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इंडिगो ने ऑपरेशन सिंधु में भागीदारी को बताया गर्व का क्षण,भारत सरकार का आभार जताया

नई दिल्ली,20 जून (युआईटीवी)- इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध के हालात के बीच,भारत सरकार ने विदेश में फँसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की है। इस मानवीय राहत अभियान में भारत की प्रमुख निजी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे अपनी सेवा भावना का प्रतीक बताया है।

इंडिगो ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए भारत सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू का आभार व्यक्त किया। कंपनी ने लिखा, “हमें गर्व है कि हम ऑपरेशन सिंधु का हिस्सा बनकर इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान फँसे भारतीय नागरिकों को भारत वापस लाने में योगदान दे पा रहे हैं। यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है।”

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक,भारत सरकार ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध की स्थिति को देखते हुए अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ को शुरू किया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य उन भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना है,जो वर्तमान में इजरायल में रह रहे हैं और भारत लौटना चाहते हैं।

इस निकासी अभियान के तहत,भारतीय नागरिकों को पहले लैंड बॉर्डर के जरिए सुरक्षित स्थान तक पहुँचाया जाएगा और वहाँ से विमान के माध्यम से भारत लाया जाएगा। इस पूरे प्रयास में एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइंस की मदद ली जा रही है,जो विशेष उड़ानों के माध्यम से इन नागरिकों को घर वापस ला रही हैं।

इंडिगो ने स्पष्ट किया कि इस तरह के मानवीय कार्यों में भाग लेना कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। अपने आधिकारिक बयान में एयरलाइन ने कहा, “सेवा की भावना के साथ हम निकासी अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं और अधिक-से-अधिक भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए उड़ानों की व्यवस्था कर रहे हैं।”

कंपनी ने यह भी बताया कि वह भारत सरकार द्वारा संचालित ऑपरेशन सिंधु में पूरी तरह सहयोग कर रही है,ताकि समय पर निकासी संभव हो सके और किसी भी आपात स्थिति में फंसे भारतीयों की मदद की जा सके।

भारत सरकार ने इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक आधिकारिक एडवाइजरी भी जारी की है,जिसमें उन्हें भारतीय दूतावास,तेल अवीव में पंजीकरण कराने की सलाह दी गई है।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “भारत सरकार विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इजरायल में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे तुरंत दूतावास में पंजीकरण करें और जरूरत पड़ने पर 24/7 कंट्रोल रूम से संपर्क करें।”

इसके साथ ही मंत्रालय ने बताया कि तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और भारतीय समुदाय के साथ नियमित संपर्क में है, ताकि जरूरत के समय हर संभव सहायता प्रदान की जा सके।

ऑपरेशन सिंधु के तहत एक रणनीतिक व्यवस्था तैयार की गई है जिसमें दो चरणों में निकासी की योजना है,जिसमें पहला चरण भारतीय नागरिकों को स्थानीय भूमि मार्गों के जरिए सुरक्षित क्षेत्रों तक पहुँचाया जाएगा,जहाँ सुरक्षा की स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर है और दूसरा चरण इन नागरिकों को चार्टर्ड या विशेष उड़ानों के जरिए भारत वापस लाया जाएगा।

इस प्रक्रिया को तेज़ी और सुरक्षा के साथ संपन्न कराने के लिए भारत सरकार,विदेश मंत्रालय,नागरिक उड्डयन मंत्रालय और निजी एयरलाइनों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है।

भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पहले भी ऐसे कई ऑपरेशनों को अंजाम दे चुका है। ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन युद्ध के दौरान) और ऑपरेशन कावेरी (सूडान संकट के दौरान) के बाद, ‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत की बढ़ती वैश्विक जिम्मेदारी और नागरिकों की रक्षा में प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस संकट के समय इंडिगो जैसी निजी कंपनियों की भागीदारी यह संकेत देती है कि भारत की निजी और सार्वजनिक संस्थाएँ मिलकर वैश्विक संकटों से निपटने में सक्षम हैं।

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंधु,न केवल फँसे भारतीयों के लिए राहत लेकर आया है,बल्कि यह भारत की मानवीय प्रतिबद्धता और वैश्विक संकटों में सक्रिय भूमिका का प्रतीक भी बन गया है।

इंडिगो जैसी एयरलाइन कंपनियों की सक्रिय भागीदारी से इस अभियान की गति और प्रभावशीलता और भी बढ़ गई है। भारत सरकार,विदेश मंत्रालय और एयरलाइनों के संयुक्त प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी भारतीय नागरिक संकट की स्थिति में अकेला न छूटे।

ऑपरेशन सिंधु भारत के उस दृष्टिकोण को दोहराता है,जिसमें “जन-जन की सुरक्षा ही राष्ट्र की प्राथमिकता है।”