ग्रामीण भारत के 15 ‘स्वदेश दर्शन’ स्थलों को पर्यटन मंत्रालय करेगा विकसित

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में 15 ‘स्वदेश दर्शन’ स्थलों की पहचान की है, जिन्हें पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी के अनुसार इन स्थलों पर पर्यटक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर उसे विश्वस्तरीय बनाया जाएगा।

मंत्रालय के अनुसार इसका प्राथमिक उद्देश्य चयनित स्थलों व गंतव्यों पर पर्यटन बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और यात्रियों के अनुभव और संतुष्टि को बढ़ाना है।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत ग्रामीण सर्किटके अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं में बिहार के गांधी सर्किट का विकास किया जाएगा और केरल मालानाड मालाबार रूल पर्यटन परियोजना का विकास किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार दोनों विकास परियोजना का काम 31 मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के लिए बजट आवंटन किया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना के तहत चिन्हित विषयों के तहत 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिसमें ग्रामीण थीम के तहत 2 परियोजनाएं शामिल हैं। पर्यटन की पहचान, संवर्धन और विकास मुख्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि पर्यटकों को अनिवार्य रूप से विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित और पेशेवर पर्यटक सुविधा प्रदाताओं का एक पुल बनाया जा सके, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गंतव्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार किया जा सके। इस संबंध में, स्वास्थ्य मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने पहले ही कोविड-19 सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल को अधिसूचित कर दिया है। मंत्रालय ने आतिथ्य उद्योग (साथी) में आकलन, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए एक प्रणाली स्थापित की है, ताकि कोविड-19 के संदर्भ में सुरक्षा और स्वच्छता दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और कर्मचारियों व ग्राहकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।

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