नई दिल्ली,23 जुलाई (युआईटीवी)- मंगलवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के एक विमान में आग लगने की घटना सामने आई। यह हादसा हांगकांग से दिल्ली आ रही उड़ान संख्या एआई 315 के लैंडिंग के दौरान हुआ। एयरपोर्ट पर लैंडिंग और गेट पर पार्किंग के तुरंत बाद विमान के सहायक पावर यूनिट (एपीयू) में आग लग गई। हालाँकि,राहत की बात यह रही कि इस घटना में विमान में सवार सभी यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं और उन्हें बिना किसी चोट के बाहर निकाल लिया गया।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हांगकांग से दिल्ली पहुँचने के बाद जब फ्लाइट गेट पर पार्क हुई,तभी अचानक विमान के एपीयू से धुआँ उठने लगा और आग लग गई। यह हादसा उस समय हुआ,जब यात्री विमान से उतरना शुरू ही हुए थे। प्रवक्ता के मुताबिक, “आग लगने के तुरंत बाद सिस्टम ने स्वतः ही एपीयू को बंद कर दिया। सिस्टम की डिजाइन इस तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार की जाती है,ताकि आग फैलने से पहले ही उसे नियंत्रित किया जा सके।” एयर इंडिया ने बताया कि आग लगने के बावजूद सभी यात्री और चालक दल के सदस्य सामान्य तरीके से विमान से उतर गए।
एयर इंडिया ने यह भी कहा कि इस घटना से विमान को कुछ हद तक नुकसान हुआ है और जाँच के लिए फिलहाल इसे उड़ान संचालन से हटा दिया गया है। नियामक संस्था को इस हादसे की जानकारी दे दी गई है। तकनीकी टीम को भी घटना की जाँच के लिए लगा दिया गया है,ताकि यह पता लगाया जा सके कि एपीयू में आग कैसे लगी।
घटना के बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर थोड़ी देर के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया। विमान में मौजूद यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तुरंत आपातकालीन प्रक्रियाएँ अपनाई गईं। यात्रियों को सुरक्षित लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट के टर्मिनल में ले जाया गया।
एपीयू यानी ऑक्सीलियरी पावर यूनिट विमान का एक अहम हिस्सा है,जिसका मुख्य कार्य विमान को जमीन पर रहते हुए बिजली और आवश्यक शक्ति प्रदान करना होता है। आमतौर पर विमान की पूँछ में स्थित यह छोटा गैस टर्बाइन इंजन होता है, जो मुख्य इंजनों को शुरू करने के लिए संपीड़ित हवा (कंप्रेस्ड एयर) उत्पन्न करता है। उड़ान के दौरान भी यह विभिन्न महत्वपूर्ण प्रणालियों को आवश्यक शक्ति प्रदान करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार,एपीयू में आग लगने की घटनाएँ अत्यधिक दुर्लभ होती हैं,लेकिन तकनीकी खराबी या ओवरहीटिंग की वजह से ऐसा संभव है। इस तरह की घटनाओं के लिए विमानन कंपनियों के पास आपातकालीन प्रोटोकॉल होते हैं,जिनके तहत आग लगते ही सिस्टम स्वतः बंद हो जाता है,ताकि बड़ा हादसा टल सके। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि इस घटना में सुरक्षा प्रोटोकॉल सही समय पर सक्रिय हुए और इस वजह से सभी यात्री सुरक्षित रहे।
एयर इंडिया ने कहा है कि विमान को फिलहाल तकनीकी जाँच के लिए रोक दिया गया है और मरम्मत का काम जाँच पूरी होने के बाद ही शुरू किया जाएगा। विमानन नियामक संस्थाएँ भी घटना की बारीकी से जाँच कर रही हैं। एयरलाइन ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात दोहराई और कहा कि ऐसे मामलों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक सुरक्षा जाँच की जाती है।
इस घटना के बाद यात्रियों और उनके परिवारों में थोड़ी चिंता जरूर बढ़ी,लेकिन एयर इंडिया ने राहत की जानकारी देते हुए कहा कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और किसी को भी कोई चोट नहीं आई। विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक विमानों में लगाए गए एपीयू और अन्य तकनीकी उपकरणों में ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय होते हैं।
फिलहाल एयर इंडिया घटना की जाँच में जुटी हुई है और जल्द ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एयरलाइन ने भरोसा दिलाया है कि जाँच के बाद आवश्यक तकनीकी बदलाव किए जाएँगे,ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को पूरी तरह रोका जा सके।