एफएलजीबी4 क्लास में अश्विन दत्ता का डबल, नोवाइस कप में सईद का क्लीन स्वीप

एफएलजीबी4 क्लास में अश्विन दत्ता का डबल, नोवाइस कप में सईद का क्लीन स्वीप

कोयम्बटूर, 12 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- जेके टायर-एफएमएससीआई नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप (जेकेएनआरसी) के 23वें सीजन के उद्घाटन राउंड में शनिवार को कारी मोटर स्पीडवे पर काफी रोमांच देखने को मिला। इस राउंड के दूसरे दिन अश्विन दत्ता और आमिर सईद ने चमकदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों को दोयम साबित किया। कोट्टयम ेक 16 साल के चालक सईद ने जेके टायर नोवाइस कप में अपना वर्चस्व दिखाते हुए हर रेस में जीत हासिल की। अब तक वह कुल चार रेस जीत चुके हैं। सईद पहली बार कारी मोटर स्पीडवे पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं लेकिन उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका मन मोह लिया।

एक तरफ जहां दूसरे काफी ट्रिकी और धीमे पहले कार्नर पर संघर्ष करते नजर आए वहीं सईद ने सीमित ट्रैक टाइम के बावजूद इसे बड़ी सरलता से टैकल किया। असल में सईद ने इस मुश्किल कार्नर को अपनी मजबूती बनाकर शुक्रवार को दोनों रेस जीती और खुद को मजबूत स्थिति में ले जाने में सफल रहे। इसके बाद सईद ने शनिवार को भी दो रेसें जीतीं और दर्शकों की भी तालियां सबसे अधिक हासिल कीं।

प्रीमियर क्लास के तौर पर जाने जाने वाले फार्मूला एलजीबी4 में डॉर्क डॉन रेसिंग टीम के अश्विन दत्ता ने शानदार और रेयर डबल हासिल किया। एमस्पोर्ट टीम के विष्णु प्रसाद ने शुक्रवार को दोनों रेसें जीती थीं लेकिन चेन्नई के इस अनुभवी चालक को शनिवार को दूसरे रेस में प्रतिस्पर्धा कड़ी होने का अंदाजा लग गया क्योंकि अश्विन दत्ता ने शानदार ड्राइविंग की।

इस रेस के दौरान कुछ सांस रोक देने वाले लम्हे भी आए क्योंकि कई मौकों पर कारें स्पिन भी कर गईं। सेफ्टी कार को ट्रैक पर बुलाना पड़ा लेकिन इन सबके बीच अश्विन ने अपना संयम बनाए रखा और जीत हासिल करते हुए अपनी टीम को खुशी प्रदान किया। निश्चित तौर पर अश्विन ने येलो फ्लैग के तले रेस पूरी की क्योंकि सेफ्टी कार को चौथी बार ट्रैक पर बुलाना पड़ा था।

एमस्पोर्ट के स्टार रघुल रंगास्वामी और विष्णु प्रसाद से आगे रहते हुए रेस पूरी करने वाले अश्विन ने कहा, “पहले सेक्टर में मैं थोड़ा स्लो था लेकिन वह आत्मविश्वास से भरा हुआ था और इसीलिए मैं पेस हासिल करने में सफल रहा। यह रेस काफी डरावनी घटनाओं से भरी रही और सेफ्टी कार को केई मौकों पर ट्रैक पर बुलाना पड़ा। रेस इसी का तो नाम है।”

दूसरी रेस में रघुल ने शुरुआत से एडवांटेज ले रखा था लेकिन बीच रास्ते में उनकी कार ने धोखा दे दिया। विष्णु ने इस मौके का फायदा उठाया और आगे निकल गए। अब मुकाबला विष्णु और अश्विन के बीच मुकाबला था। विष्णु ने अच्छी खासी लीड ले रखी थी और वह डबल की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे थे तभी रेस समाप्त होने के दो लैप पहले सेफ्टी कार आ गई।

दत्ता ने दोनों हाथों से इस मौके का फायदा उठाया और दूसरे कार्नर पर विष्णु को पीछे छोड़ने में सफल हो गए। विष्णु ने अंतिम बार जोर लगाना चाहा लेकिन दत्ता ने स्मार्टनेस दिखाते हुए रेस जीत ली।

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