सब्जियां

कोरोना काल में एक एफपीओ ने फल, सब्जी बेचकर कमाया 6.5 करोड़

नई दिल्ली, 8 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- कोरोना काल में किसानों से फल और सब्जियों का संग्रह करके शहरों में बेचकर एक एफपीओ ने 6.5 करोड़ रुपये का कारोबार किया। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के इस कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ करीब 600 किसान जुड़े हुए हैं। साथ ही, ऐप के माध्यम से इसने 22,000 से अधिक ग्राहकों को भी जोड़ रखा है। एफपीओ के ये सभी ग्राहक देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और पुणे में हैं जिनसे ऑर्डर लेकर उन्हें पैकेट में फल व सब्जियों की डिलीवरी दी जाती है। किसान कनेक्ट नामक इस एपफपीओ के संस्थापक अहमदनगर जिले के सारंग निर्मल ने बताया कि कोरोना काल में जब किसान अपने फल व सब्जियां नहीं बेच पा रहे थे तभी उनके मन में एक आइडिया आया कि क्यों न मुंबई और पुणे में रहने वाले लोगों से सीधे संपर्क कर उनको ताजे फल व सब्जियां भेजा जाए।

हाल ही में दिल्ली दौरे पर आए निर्मल ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने व्हाट्सऐप के जरिए मुंबई और पुणे के निवासियों से फलों और सब्जियों का ऑर्डर लेना शुरू किया और उनके ऑर्डर के मुताबिक ताजे फल व सब्जियों का पैकेट बनाकर उन्हें डिलीवर करने लगे।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नये कृषि कानून से उनका काम और आसान हो गया है क्योंकि नये कानून में कृषि उपज का कारोबार पूरे देश में कहीं भी बेरोकटोक किया जा सकता है जबकि पहले व्यापार के मकसद से किसान भी जब एक शहर से दूसरे शहर अपनी उपज ले जाते थे तो वहां की एपीएमसी वाले उनके पीछे लगे रहते थे।

बकौल सारंग निर्मल धीरे-धीरे नये ग्राहक जुड़ते चले गए फिर उन्होंने किसान कनेक्ट नामक एक ऐप बनाया और इसी नाम से मार्च में गठित एफपीओ में आज 598 किसान जुड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि किसानों से फल और सब्जी लेकर सीधे ग्राहकों को बेचने से किसानों को मंडियों से ज्यादा दाम मिलता है क्योंकि इस प्रकार के ट्रेड में कहीं बिचैलिया नहीं है। किसान कनेक्ट किसानों का संगठन है और इसके जरिए होने वाले व्यापार का फायदा भी एफपीओ से जुड़े किसानों को मिलता है।

किसान कनेक्ट का पूरा प्रबंधन संभालने वाले सारंग निर्मल ने बताया कि मार्च में उन्होंने व्हाट्सऐप के जरिए यह काम शुरू किया और अब तक किसान कनेक्ट ने 6.5 करोड़ रुपये का कारोबार किया है और इसे लगातार बढ़ाने की योजना पर वह काम कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *