गुरुग्राम, 27 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)| गुरुग्राम पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) के नाम पर पॉप-अप के जरिए अमेरिकी नागरिकों को ठग रहा था। पुलिस ने रविवार को बताया, “इस कॉल सेंटर में कथित तौर पर अमेरिकी नागरिकों को एसएसएन को ब्लॉक करने की धमकी दी जाती थी और उन्हें 100 से 800 डॉलर का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता था।”
पुलिस ने इनके कब्जे से दो लैपटॉप, तीन मोबाइल और तीन आई-वॉच बरामद की है।
गिरफ्तार हुए लोगों की पहचान अहमदाबाद निवासी जिनाल अलकेश आचार्य और मुंबई के मूल निवासी वैभव सुसानिया के रूप में हुई है। आरोपियों ने बताया कि पिछले छह महीने से चालू इस कॉल सेंटर के माध्यम से इन्होंने कई विदेशियों को ठगा है।
उन्होंने खुलासा किया कि इस मामले का कर्ताधर्ता उनका साथी पार्थ केसु है, जो दमन और दीव का मूल निवासी है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पुलिस को सूचना मिली थी कि उद्योग विहार फेज-3 से एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की एक टीम ने कॉल सेंटर पर छापेमारी की, जहां 16 पुरुष और चार महिला कर्मचारी कंप्यूटर पर अपने ग्राहकों से अंग्रेजी भाषा में बात कर रहे थे।”
उन्होंने आगे कहा कि यह कथित कॉल सेंटर दूरसंचार विभाग के किसी भी वैध ओएसपी लाइसेंस या उनके काम से संबंधित किसी अन्य एग्रीमेंट के बिना चल रहा था।
शुरूआती जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी अमेरिकी लोगों का डेटा अलग-अलग वेबसाइट से खरीदते थे। उसके बाद वे अपने सर्वर पर डेटा अपलोड करके अमेरिकी लोगों को बल्क में मेसेजेस भेजते थे।
जांच अधिकारी निरीक्षक चंदर वल्लभ ने कहा, “अपराधियों ने अमेरिकी लोगों को फोन किया और 100 से 800 डॉलर की मांग की, उन्हें धमकी दी कि अगर वे रकम नहीं चुकाते हैं तो वे उनके एसएसएन को ब्लॉक कर देंगे।”
साइबर क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।