मुंबई,16 मई (युआईटीवी)- 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। इस निर्मम घटना में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई,जिनमें पर्यटक और एक स्थानीय निवासी शामिल थे। राष्ट्रीय आक्रोश और सुरक्षा पर बढ़ती चिंता के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।
इस ऑपरेशन की खास बात यह है कि यह भारत के इतिहास में 1971 के युद्ध के बाद सबसे बड़ा ट्राई-सर्विस (थल, वायु और नौसेना) एक्शन माना जा रहा है। इस व्यापक सैन्य प्रतिक्रिया का असर न केवल सुरक्षा रणनीति पर पड़ा,बल्कि इसका प्रत्यक्ष प्रभाव देश के शेयर बाजार,खासकर रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों पर भी पड़ा है।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के साथ ही भारतीय रक्षा सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया। निवेशकों का आत्मविश्वास इन कंपनियों में अचानक बढ़ गया, जिससे निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में 9.39% की वृद्धि दर्ज की गई,जबकि उसी अवधि में प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी केवल 1.98% बढ़ा।
इससे स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की आक्रामक नीति और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार के प्रयासों ने इस सेक्टर को निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है।
इस तेजी में कुछ खास कंपनियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,जिनमें पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड,गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड,मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल),डेटा पैटर्न्स इंडिया और डीसीएक्स सिस्टम्स शामिल हैं।
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड में 22 अप्रैल से अब तक लगभग 40% की बढ़त दर्ज की। इसका फोकस उन्नत रक्षा टेक्नोलॉजी पर है,जिससे इस तेजी का सीधा लाभ मिला,वहीं गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने लगभग 28% की वृद्धि दर्ज की। यह कंपनी नौसेना के लिए युद्धपोतों के निर्माण में अग्रणी है। मिसाइल निर्माण और रक्षा सामग्रियों में अग्रणी मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने 26% से अधिक की वृद्धि हासिल की,वहीं एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति में योगदान देने वाली डेटा पैटर्न्स इंडिया और डीसीएक्स सिस्टम्स दोनों में 20% से अधिक रिटर्न दर्ज की।
इस सकारात्मक माहौल का असर रक्षा कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन पर साफ दिखाई दिया। आँकड़ों के अनुसार भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने ₹23,683 करोड़ का इजाफा किया,हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने ₹21,654 करोड़ का योगदान दिया,भारत डायनेमिक्स ने ₹12,345 करोड़ की बढ़त दर्ज की,मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने ₹9,971 करोड़ की वृद्धि दर्ज की,सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया ने ₹6,859 करोड़ की बढ़त हासिल की।
इन आँकड़ों से यह साबित होता है कि भारतीय रक्षा कंपनियों का आर्थिक आधार और निवेशकों का भरोसा दोनों मजबूत हुए हैं।
जहाँ व्यापक बाजार (ब्रॉड मार्केट्स) में कुछ हद तक इंट्रा-डे अस्थिरता देखी गई, वहीं रक्षा क्षेत्र सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला सेक्टर बना रहा। निवेशकों का मानना कि सरकार अब रक्षा क्षेत्र में अधिक पूँजी निवेश करेगी। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं से घरेलू कंपनियों को फायदा होगा। पाकिस्तान और पीओके में हुई सटीक सैन्य कार्रवाई ने भारत की सैन्य क्षमताओं पर भरोसा बढ़ाया।
आमतौर पर भू-राजनीतिक तनाव बाजारों में डर और गिरावट का कारण बनते हैं,लेकिन इस बार भारत में इसका उल्टा असर हुआ है। इसका मुख्य कारण भारत की दृढ़ सैन्य नीति,रक्षा उपकरण निर्माण में घरेलू उत्पादन का बढ़ता स्तर और सरकार का स्पष्ट रुख कि भारत में आतंकी कार्रवाई को “युद्ध जैसी कार्रवाई” माना जाएगा है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद रक्षा सेक्टर में आई तेजी इस बात का संकेत है कि अब यह क्षेत्र सिर्फ सुरक्षा का नहीं,बल्कि आर्थिक अवसरों का भी केंद्र बन चुका है। निवेशकों के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि यदि रक्षा कंपनियों में रणनीतिक रूप से निवेश किया जाए,तो यह दीर्घकालिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
सरकार की नीतियाँ,सैन्य कार्रवाइयाँ और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदम इस सेक्टर को “हाई-ग्रोथ ज़ोन” बना रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध सिर्फ सीमाओं पर नहीं,बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ा जा रहा है और भारत उसमें जीत की ओर अग्रसर है।