाज निर्माण उद्योग अब और भी बड़े,बेहतर और ग्रीन शिपिंग समाधानों की ओर अग्रसर है।

एमएससी इरिना का भारत में आगमन न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है,बल्कि यह भारत की वैश्विक सप्लाई चेन में बढ़ती भागीदारी को भी दर्शाता है। यह संकेत है कि भारत अब केवल एक उपभोक्ता देश नहीं रहा,बल्कि वह वैश्विक व्यापार का केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।

एमएससी इरिना का विझिंजम बंदरगाह पर डॉकिंग भारतीय समुद्री इतिहास के लिए एक सुनहरा अध्याय है। यह घटना केवल एक जहाज के आगमन से कहीं अधिक है। यह भविष्य के समुद्री व्यापार,पर्यावरणीय जिम्मेदारी और वैश्विक लॉजिस्टिक्स में भारत की भूमिका को परिभाषित करती है। आने वाले समय में विझिंजम जैसे बंदरगाह भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएँगे।