निपाह वायरस

निपाह वायरस ने फिर बढ़ाई चिंता,केरल के पलक्कड़ में एक और मौत,स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर

तिरुवनंतपुरम,14 जुलाई (युआईटीवी)- केरल में निपाह वायरस का खतरा एक बार फिर सिर उठाने लगा है। पलक्कड़ जिले के कुमारमपुथुर क्षेत्र में एक 58 वर्षीय व्यक्ति की निपाह संक्रमण से मृत्यु ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताओं को और गहरा कर दिया है। राज्य पहले से ही निपाह के संक्रमण को लेकर सतर्क था,लेकिन इस नए मामले ने कोविड के बाद एक बार फिर सामुदायिक संक्रमण की आशंका को बल दिया है।

शनिवार रात कुमारमपुथुर निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई। उसकी बुखार, थकान और निपाह से मिलते-जुलते लक्षणों के लिए चिकित्सा देखभाल चल रही थी। हालत बिगड़ने पर सैंपल को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी),पुणे भेजा गया। रविवार को आई रिपोर्ट में उसकी निपाह संक्रमण से मौत की पुष्टि हुई।

यह केस जिले में इस साल का दूसरा पुष्ट मामला है,जिससे सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों की निगरानी व्यवस्था अब और सख्त हो गई है।

हालाँकि,एनआईवी से आधिकारिक पुष्टि रविवार को हुई,लेकिन पलक्कड़ और मलप्पुरम जिले के स्वास्थ्य अधिकारी पहले से ही सतर्क थे। संदिग्ध लक्षणों को देखते हुए उन्होंने संपर्क ट्रेसिंग और क्वारंटीन की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी थी।

अब तक मृतक के संपर्क में आए 46 लोगों की पहचान की जा चुकी है,जिन्हें निगरानी में रखा गया है। इनमें उनके परिवार के सदस्य,पड़ोसी और अस्पताल कर्मी शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को प्रेस को जानकारी देते हुए कहा,“मृतक की गतिविधियों का रूट मैप तैयार कर लिया गया है। उसकी यात्राओं और मुलाकातों की जानकारी सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय निगरानी के माध्यम से जुटाई गई है। एनआईवी की पुष्टि के बाद इसे औपचारिक रूप से सार्वजनिक किया जाएगा।”

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने मृतक की मृत्यु के पहले के चार दिनों की गतिविधियों का विशेष अध्ययन किया है।

कुमारमपुथुर और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी और स्क्रीनिंग अभियान तेज कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने वाली टीमें निवासियों से संपर्क कर रही हैं। वे बुखार,सिरदर्द,उल्टी और भ्रम जैसी लक्षणों की जाँच कर रहे हैं और निवारक उपायों की जानकारी भी दे रहे हैं।

मंत्री वीना जॉर्ज ने जनता से अपील की है कि वे बिना ज़रूरत अस्पतालों में न जाएँ, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, “हमें स्वास्थ्य टीमों को और सशक्त बनाना है और सामुदायिक प्रसार को हर हाल में रोकना है। इसलिए अनावश्यक भीड़ अस्पतालों में न करें और मास्क पहनना अनिवार्य रूप से पालन करें।”

राज्य सरकार ने निर्देश जारी किया है कि अस्पतालों में मरीजों के साथ आने वाले लोगों की संख्या सीमित हो और स्वास्थ्यकर्मी,देखभाल करने वाले व मरीज सभी मास्क पहनें।

वर्तमान में केरल के चार जिलों में 543 लोगों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। पलक्कड़ में 219 व्यक्ति,मलप्पुरम में 208 व्यक्ति,कोझीकोड में 114 व्यक्ति और एर्नाकुलम में 2 व्यक्ति।

इसके अलावा कोझीकोड,त्रिशूर,कन्नूर और वायनाड जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

निपाह वायरस एक जानलेवा जूनोटिक वायरस है,यानी यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। यह फ्रूट बैट्स (फल खाने वाले चमगादड़) के जरिए फैलता है और इंसान-से-इंसान में संपर्क के माध्यम से भी संचारित हो सकता है।

इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार,सिरदर्द,उल्टी,भ्रम,दौरे और कोमा जैसी स्थिति शामिल हो सकती है। मृत्यु दर 70% तक हो सकती है,जो इसे एक बेहद गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा बनाता है।

केरल में निपाह संक्रमण के मामले 2023 और 2024 में समय-समय पर सामने आते रहे हैं। पिछले एक वर्ष में यह छठा मामला है। इनमें जुलाई 2024 में पांडिक्कड़ में 14 वर्षीय लड़का,जिसकी मौत हो गई और सितंबर 2024 में वंडूर में 24 वर्षीय युवक,जो संक्रमण से नहीं बच सका शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पहले कोझीकोड में भी दो पुष्ट केस मिले थे।

केरल एक बार फिर निपाह वायरस के संकट से जूझ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता,समय से सैंपलिंग,कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और लोगों की सजगता ही इसका समाधान है।

राज्य सरकार ने गंभीरता से हालात पर नजर रखनी शुरू कर दी है,लेकिन संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जनसहभागिता सबसे अहम है। मास्क,दूरी,सावधानी और समय पर सूचना देना,ये सभी मिलकर ही केरल को एक बार फिर निपाह से उबार सकते हैं।

पलक्कड़,मलप्पुरम या आसपास के क्षेत्रों में रहने वालों से आग्रह किया गया है कि बुखार या अन्य संदिग्ध लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।