अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (तस्वीर क्रेडिट@lramkrishna59)

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम आतंकी हमले की जाँच में पाकिस्तान से भारत को सहयोग देने की उम्मीद जताई

वाशिंगटन,2 मई (युआईटीवी)- अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के प्रति एकजुटता दिखाई है और पाकिस्तान से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग की उम्मीद जताई है। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया लगातार सामने आ रही है। इसी क्रम में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यह बयान एक साक्षात्कार के दौरान फॉक्स न्यूज के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘स्पेशल रिपोर्ट विद ब्रेट बेयर’ में दिया।

जेडी वेंस ने अपने बयान में कहा कि, “हमें उम्मीद है कि भारत इस आतंकी हमले का ऐसा जवाब देगा,जिससे क्षेत्र में किसी व्यापक संघर्ष की स्थिति पैदा न हो,लेकिन आतंकियों को उचित सजा जरूर मिले।” उन्होंने पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि इस हमले के पीछे पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी समूहों का हाथ है,तो अमेरिका यह आशा करता है कि पाकिस्तान भारत के साथ मिलकर जाँच और कार्रवाई में सहयोग करेगा।

वेंस ने यह बयान उस समय दिया,जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। पहलगाम हमले में कुल 26 लोग मारे गए थे,जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक शामिल था। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि जेडी वेंस और उनका परिवार हमले के दौरान चार दिन की भारत यात्रा पर था। यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के विभिन्न नेताओं से मुलाकात की थी और भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की थी। हमले के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी और हमले की कठोर शब्दों में निंदा की थी।

हमले के बाद भारत सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के हर कृत्य का सटीक और कठोर जवाब दिया जाएगा। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को एक सार्वजनिक बयान में कहा, “अगर कोई यह सोचता है कि कायरतापूर्ण हमला उनकी जीत है,तो उन्हें याद रखना चाहिए कि यह नरेंद्र मोदी का भारत है और एक-एक करके बदला लिया जाएगा।”

शाह का यह बयान स्पष्ट रूप से आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाले गुटों को एक सीधी चेतावनी था। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत अब किसी भी तरह के आतंकी हमलों को सहन नहीं करेगा और हर हमले का जवाब सटीक तरीके से दिया जाएगा।

हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी सक्रिय पहल की है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दोनों से बातचीत की। इस बातचीत में रुबियो ने पाकिस्तान से माँग की कि वह जाँच में पूर्ण सहयोग करे और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सकारात्मक प्रयास करे।

पहलगाम में हुआ हमला हाल के वर्षों में कश्मीर घाटी में नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए सबसे घातक हमलों में से एक है। ऐसे हमले न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती हैं,बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी गंभीर खतरा हैं। इस तरह के हमले आम नागरिकों के मन में डर पैदा करते हैं और पर्यटन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को भी प्रभावित करते हैं।

भारत को आतंकवाद से निपटने के लिए न केवल अपनी रणनीतिक शक्ति को सुदृढ़ करना होगा,बल्कि वैश्विक सहयोग भी आवश्यक है। अमेरिका द्वारा दिया गया यह बयान भारत के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को दर्शाता है। साथ ही,यह पाकिस्तान पर भी दबाव बनाने का एक कूटनीतिक प्रयास है कि वह अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकी गुटों को नियंत्रित करे।

आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत इस हमले का जवाब किस रूप में देता है और क्या पाकिस्तान वास्तव में जाँच में सहयोग करता है या नहीं,लेकिन एक बात तो तय है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा।