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वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में अपने मलमूत्र के धब्बों को देखकर नई एम्पेरर पेंगुइन कॉलोनी का पता लगाया

लंदन, 24 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)| वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अंटार्कटिका में उनके गुआनो (मलमूत्र) के धब्बों को देखकर एक नई एम्पेरर पेंगुइन कॉलोनी की खोज की है, जो गहरे रंग की है और बर्फ और चट्टान के बगल में है, जो आसानी से पहचानी जा सकती है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण (बीएएस) के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम के अनुसार, यह नई कॉलोनी अंटार्कटिका के तट के आसपास कुल 66 ज्ञात एम्पेरर पेंगुइन कॉलोनियां बनाती हैं, जिनमें से आधे उपग्रह इमेजरी द्वारा खोजे गए हैं।

लगभग 500 पक्षियों को नए स्थान पर रखा गया है, जो वेस्ट अंटार्कटिका के वर्लेगर पॉइंट पर है।

प्रमुख लेखक डॉ. पीटर फ्रेटवेल ने कहा, “यह एक रोमांचक खोज है। अंटार्कटिका के समुद्र तट की नई उपग्रह छवियों ने हमें कई नई कॉलोनियों को खोजने में सक्षम बनाया है। हाल ही में खोजे गए कई स्थलों की तरह यह कॉलोनी छोटी है और हाल ही में समुद्री बर्फ कम होने से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र में है।”

टीम ने यूरोपीय आयोग के कोपरनिकस सेंटिनल-2 उपग्रह मिशन से छवियों का अध्ययन किया, जिनकी तुलना मैक्सर वल्र्डव्यू-3 उपग्रह से उच्च रिजॉल्यूशन की छवियों से की गई और पुष्टि की गई।

बीएएस के अनुसार, “सम्राट पेंगुइन को प्रजनन के लिए समुद्री बर्फ की जरूरत होती है और वे उन क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जिनका अध्ययन करना बहुत कठिन होता है, क्योंकि वे दूरस्थ व अक्सर दुर्गम होते हैं और तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस कम हो सकता है।”

पिछले 15 वर्षो से ब्रिटिश अंर्टाकटिक सर्वेक्षण (बीएएस) के वैज्ञानिक बर्फ पर अपने गुआनो के दागों के लिए उपग्रह इमेजरी खोज कर नई कॉलोनियों की तलाश कर रहे हैं।

एम्पेरर पेंगुइन को समुद्री बर्फ के नुकसान के प्रति संवेदनशील माना जाता है, जो उनके पसंदीदा प्रजनन आवास हैं।

जलवायु परिवर्तन के वर्तमान अनुमानों के साथ, इस आवास में कमी आने की संभावना है।

सबसे हालिया परियोजनाओं से पता चलता है कि मौजूदा वार्मिग प्रवृत्तियों के तहत सदी के अंत तक 80 प्रतिशत कॉलोनियां अर्ध-विलुप्त हो जाएंगी।

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